इतिहास

212 विश्व विख्यात व्यक्तित्व (संक्षेप में)| 212 World Famous Personalities in Hindi

अनुक्रम (Contents)

212 विश्व विख्यात व्यक्तित्व (संक्षेप में)| 212 World Famous Personalities in Hindi

World Famous Personalities in Hindi-आज हम आपके साथ विश्व के कुछ great leaders के जीवन के कुछ किस्सो के बारे में बतायेंगे  जिन्हें पढ़कर आप समझ जाएंगे की आखिर उनका व्यक्तित्व इतना प्रसिद्ध किस वजह से था. यह उन व्यक्तियों में से एक हैं जिनकी आज के समय में भारत को बहुत जरुरत हैं.

  1. अकबर (1542-1605 ई.)- मुगल साम्राज्य का महानतम शासक। उसने मुगल साम्राज्य का विस्तार किया और उसे मुख्य रूप से धार्मिक सहिष्णुता और राजपूतों के साथ मित्रतापूर्ण सम्बंधों के लिए जाना जाता है। उसने एक नए धार्मिक पंथ ‘दीन-ए-इलाही की स्थापना की।
  2. अल बरूनी (970-1039 ई.)- प्रसिद्ध लेखक जो महमूद गजनवी के साथ भारत आया और भारत पर विश्व प्रसिद्ध किताब ‘किताब-उल-हिंद लिखी।
  3. अलाउद्दीन बहमन शाह- बहमनी राज्य के संस्थापक।
  4. अलाउद्दीन खिलजी- दिल्ली सल्तनत का सबसे सक्षम शासक जिसने मूल्य नियंत्रण प्रणाली लागू की। इसके शासनकाल के दौरान दिल्ली सल्तनत का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ।
  5. अलबुकर्क (1453-1515 ई.)- भारत में पुर्तगाली वायसराय। 1510 ई. में उसने गोवा व दीव पर अधिकार जमाया।
  6. अल्बर्ट आइंस्टीन (1879-1955 ई.)- न्यूटन के बाद महानतम् वैज्ञानिक। 1905 में ‘क्वांटम सिद्धांत का प्रयोग करके ‘फोटो विद्युत प्रभाव की व्याख्या की। द्रव्यमान व ऊर्जा के मध्य सम्बंध स्थापित करने के लिए श्व=द्वष्२ समीकरण का प्रतिपादन किया। ब्राऊनियन गति की व्याख्या करके परमाणु सिद्धांत की पुष्टिï की। सापेक्षता के विशिष्टï सिद्धांत (Special Theory of relativity) का प्रतिपादन किया। 1916 में सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत (General theory of relativity) का प्रकाशन। 1921 में नोबेल पुरस्कार।
  7. एलेन ऑक्टोवियन ह्यूम (1829-1912 ई.)- ब्रिटिश सरकार में सिविल सर्र्वेंट जिन्होंने  भारतीय राष्टरीय कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  8. अमीर खुसरो (1255-1325 ई.)- इनको ‘पैरेट ऑफ इंडिया कहा जाता है। वे प्रसिद्ध साहित्यकार, इतिहासकार व संगीतज्ञ थे। सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया के शिष्य के रूप में प्रसिद्ध।
  9. अर्दशीर- 226 ई. में ईरान में सस्सानिद वंश के संस्थापक।
  10. अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (1847-1922 ई.)- स्कॉटिश अमेरिकी, जिसने टेलीफोन का आविष्कार किया।
  11. अरस्तू (384-322 ई. पू.)- ग्रीक दार्शनिक, साहित्यकार व वैज्ञानिक। सिकंदर महान के शिक्षक व प्लेटो के शिष्य। उन्होंने तर्कशास्त्र (Logic) की स्थापना की।
  12. आर्यभट्ट (476-520 ई.)- भारतीय खगोलशास्त्री व गणितज्ञ जो चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। उन्हें बीजगणित (algebra) के आविष्कार का श्रेय है। वे पहले खगोलशास्त्री थे जिन्होंने  बताया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है।
  13. अशोक महान (शासन 269-232 ई. पू.)- प्राचीन भारत का महानतम शासक। 261 ई. पू. में कलिंग युद्ध के पश्चात् उसने हिंसा का मार्ग छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लिया।
  14. अश्वघोष- कुषाण सम्राट कनिष्क के अध्यात्मिक गुरू, जिन्होंने प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ ‘बुद्धचरितम्’ की रचना की।
  15. अतातुर्क कमाल (1881-1938 ई.)- तुर्की जनरल व राजनीतिज्ञ। उन्होंने तुर्की में खिलाफत का अंत करके वहाँ गणतंत्र की स्थापना की और तुर्की को एक आधुनिक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में स्थापित किया।
  16. आंद्रे मेरी एम्पियर (1775-1836 ई.)- फ्रांसीसी वैज्ञानिक जिसने एम्पियर के नियमों का प्रतिपादन किया। विद्युत धारा की इकाई का नामकरण इन्हीं पर किया गया है।
  17. अलेक्जेंडर फ्लेमिंग (1881-1955 ई.)- स्कॉटिश वैज्ञानिक जिन्होंने प्रथम एंटीबायोटिक ‘पेनीसिलिन’ की खोज 1928 में की।
  18. ऑर्थर कॉम्पटन (1892-1962 ई.)- अमेरिकी भौतिकविद् जिन्हें 1927 में ‘कॉम्पटन प्रभाव’ (Compton Effect) की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। ‘कॉम्पटन प्रभाव’ से ही प्रकाश के द्विस्वभाव(Dual nature) की जानकारी हुई।
  19. अर्नेस्ट रदरफोर्ड (1871-1937)- प्रसिद्ध भौतिकविद जिन्होंने परमाणु की संरचना की खोज की जिससे नाभिकीय युग (Nuclear Age) की शुरुआत हुई।
  20. अल्फ्रेड नोबेल (1833-1896 ई.)- स्वीडिश रसायनविद व आविष्कारक। इन्होंने डाइनामाइट का आविष्कार किया और इन्हीं के नाम से चिकित्सा, साहित्य, अर्थशास्त्र, भौतिकी, रसायनशास्त्र और शांति के लिए प्रत्येक वर्ष नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  21. ऑगस्टस (63 ई. पू. – 14 ई.)- प्रथम रोमन सम्राट। उन्होंने मिस्र पर विजय प्राप्त की और रोम में नैतिक धार्मिक सुधारों को लागू किया।
