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पद विश्लेषण (Item Analysis) क्या है ?
पद विश्लेषण करने में पद वैधता और पद कठिनता की जाँच की जाती है।
पद वैधता- इसकी जाँच करने की अनेक विधियाँ हैं; यथा- केली विधि, नोमोग्राफ विधि, जॉनसन विधि, स्टेनले विधि, सायमण्ड विधि आदि। इन विधियों में जॉनसन की “उच्च-निम्न विधि