  22. आर्कमिडीज़ (287-212 ई. पू.)- ग्रीक के प्रसिद्ध गणितज्ञ जिनको ‘उत्प्लावन के सिद्धांतों (Principle of buoyancy) के प्रतिपादन का श्रेय है।
  23. इयूक्लिड (330-260 ई. पू.)- यूनान के प्रसिद्ध गणितज्ञ जिन्होंने ज्यामिति (geometry) में अनेक महत्वपूर्ण खोजें कीं।
  24. एडविन पॉवेल हब्बल (1869-1953 ई.)- अमेरिकी खगोलविद जिन्होंने सबसे पहले ब्रह्मड के अकल्पनीय आकार की खोज की।
  25. औरंगजेब- (1618-1707 ई.)- मुगल सम्राज्य का अंतिम महान सम्राट जिसने साम्राज्य का सुदूर दक्षिण तक विस्तार किया, किन्तु उसकी धार्मिक असहिष्णुता की नीति ने मुगल राज्य को धक्का पहुँचाया।
  26. बाबर (1483-1530 ई.)- भारत में मुगल साम्राज्य का संस्थापक जिसने अप्रैल 1526 में पानीपत के युद्ध में इब्राहिम लोदी को परास्त किया। तुर्की में आत्मकथा ‘तुजुक-ए-बाबरी लिखी।
  27. बाणभट्ट- हर्षवद्र्धन के दरबारी कवि। प्रसिद्ध कृति ‘हर्षचरित।
  28. बाडेन पावेल (1857-1941 ई.) – बॉय स्काउट्स मूवमेंट के संस्थापक (1908 ई.)।
  29. बालाजी विश्वनाथ- मराठा साम्राज्य के प्रथम पेशवा (1731 ई.)।
  30. बलवन, गियास-उद्-दीन- दिल्ली सल्तनत के सुल्तान (1265-86)। उसने ‘सजदा व ‘पाएबोस जैसे तुर्की रिवाजों को अपने दरबार में लागू किया।
  31. बिथोवन- विश्व के महानतम संगीतकारों व कम्पोजरों में से एक।
  32. बेसंट, एनी (1846-1933 ई.)- आयरिश सामाजिक सुधारक, 1917 में भारतीय राष्टï्रीय काँग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष। 1916 में होम रूम लीग की स्थापना की।
  33. भीमराव अम्बेडकर (1891-1956 ई.)- दलितों के मसीहा। भारतीय संविधान के निर्माता जो 1947 से 1951 के मध्य भारत के कानून मंत्री रहे।
  34. बिम्बसार (शासन 544-493 ई. पू.)- मगध राज्य के प्रथम महत्वपूर्ण राजा।
  35. बिस्मार्क (1815-1898 ई.)- 19वीं शताब्दी में जर्मनी के सर्वाधिक सशक्त राजनीतिज्ञ जिन्होंने जर्मनी का एकीकरण करके उसकी स्थापना की।
  36. बोस, सुभाषचंद्र (1897-1945 ई.)- इन्हें ‘नेताजी के उपनाम से जाना जाता है। वे एक शक्तिशाली राष्टï्रवादी नेता थे जो  भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना करके अंग्रेजों से टक्कर ली।
  37. भाभा, डा. होमी जे. (1909-1966 ई.)- भारत के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक। भारतीय अणु कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं।
  38. भगत सिंह– प्रसिद्ध क्रांतिकारी व विचारक जिन्हें लाहौर षडयंत्र केस में फांसी दी गई।
  39. भास्कराचार्य (जन्म 1114 ई.) – प्रसिद्ध गणितज्ञ व खगोलशास्त्री। प्रसिद्ध कृति- सिद्धांत शिरोमणि।
  40. बोस, नंद लाल- प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार जिन्होंने  कई प्रसिद्ध पेंटिंग्स बनाईं।
  41. बुद्ध, गौतम (523 ई. पू. -453 ई. पू.)- बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था। वे कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन के पुत्र थे। उन्होंने संसार का त्याग किया और ज्ञान की प्राप्ति के बाद बुद्ध कहलाये।
  42. सीज़र, जूलियस (100-44 ई. पू.)- रोमन जनरल व तानाशाह। उसने गाउल पर विजय प्राप्त की, राइन नदी पार करके ब्रिटेन पर दो बार आक्रमण किया।
  43. चैतन्य (1485-1533 ई.)- कृष्ण भक्त संत जिन्होंने उड़ीसा, बंगाल व पूर्वी दक्कन में कृष्ण भक्ति का प्रचार-प्रसार किया।
  44. चाणक्य (चौथी सदी ई. पू.)- चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। उनकी कृति ‘अर्थशास्त्र आज भी लोगों के मध्य प्रसिद्ध है। वह चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू व प्रधानमंत्री थे। इनकी मौर्य वंश की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका थी।
  45. चंद्रगुप्त मौर्य (शासन 321-298 ई. पू.)- मौर्य साम्राज्य के संस्थापक। उन्होंने मौर्य साम्राज्य का अफगानिस्तान तक विस्तार किया। इनके शासनकाल के दौरान ग्रीक राजदूत मेगास्थनीज़ भारत आया था।
  46. चंगेज खान (1162-1227 ई.) – मंगोल योद्धा जिसने मंगोल साम्राज्य को चीन, रूस के अधिकाँश भागों और पूर्व में काला सागर तक फैलाया। चंगेज खान का साम्राज्य अभी तक का सर्वाधिक विशाल साम्राज्य था।
  47. चियांग काई शेक (1887-1975 ई.)- चीनी राजनीतिज्ञ जिन्हें चीन के एकीकरण का श्रेय दिया जाता है (1926-28 ई.)। बाद में राष्टï्रवादी सरकार का नेतृत्व किया। (1928-49 ई.)। 1949 ई. में चीनी क्रांति के बाद ताइवान में निर्वासित सरकार का नेतृत्व।
  48. क्लाइव, रॉबर्ट (1725-1774 ई.)- भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक। 1757 ई. में प्लासी की लड़ाई में बँगाल के शासक सिराजुद्दौला को परास्त करके  ब्रिटिश राज्य की नींव रखी।
  49. कोलम्बस, क्रिस्टोफर (1451-1506 ई.)- इतावली भौगोलिक अन्वेषणकर्ता, जिन्होंने 1498 ई. में अमेरिका की खोज की।
  50. कोपरनिकस, निकोलस (1473-1543 ई.) – पोलिश खगोलशास्त्री जिन्होंने प्रतिपादित किया कि पृथ्वी सहित सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
  51. साइरस- ईरान का महान शासक जिसने बेबीलोन को 539 ई. पू. में पराजित करके अपने साम्राज्य को एशिया माइनर (तुर्की) तक फैलाया।
  52. दादा भाई नौरोजी (1825-1917 ई.)- ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात दादा भाई नौरोजी तीन बार भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अध्यक्ष रहे। ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस के लिए निर्वाचित होने वाले प्रथम भारतीय।
  53. दारा शिकोह (1614-1659 ई.)- मुगल सम्राट शाहजहाँ का वरिष्ठï पुत्र जिसकी हत्या औरंगजेब ने करवाई थी। धार्मिक सहिष्णुता के लिए प्रसिद्ध दारा ने ‘गीता का फारसी में अनुवाद करवाया था।
  54. दारा प्रथम (548-486 ई. पू.)- फारस के सम्राट। उन्होंने 490 ई. पू. में यूनान पर आक्रमण किया, किंतु मैराथन के मैदान में पराजित।
  55. दयानंद सरस्वती (1824-1883 ई.)- इन्होंने 1875 में सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए ‘आर्य समाज की स्थापना की। वेदों के ईश्वरीय वाणी होने का समर्थन करते हुए उन्होंने ‘सत्यार्थ प्रकाश की रचना की।
  56. डुप्ले (1697-1764 ई.)- भारत में फ्रांसीसी गवर्नर-जनरल जिसने अंग्रेजों के खिलाफ द्वितीय कर्नाटक युद्ध में विजय प्राप्त की।
  57. एडविन लुटएंस- ब्रिटिश वास्तुकार जिसने नई दिल्ली का निर्माण किया।
  58. आइजनहावर, ड्विट डेविड (1890-1969 ई.)- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर। बाद में वे सं. रा. अमेरिका के 34 वें राष्ट्रपति बने।
  59. एकनाथ- मध्यकालीन भक्ति आंदोलन के संत व कवि जिन्होंने मराठी भाषा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जातिप्रथा का कड़ा विरोध किया।
  60. फाह्यान- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय में भारत आने वाला पहला चीनी यात्री। उसके लेखों को गुप्त काल का ऐतिहासिक प्रमाण माना जाता है।
  61. फिरदौसी (930-1020 ई.)- फारसी भाषा के प्रसिद्ध कवि जिनकी कालजयी कृति ‘शाहनामा में प्राचीन फारस की गाथा गाई गई है।
  62. फ्लोरेंस नाइटेंगल (1820-1910 ई.)- क्रीमिया युद्ध में घायल सैनिकों की सेवा हेतु संगठित प्रयास करने वाली प्रसिद्ध नर्स। इन्हें ‘लेडी विद द लैम्प के उपनाम से भी जाना जाता है।
  63. गुरू गोबिंद सिंह (1666-1708 ई.)- सिक्खों के दसवें व अंतिम गुरू जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की (आनंदपुर, 1699 ई.)। सिक्खों को एक लड़ाकू जाति के रूप में व्यवस्थित किया।
  64. गाँधी, महात्मा (1869-1948 ई.)- बापू व राष्टï्रपिता के नाम से विख्यात महात्मा गाँधी को विश्व के महानतम व्यक्तियों में से एक माना जाता है। उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए सत्याग्रह व अहिंसा जैसे अभिनव अस्त्रों का प्रयोग किया। 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोड़से ने उनकी हत्या कर दी।
  65. गैरीबाल्डी (1807-1882 ई.)- इटली के एकीकरण में मुख्य भूमिका निभाई। इन्होंने मैजिनी के साथ मिलकर इटली में ‘यंग इटली मूवमेंट चलाया।
  66. गोपाला- बँगाल के पाल वंश के संस्थापक (750 ई.)।
  67. गोविन्द- महानतम राष्ट्रकूट शासक जिसने प्रतिहार, चोल, पांड्य, गंगा व पल्लव को हराया।
  68. गुरू नानक देव (1469-1538 ई.)- सिक्ख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरू। इनका जन्म नानकाना साहिब (पाकिस्तान) में हुआ था।
  69. गुरू तेग बहादुर- ये सिक्खों के नौवें गुरू थे। 1675 ई. में औरंगजेब ने इनकी हत्या करवा दी थी।
  70. कैप्टेन जेम्स कुक (1728-1779 ई.)- ब्रिटिश नौचालक जो अंटार्कटिक वृत्त दक्षिण की यात्रा करने वाले प्रथम मानव बने। उन्होंने प्रशांत महासागर की भी खोज की।
  71. चार्ली चैपलिन (1889-1977 ई.)– इंग्लैण्ड में जन्में विश्वविख्यात अमेरिकी हास्य अभिनेता और निर्देशक। प्रमुख फिल्में- ‘द ट्रैम्प, ‘द किड, ‘द गोल्ड रस, ‘द सर्कस, ‘सिटी लाइट्स, ‘द ग्रेट डिक्टेटर, ‘लाइमलाइट।
  72. चाल्र्स डार्विन (1809-1862 ई.)- महान जीव वैज्ञानिक, जिन्होंने दक्षिणी सागर के वन्य जीवन का गहरा अध्ययन करने के उपरांत अपनी पुस्तक ‘द ओरीजिन ऑफ स्पीसीज़ की रचना की। उनके अनुसार मानव का विकास वानर समान पूर्वज से हुआ है।
  73. चाल्र्स डिकेन्स (1812-1870 ई.)- विक्टोरियन इंग्लैंड के महानतम उपन्यासकारों में से एक। प्रसिद्ध उपन्यास ‘ऑलिवर ट्विस्ट’, ‘ग्रेट एक्सपेक्टेशन्स, ‘डेविड कॉपरफील्ड आदि।
  74. कन्फ्यूशियस (लगभग 551-479 ई. पू.)– चीनी दार्शनिक और राजनीतिक चिंतक, जिनके चिंतन का प्रभाव चीन में आधुनिक काल तक रहा।
  75. कार्ल बेंज (1844-1929 ई.)- जर्मन इंजीनियर जिन्होंने 1895 ई. में आंतरिक दहन इंजन (Internal Combustion Engine) का आविष्कार किया।
  76. एडवर्ड जेन्नेर (1749-1823 ई.)- अंग्रेज वैज्ञानिक जिसने चेचक (Small Pox) के टीके का आविष्कार किया।
  77. गैब्रियल फारेनहाइट (1686-1736 ई.)- जर्मन-डच वैज्ञानिक जिन्होंने प्रथम मरकरी और फारेनहाइट थर्मामीटर का निर्माण किया।
  78. गुग्लीमो मारकोनी (1874-1937 ई.)- इतालवी विद्युत इंजीनियर एवं रेडियो का आविष्कारक। 1909 ई. में उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  79. गैलीलियो (1564-1642 ई.)- इतालवी खगोलविद् जिन्होंने शक्तिशाली दूरबीन का आविष्कार किया और बृहस्पति के उपग्रहों की खोज की। उन्होंने सूर्य-केन्द्रित कोपरनिकस सिद्धांत का समर्थन किया, जिसके फलस्वरूप उन्हें मृत्युदंड दिया गया।
  80. ग्रेगर जोहन मेंडल (1822-1884 ई.)- ऑस्ट्रियाई वनस्पतिशास्त्री जिन्होंने अनुवांशिकता के  सिद्धांतों की खोज की।
  81. गाट्टलिब डेमलर (1834-1900 ई.)- आंतरिक दहन इंजन के आविष्कारकर्ता जिन्होंने कार्ल बेंज के साथ संयुक्त रूप से डेमलर बेंज कम्पनी की स्थापना की।
  82. जॉन डाल्टन (1766-1844 ई.)– अंग्रेज रसायनशास्त्री जिन्होंने परमाणु सिद्धांत का प्रतिपादन किया और परमाणु भारों (Atomic Energy) की आवर्त सारणी का प्रकाशन किया।
  83. जॉर्ज वाशिंगटन (1732-1799 ई.)- अमेरिकी जनरल और प्रथम राष्ट्रपति (1789-92 ई.)। 1781 ई. में यॉर्कशायर में कॉर्नवालिस को पराजित किया जिससे अमेरिका को स्वतंत्रता मिली। 1789 ई. में अमेरिका के प्रथम राष्टï्रपति बने।
  84. जॉन एफ. कैनेडी (1917-1963 ई.)- 35वें अमेरिकी राष्ट्रपति (1960-65)। इनके कार्यकाल में ही क्यूबा मिसाइल संकट पैदा हुआ (1962 ई.)। किंतु इनके कार्यकाल के दौरान ही ‘आंशिक परमाणु प्रतिबंध संधि पर हस्ताक्षर किए गए (1963 ई.)। 1963 में डलास में हत्या।
  85. जॉन कैबो (1425 -1500 ई.)- इतालवी भौगोलिक अन्वेषणकर्ता और नौचालक। इंग्लैण्ड के शासक हेनरी सप्तम के प्रोत्साहन के अंतर्गत उत्तरी अमेरिकी की खोज की।
  86. जॉर्ज बर्नार्ड शॉ (1856-1950 ई.)- आयरलैण्ड में जन्में नाटककार एवं आलोचक। प्रमुख नाटक ‘सीज़र एण्ड क्लियोपेट्रा, ‘मेजर बारबरा, ‘पिग्मेलियॉन इत्यादि।
  87. जीसस क्राइस्ट (4 ई. पू.-30 ई.)- ईसाई धर्म के संस्थापक, बेथलेहम में जन्म, बाल्यावस्था नाजरेथ में बीती, जॉन द बैपटिस्ट के द्वारा बपतिस्मा। 30 ई. में जेरूशलम में आगमन, इनके शिष्य जुडास ने धोखा देकर उन्हें पकड़वाया। ईशनिंदा के आरोप में सूली पर चढ़ाए गए। अपनी मृत्यु के दो दिन बाद पुनर्जीवित हुए।
  88. जेम्स वॉट (1736-1819 ई.)- स्कॉटलैण्ड के इंजीनियर जिन्होंने प्रथम बार वाष्प शक्ति का अवलोकन किया। इनके नाम पर ही शक्ति की एक मापन इकाई का नाम ‘वाट रखा गया।
  89. जोसेफ प्रीस्टले (1733-1804 ई.)- अंग्रेज रसायनशास्त्री जिन्होंने ऑक्सीजन, अमोनिया, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइडों की खोज की।
  90. जॉन मिल्टन (1608-1674 ई.)- इंग्लैण्ड के ख्याति प्राप्त महाकाव्य लेखक और कवि जो अंधे थे। इनके प्रसिद्ध महाकाव्य- ‘पैराडाइज लॉस्ट’ तथा ‘पैराडाइज़ गेन्ड’।
  91. जीन हेनरी डुनेन्ट (1509-1564 ई.)- स्विज़ समाजसेवी जिन्होंने रेडक्रॉस की स्थापना की (1864 ई.)। जिनेवा कन्वेंशन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  92. जस्टिनियन प्रथम (483-565 ई.)- 537 ई. से रोमन बाइजेन्टिनियाई सम्राट, जो अपने प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रसिद्ध थे।
  93. जोसे डि सैन मार्टिन (1778-1850 ई.)- अर्जेन्टीनियाई क्रांतिकारी जिन्होंने दक्षिणी अमेरिकी देशों को स्पेनी औपनिवेशवाद से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।  उनके प्रयासों से अर्जेन्टीना (1814-16 ई.), चिली (1817-18 ई.) और पेरू (1821 ई.) को स्वतंत्रता मिली।
  94. जैकस कार्टियर (1491-1577 ई.)- फ्रांसीसी नौचालक जिन्होंने न्यूफाउंडलैंड (कनाडा) की खोज की।
  95. जॉन डनलप (1840-1921 ई.)- स्कॉटलैंडवासी वैज्ञानिक जिन्होंने न्यूमेटिक टायर का आविष्कार किया।
  96. जेम्स जूल (1818-1889 ई.)- इंग्लिश वैज्ञानिक जिन्होंने ऊष्मा के बारे में क्रांतिकारी नियम प्रतिपादित किए। ‘ऊर्जा के संरक्षण का नियम (Law of Conservation of energy) का प्रतिपादन उन्होंने ही किया। उन्हीं के नाम पर ऊर्जा की इकाई का नामकरण ‘जूल किया गया।
  97. जोसेफ स्टालिन (1879-1953 ई.)- सोवियत संघ का निरंकुश शासक। 1922 ई. से सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और 1924 में सोवियत संघ के शासक। कम्युनिस्ट पार्टी में अपने विरोधियों की हत्या के दोषी। मित्र राष्ट्रों के ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध में भाग लिया। जर्मन आक्रमण को निष्फल किया।
  98. जॉर्ज ऑरेवल (1903-1950 ई.)- इंग्लैंडवासी उपन्यासकार जिन्होंने आने वाले भविष्य की तस्वीरें अपने उपन्यासों में पेश कीं। प्रमुख उपन्यास ‘एनीमल फार्म’, ‘नाइनटीन एट्टफोर’ आदि।
  99. डब्ल्यू ए. मोजार्त (1756-1791 ई.)- ऑस्ट्रिया के प्रख्यात संगीतज्ञ, जिन्हें विश्व के सर्वाधिक प्रसिद्ध संगीतकारों में से एक माना जाता है।
  100. डेन बेन गुरऑन (1886-1993 ई.)- इज़रायली राजनीतिज्ञ और प्रथम प्रधानमंत्री (1948-53 ई; 1955-63 ई.)।
  101. डेविड (लगभग 1000 ई. पू.)- एकीकृत इज़रायल के प्रथम राजा और गोलिएथ के वधकर्ता। जीसस क्राइस्ट के पूर्वज।
  102. डेंग जिआओपिंग (1904-1997 ई.)- चीनी कम्युनिस्ट राजनीतिज्ञ व कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव (1956-57 ई.)। चीन में आधुनिकीकरण और अर्थव्यवस्था सुधार का श्रेय इन्हें ही दिया जाता है।
  103. दमित्री मेंडेलीव (1834-1907 ई.)- रूसी रसायनशास्त्री जिन्होंने रासायनिक तत्वों की ‘आवत्र्त तालिका’ (PEriodic Table) का निर्माण करके उसे व्यवस्थित किया।
  104. बार्थोलोम्यू डियाज़ (लगभग 1450-1500 ई.)- प्रसिद्ध पुर्तगाली नाविक जिसने सबसे पहले अफ्रीका के दक्षिण-पूर्व तट पर स्थित ‘केप ऑफ गुड होप’ की खोज की।
  105. जोहानेस गुटेनबर्ग (1398-1468 ई.)- जर्मन वैज्ञानिक जिन्होंने प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार करके आधुनिक प्रिंटिंग का मार्ग प्रशस्त किया।
  106. हम्मूराबी (मृत्यु 1750 ई. पू.)- बेबीलोन के सम्राट जिन्होंने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को संचालित करने के लिए कानूनी संहिता का निर्माण किया।
  107. हन्नीबल (247-182 ई. पू.)- प्राचीन विश्व के सर्वाधिक सफल जनरलों में से एक।
  108. हर्षवद्र्धन (शासन 606-647 ई. पू.)- उत्तर भारत के अंतिम महान हिन्दू सम्राट। उन्होंने अपनी राजधानी थानेसर से कन्नौज स्थानांतरित की। पुलकेशिन द्वितीय के हाथों पराजित।
  109. हेरोडोटस- ग्रीक दार्शनिक जिन्हें ‘इतिहास का जनक’ माना जाता है
  110. हिटलर, एडोल्फ (1889-1945 ई.)- ऑस्ट्रिया में जन्मा तानाशाह जिसका 20वीं सदी में जबर्दस्त प्रभाव पड़ा। उसने जर्मन पार्टी की स्थापना की और 1933 में देश का चांसलर बना। 1939 में जर्मनी ने पोलैण्ड पर आक्रमण किया जिससे द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई। सोवियत संघ और उत्तरी अफ्रीका में पराजय के बाद उसने आत्महत्या कर ली।
  111. होमर (9वीं शताब्दी ई. पू.)- ग्रीक लेखक जिन्होंने कालजयी महाकाव्य ‘द इलियड एंड ओडिसी’ का सृजन किया।
  112. हुमायूँ (1508-1556 ई.)- बाबर का ज्येष्ठï पुत्र जो 1530 में उसका उत्तराधिकारी बना। 1540 में शेरशाह सूरी के हाथों पराजय। 1555 में दिल्ली पर पुन: विजय।
  113. हैदर अली (1721-1782 ई.) – 1761 ई. में मैसूर के राजा नंजराजा को अपदस्थ करके हैदर अली सुल्तान बना। 1782 में द्वितीय एंग्लो-मैसूर युद्ध के दौरान मृत्यु।
  114. इब्न बतूता (1304-1378 ई.)- 1333 में भारत आने वाला अफ्रीकी (तांजियर) यात्री। उसने आठ वर्ष भारत मेें बिताए और मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासनकाल के बारे में काफी कुछ लिखा।
  115. जयदेव- 12वीं शताब्दी में प्रसिद्ध संस्कृत कृति ‘गीत गोविंद’ के रचनाकार।
  116. कल्हण- 11वीं शताब्दी के कश्मीरी कवि और ‘राजतरंगिणी’ के लेखक जिसमें कश्मीर के इतिहास का वर्णन किया गया है।
  117. कालीदास (लगभग 400 ई.)- संस्कृत के  महान कवि व नाट्य लेखक कालीदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में ‘शकुंतला’, ‘रघुवंश’, ‘मेघदूत’, और ‘कुमार संभव’ शामिल हैं।
  118. कंबन- वे चोल सम्राट के दरबारी कवि थे और उन्होंने रामायण का तमिल भाषा में अनुवाद किया।
  119. कनिष्क (120-162 ई.)- कुषाण वंश का महानतम सम्राट; बौद्ध धर्म का उपासक जिसका साम्राज्य मध्य-एशिया तक फैला था।
  120. करिकाल- दूसरी शताब्दी ई. का प्रसिद्ध चोल सम्राट जिसने साम्राज्य की राजधानी पुहार (वर्तमान कावेरीपट्टनम) का निर्माण कराया।
  121. कबीर (1440-1515 ई.)- निर्गुण भक्ति धारा के संत कवि और रामानंद के शिष्य कबीर ईश्वर की अखंडता में विश्वास करते थे और हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्षधर थे।
  122. खारवेल- कलिंग (उड़ीसा) का प्राचीनकाल में महानतम सम्राट जिसके बारे में ‘हाथीगुम्फा शिलालेख’ से जानकारी मिलती है।
  123. ख्वाज़ा मुइनुद्दीन चिश्ती (12वीं शताब्दी)- भारत में चिश्ती सिलसिले के संस्थापक सूफी संत। वे 1192 में भारत आए।
  124. कृष्णादेव राय (शासन 1509-1530 ई.)- विजयनगर साम्राज्य के महानतम शासक। वे तेलुगू व संस्कृत के  विद्वान थे और उन्होंने ‘अमुक्तमलयादा’ नामक पुस्तक की रचना की।
  125. लियोनार्डो डि विन्ची (1452-1519 ई.)- इतालवी कलाकार, स्थापत्यकार, वास्तुशास्त्री, इंजीनियर, आविष्कारकर्ता, वैज्ञानिक व गणितज्ञ। इन्हें पुनर्जागरण का प्रतिनिधि पुरुष माना जाता है। ‘मोनालिसा और ‘द लास्ट सपर’ भित्ति चित्रों का निर्माण।
  126. लाल बहादुर शास्त्री (1904-1966 ई.)- 1964 ई. में वे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उनके शासनकाल के दौरान भारत-पाक युद्ध (1965) हुआ जिसकी परिणति ताशकंद समझौते में हुई।
  127. लाला लाजपत राय (1865-1928 ई.)- ‘पंजाब के शेर के उपनाम से विख्यात लाला लाजपत राय ने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। साइमन कमीशन के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान लाठीचार्ज से मौत।
  128. लाओ त्जु (600 ई. पू.)- चीनी दार्शनिक और ताओवाद के संस्थापक।
  129. लक्ष्मीबाई, झाँसी की रानी (1835-1858 ई.)- झाँसी की शासक जो एक महान योद्धा थीं। उन्होंने 1857 के गदर के दौरान अपनी वीरता से अंग्रेजों के दाँत खट्ट किए।
  130. लेनिन, व्लादीमिर (1870-1924 ई.)- रूसी क्रांतिकारी नेता व बोल्शेविक पार्टी के संस्थापक जिन्होंने 1917 की रूसी क्रांति का नेतृत्व किया। 1922 में सोवियत संघ की स्थापना की।
  131. लिंकन, अब्राहम (1809-1866 ई.)- सं. रा. अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति जिन्होंने दास-प्रथा का उन्मूलन किया। 1865 ई. में जॉन विल्केस बूथ के हाथों हत्या।
  132. मैकियावेली, निकोलो (1469-1527 ई.)- इतालवी राजनीतिशास्त्री व दार्शनिक। प्रसिद्ध कृति ‘प्रिंस’।
  133. मैगेलान, फर्डीनांड (1480-1521 ई.)- पुर्तगाली अन्वेषणकर्ता जिन्होंने 1522 ई. में पृथ्वी की परिक्रमा की।
  134. महावीर (540-468 ई. पू.) – वे जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। उनका जन्म वैशाली के पास हुआ था। 42 वर्ष की आयु में उन्हें कैवल्य (आध्यात्मिक ज्ञान) की प्राप्ति हुई। भगवानमहावीर ने अपनी शिक्षाओं में अहिंसा पर विशेष जोर दिया।
  135. मार्को पोलो (1254-1324 ई.)- वेनिसवासी व्यापारी व यात्री। चीन की यात्रा  (1271-92 ई.)। इनके यात्रा वृतांत यूरोप में काफी प्रसिद्ध हुए।
  136. माओ त्से तुंग (1893-1976 ई.)- चीनी कम्युनिस्ट चिंतक व क्रांतिकारी। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना में मुख्य भूमिका (1921 ई.)। दक्षिण-पूर्वी चीन में कम्युनिस्ट रिपब्लिककी स्थापना (1931-34 ई.)। 1934 ई. में ऐतिहासिक लाँग मार्च। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद चियाँग काई शेक को पराजित करके देश के राष्ट्राध्यक्ष बने। सांस्कृतिक क्रांति के दौरान विरोधियों का दमन (1966-69 ई.)।
  137. मार्टिन लूथर (1483-1568 ई.)- जर्मन धर्मशास्त्री व धर्म सुधारक। उन्होंने पोप की सत्ता के खिलाफ विद्रोह किया जिससे प्रोटेस्टेंटवाद का उदय हुआ।
  138. मार्टिन लूथर किंग जू. (1929-1968 ई.)- अमेरिकी अश्वेतों के नेता। ‘सदर्न क्रिश्चियन लीडरशिप कांफ्रेंस’ के संस्थापक। जेम्स अर्ल द्वारा हत्या।
  139. माक्र्स, कार्ल (1818-1883 ई.)- जर्मन अर्थशास्त्री व वैज्ञानिक कम्युनिज्म के प्रतिपादक। उन्होंने एंगेल्स के साथ संयुक्त रूप से मिलकर समाजवाद व साम्यवाद की आधुनिक अवधारणाओं का विकास किया। ‘दास कैपीटल के लेखक जिनका आधुनिक युग पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ा।
  140. मैजिनी- इतालवी राष्ट्रवादी जो 1848 में इटली गणतंत्र के तानाशाह बने। उन्होंने एक स्वतंत्र व एकीकृत इटली की वकालत की।
  141. मेगास्थनीज़- चंद्रगुप्त मौर्य के  दरबार में ग्रीक राजदूत, जिन्होंने अपनी ‘इंडिका’ नामक पुस्तक में मौर्य प्रशासन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
  142. माइकेलएंजिलो (1475-1564 ई.)- इटली के महान चित्रकार एवं मूर्तिकार। इसके द्वारा बनाई गई उत्कृष्टï मूर्तियाँ हैं- पीटर, डेविड, मोजेज आदि जबकि चित्रकृतियाँ हैं- दिवस, रात्रि, ऊषाकाल तथा गोधूलि। इनकी सबसे खूबसूरत चित्रकृति है- ‘द लास्ट जजमेंट’।
  143. मुसोलिनी, बेनितो (1883-1945 ई.)- इतालवी फासिस्ट तानाशाह (1922-43 ई.), द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी और जापान के साथ धुरी का निर्माण। युद्ध में इटली की हार के बाद उसे मृत्युदंड दे दिया गया।
  144. नादिर शाह (1688-1747 ई.)- फारस का बादशाह जिसने 1739 में भारत में आक्रमण करके भयंकर मारकाट की।
  145. नाना साहब पेशवा (1800-1859 ई.)- पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र जिन्होंने 1857 के गदर में केंद्रीय भूमिका निभाई।
  146. नेपोलियन बोनापार्ट (1769-1821 ई.)- फ्रांसीसी सेना के प्रसिद्ध नायक जो 1804 ई. से 1815 ई. तक फ्रांस के सम्राट रहे। उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया और रूस के खिलाफ अनेक युद्धों मेंसफलता प्राप्त की, लेकिन 1815 ई. में वाटरलू युद्ध में पराजित हुए।नरसिंह वर्मन- पल्लव सम्राट जिसने चालुक्य राजा पुलकेशिन द्वितीय को पराजित करने के बाद ‘वातापीकोंडा’ की उपाधि धारण की।
  147. पंपा, पोन्ना, रन्ना– जैन विद्वान जिन्हें कन्नड़ कविता का त्रिरत्न माना जाता है।
  148. पाणिनी- प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरणकार जिन्होंने ‘अष्टध्यायी’ लिखी।
  149. पतंजलि- इन्होंने पाणिनी की ‘अष्टाध्यायी’ पर ‘महाभाष्य’ नामक टीका लिखी। उन्होंने योग पर ‘योगसूत्र’ नामक ग्रंथ लिखा।
  150. पटेल, सरदार वल्लभभाई (1875-1950 ई.)- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख हस्ती। भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार पटेल ने रजवाड़ों के भारतीय संघ में विलय में मुख्य भूमिका अदा की।
  151. प्लेटो (429-347 ई.)- ग्रीक दार्शनिक जिनका पश्चिम पर व्यापक प्रभाव पड़ा। प्रमुख कृतियाँ- ‘द रिपब्लिक’ और ‘द लाज़’
  152. प्लिनी (23-79 ई.)- रोमन इतिहासकार व प्रकृतिवादी। प्रसिद्ध कृति- ‘नेचुरल हिस्ट्री’।
  153. पुलकेशिन द्वितीय (शासन 608-642 ई.)- दक्कन के चालुक्य वंश का सबसे शक्तिशाली सम्राट जिसने हर्षवद्र्धन को पराजित किया था।
  154. राजगोपालाचारी, चक्रवर्ती (1878-1972 ई.)- भारत के अंतिम व प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल (1948-1950 ई.)। स्वतंत्रता के बाद स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की।
  155. राजा राममोहन रॉय (1777-1833 ई.)- बँगाल के समाज सुधारक जिन्होंने सती, पर्दाप्रथा और बालविवाह के उन्मूलन के लिए काफी प्रयास किया। उन्होंने विधवा विवाह और महिला शिक्षा का भी समर्थन किया। वे ‘ब्रह्मï समाज’ के संस्थापक थे।
  156. राजराजा चोल- चोल सम्राट जिसने श्रीलंका पर आक्रमण किया और उसके उत्तरी भाग को अपने राज्य में मिला लिया। तंजौर में राजाराजेश्वर मंदिर का निर्माण कराया।
  157. रवींद्रनाथ टैगोर (1861-1941 ई.)- कवि, उपन्यासकार व दार्शनिक। बंगाल में उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई (गीतांजलि)। प्रमुख कृतियाँ- गोरा, डाकघर, घरे बायरे इत्यादि।
  158. राजेंद्र चोल- चोल वंश का शक्तिशाली सम्राट जिसने बंगाल तक आक्रमण किया और ‘गंगईकोंडाचोलापुरम’ की उपाधि धारण की।
  159. रामानुज (11वीं शताब्दी)- दक्षिणी भारतीय संत व विशिष्टाद्वैतवाद के प्रणेता।
  160. महाराणा प्रताप (16वीं शताब्दी)- मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के युद्ध में पराजय के बावजूद अकबर की अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
  161. तेनजिंग नोर्गे (1914-1986 ई.)- नेपाल के प्रसिद्ध पर्वतारोही जिन्होंने विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट पर सर एडमण्ड हेलरी के साथ 1953 ई. में प्रथम बार विजय प्राप्त की।
  162. थॉमस अल्वा एडीसन (1864-1931 ई.)- महान आविष्कारक वैज्ञानिक  जिन्हें 1,000 से अधिक आविष्कारकारों जैसे विद्युत बल्ब, ग्रामोफोन, चलचित्र आदि का श्रेय प्राप्त  है।
  163. थॉमस माल्थस (1766-1834 ई.)- 28 वें अमेरिकी राष्टïरपति (1913-21 ई.)। ‘लीग ऑफ नेशंस’ के संस्थापक।
  164. नील्स बोह्र (1865-1926 ई.)- डेनमार्कवासी भौतिकविद् जिन्हें परमाणु संरचना पर उनके महत्वपूर्ण कार्य के लिए 1922 ई. में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  165. नीरो (37-68 ई.)- 54 ई. से रोमन सम्राट। अत्याचारी शासक जिसने रोम के जलने (64 ई.) के बाद ईसाईयों पर अत्याचार किए।
  166. नील आर्मस्ट्राँग (1930 ई-)- अमेरिकी अंतरिक्षयात्री जो चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले मानव बने।
  167. निकिता ख्रुश्चेव (1894-1971 ई.)- सोवियत कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव (1953-64 ई.) और राष्ट्राध्यक्ष (1958-64 ई.)।
  168. निकोलस प्रथम (1796-1855 ई.)- 1825 ई. से रूस का ज़ार, एक निरंकुश शासक जिसने अपने राज्य में सभी नागरिकों पर रूसीकरण की प्रक्रिया लादने की कोशिश की।
  169. पाइथागोरस (लगभग 582 ई. पू. – लगभग 497 ई. पू.)- ग्रीक दार्शनिक जिन्होंने  ज्यामिति में पाइथागोरस प्रमेय की अवधारणा प्रस्तुत की।
  170. पीटर प्रथम ‘महान (1659-1706 ई.)- अंग्रेज राजनीतिज्ञ और दार्शनिक। उनकी प्रमुख कृति ‘एडवांसमेंट एंड लर्निंग है। इसमें उन्होंने प्रकृति को समझने के लिए प्रयोग एवंवैज्ञानिक आगम की महत्ता पर जोर दिया।
  171. बालजक (1799-1850 ई.)- फ्रांसीसी लेखक। उन्होंने ‘ल कॉमेडी ह्यूमन शीर्षक के अंतर्गत कई उपन्यास लिखे।
  172. मिखाइल गोर्बाच्योव (1931 ई.-)- सोवियत कम्युनिस्ट शासक (1985-91 ई.)। ‘ग्लासनोस्त व पेरेस्त्रोइका’ की नीति के द्वारा उन्होंने राजनीतिक और आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। 1991 में सोवियत संघ के विखण्डन के बाद इस्तीफा।
  173. माइकेल फैराडे (1791-1867 ई.)- अंग्रेज वैज्ञानिक जिन्होंने वैद्युत-चुम्बकीय विज्ञान की आधारशिला रखी एवं निम्नतापिकी(Cryogenics) पर महत्वपूर्ण शोधकार्य किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्युत मोटर एवं जेनरेटर का भी आविष्कार किया।
  174. मैरी क्यूरी (1867-1935 ई.)- पोलैंड की प्रसिद्ध भौतिकविद् एवं रसायनशास्त्री जिन्होंने अपने पति पियरे क्यूरी के साथ रेडियम की खोज की। इन्हें दो बार 1903 व 1911 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  175. यूरी गगारिन (1934-1986 ई.)– रूसी अंतरिक्षयात्री जो अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले पहले मानव बनें।
  176. रॉबर्ट कोच (1858-1913 ई.)- जर्मन जीवाणु विज्ञानी, जिन्होंने एंथ्रेक्स टीके का आविष्कार किया। उन्होंने तपेदिक एवं अतिसार के जीवाणुओं का पृथ्थकरण भी किया।
  177. रोम्याँ रोलाँ (1886-1944 ई.)- फ्रांसीसी साहित्यकार। 1915 ई. में 10 खण्डों में लिखी पुस्तक ‘जीन ब्रिस्टोफे’ के लिए साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।
  178. लॉर्ड केल्विन (1824-1907 ई.)- स्कॉटिश गणितज्ञ और भौतिकविद्। उन्होंने परमशून्य स्केल का विकास किया।
  179. लुई पॉश्चर (1822-1895 ई.)- फ्रांसीसी रसायनशास्त्री जिन्होंने अवधारणा पेश की कि बीमारियों का मुख्य कारण जीवाणु होते हैं।
  180. वॉल्टेयर (1694-1778 ई.)- फ्रांस के प्रसिद्ध दार्शनिक एवं लेखक। इनकी सबसे प्रसिद्ध रचना कैंडाइड है जिसमें दार्शनिक व्यंग्यों का संकलन है।
  181. विलियम हार्वे (1578-1657 ई.)- अंग्रेज भौतिकविद्। 1935 में न्यूट्रॉन की खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
  182. सिग्मंड फ्रायड (1856-1939 ई.)- ऑस्ट्रियाई मनोचिकित्सक जिन्होंने चेतन और अवचेतन मन की अवधारणा प्रस्तुत की।
  183. बंकिम चंद्र चटर्जी – भारत के राष्टï्रगीत ‘वंदे मातरम् के रचियता जिसे उनके उपन्यास ‘आनंद मठ से लिया गया है.
  184. चैतन्य महाप्रभु (1445-1533 ई.)- बँगाल में भक्ति आंदोलन के जन्मदाता जिन्होंने कृष्ण भक्ति का प्रचार किया।
  185. जमशेदजी टाटा (1813-1904 ई.)- टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) के संस्थापक।
  186. जवाहरलाल नेहरू (1889-1964 ई.)- भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (1947-64 ई.)। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गाँधी के बाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका। गुटनिरपेक्षआंदोलन की स्थापना में मुख्य भूमिका।
  187. इंदिरा गाँधी (1917-1984 ई.)- भारत के दो बार प्रधानमंत्री (1966-77; 1980-84)। 1971 ई. में  भारत-पाक युद्ध के बाद बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाई। 1984 ई. में अपने अंगरक्षकों के हाथों हत्या।
  188. महाराजा रंजीत सिंह (1780-1833 ई.)- पंजाब के सिख महाराजा जिन्होंने 1799 में लाहौर पर कब्जा जमाया। उन्होंने अफगानों से पंजाब छीना।
  189. रूजवेल्ट, फ्रैंकलीन (1882-1945 ई.)- 32वें अमेरिकी राष्ट्रपति (1933-45 ई.)। इन्होंने 1929 की मंदी का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीयकरण की नीति अपनाई।
  190. रूसो, जीन जैकस (1712-1778 ई.)– फ्रांस के महान दार्शनिक जो अपने सामाजिक संविदा सिद्धांत (Social Contract Theory) के कारण चर्चित हुए। इनकी शिक्षाओं और रचनाओं के प्रभाव से ही फ्रांस में क्रांति हुई।
  191. समुद्रगुप्त (330-375 ई.)- चंद्रगुप्त प्रथम के पुत्र व उत्तराधिकारी व शक्तिशाली हिंदू सम्राट। उन्हें अपनी विजय की वजह से ‘भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है।
  192. शंकराचार्य (700-750 ई.)- आदिगुरु शंकराचार्य ने हिंदू अद्वैत दर्शन के प्रसार-प्रचार के लिए देश के चारों कोनों में मठों की स्थापना की, हिंदू धर्म के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका। उनके अद्वैतवाद के दर्शन से हिंदू धर्म काफी गहरे तक प्रभावित हुआ है।
  193. स्वामी विवेकानंद (1863-1902 ई.)- रामकृष्ण परमहंस के शिष्य जिन्होंने वेदांत दर्शन से विश्व को परिचित कराया। 1893 में विश्व धर्म सम्मेलन के दौरान उनके दिए गए भाषण से विश्व भारतीय संस्कृति की महानता से परिचित हुआ। उन्होंने समाजसेवा के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
  194. सरोजनी नायडू (1879-1949 ई.)-  इन्हें ‘नाइटेंगेल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। वे अंग्रेजी की प्रख्यात कवियत्री थीं। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और 1925 में काँग्रेस की अध्यक्ष बनीं। वे उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला गवर्नर थीं।
  195. शाहजहाँ (1592-1666 ई.)- मुगल सम्राट जिनकी ख्याति कला, स्थापत्य और साहित्य के प्रेमी के रूप में है। शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में ताजमहल का निर्माण कराया।
  196. शेक्सपियर, विलियम (1564-1616 ई.)- अंग्रेजी के महानतम कवि एवं नाटककार। उन्होंने 37 नाटक लिखे जिसमें हास्य, ऐतिहासिक, त्रासदी और त्रासद- हास्य नाटक शामिल हैं। प्रमुख नाटक- ‘हेमलेट, ‘मैकबेथ, ‘ओथेलो, ‘किंग लियर, ‘रोमियो एंड जूलियट, ‘ए मिडसमर नाइट्स ड्रीम, ‘द टेम्पेस्ट, ‘हेनरी-5 और ‘जूलियस सीज़र।
  197. सर आइजक न्यूटन (1642-1727 ई.)- अंग्रेज वैज्ञानिक जिन्हें आधुनिक भौतिकी का जनक माना जाता हैै। गति व गुरुत्वाकर्षण के नियमों के प्रतिपादन का श्रेय। प्रसिद्ध कृति ‘प्रिंसिपिया के लेखक।
  198. शेरशाह सूरी (1472-1545 ई.)- उसने 1540-45 ई. के मध्य शासन किया। वह प्रथम मुस्लिम शासक था जिसने प्रशासनिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया। उसके शासनकाल में ही ग्रांड ट्रंक रोड का निर्माण हुआ।
  199. शिवाजी (1627-1680 ई.)- गुरिल्ला युद्ध में माहिर शिवाजी ने मुगल साम्राज्य के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़कर मराठा साम्राज्य की नींव रखी।
  200. स्मिथ, एडम (1723-1790 ई.)- स्कॉटिश अर्थशास्त्री जिन्हें अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है। प्रसिद्ध कृति- ‘वेल्थ ऑफ नेशंस।
  201. तानसेन (लगभग 1492-1589 ई.)- भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान प्रतिनिधि। वे अकबर के नौ रत्नों में से एक थे।
  202. टोडरमल (1556-1605 ई.)- अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक और राजस्व मंत्री।
  203. तुलसीदास (1552-1630 ई.)- महान हिंदी कवि, संत जिन्हें उनकी रचना ‘रामचरितमानस’ के लिए जाना जाता है। रामचरितमानस आज भी करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केद्र बिंदु है।
  204. वाल्मीकि- प्राचीन भारत के महान संस्कृत कवि व ऋषि जिन्होंने रामायण की रचना की।
  205. वास्को-डि-गामा (1460-1524 ई.)- पुर्तगाली नौचालक जिसने भारत के लिए समुद्री रास्ते की खोज की (1498 ई.)।
  206. अमेरिगो वेसपुसी (1451-1512 ई.)- भौगोलिक खोजकर्ता जिन्होंने दक्षिणी अमेरिकी तट की खोज की; इन्हीं के नाम पर अमेरिका का नामकरण किया गया।
  207. तानसेन (लगभग 1492-1589 ई.)- भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान प्रतिनिधि। वे अकबर के नौ रत्नों में से एक थे।
  208. टोडरमल (1556-1605 ई.)- अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक और राजस्व मंत्री।
  209. तुलसीदास (1552-1630 ई.)- महान हिंदी कवि, संत जिन्हें उनकी रचना ‘रामचरितमानस’ के लिए जाना जाता है। रामचरितमानस आज भी करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केद्र बिंदु है।
  210. वाल्मीकि- प्राचीन भारत के महान संस्कृत कवि व ऋषि जिन्होंने रामायण की रचना की।
  211. वास्को-डि-गामा (1460-1524 ई.)- पुर्तगाली नौचालक जिसने भारत के लिए समुद्री रास्ते की खोज की (1498 ई.)।
  212. अमेरिगो वेसपुसी (1451-1512 ई.)- भौगोलिक खोजकर्ता जिन्होंने दक्षिणी अमेरिकी तट की खोज की; इन्हीं के नाम पर अमेरिका का नामकरण किया गया।
  213. अब्दुल गफ्फार खान- ‘फ्रंटियर गाँधी के नाम से प्रसिद्ध; स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ‘नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस के प्रमुख नेता। ‘खुदाई खिदमतगार नामक संगठन के संस्थापक।
  214. अब्दुल रहीम खान-ए-खानं- अकबर के  सेनापति व नव रत्नों में से एक। प्रमुख मध्यकालीन भक्ति कवि।
  215. अबुल फजल (1551-1602 ई.)- अकबर के प्रमुख सलाहकार व सरकारी इतिहासकार। उन्होंने ‘आइने अकबरी व ‘अकबरनामा लिखा।
  216. अहिल्या बाई- इंदौर के महाराजा मल्हार राव होल्कर की विधवा बहू जिन्होंने 1764-1765 तक राज्य पर शासन किया।
  217. अहमद शाह अब्दाली- अफगानिस्तान का शासक जिसने भारत पर सात बार आक्रमण किया, जिसमें 1761 में पानीपत के युद्ध में मराठों की पराजय प्रमुख है।

आप इसे भी पढ़ सकते हैं-

अगर आप इसको शेयर करना चाहते हैं |आप इसे Facebook, WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं | दोस्तों आपको हम 100 % सिलेक्शन की जानकारी प्रतिदिन देते रहेंगे | और नौकरी से जुड़ी विभिन्न परीक्षाओं की नोट्स प्रोवाइड कराते रहेंगे |

Disclaimer:currentshub.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है ,तथा इस पर Books/Notes/PDF/and All Material का मालिक नही है, न ही बनाया न ही स्कैन किया है |हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- currentshub@gmail.com

About the author

shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment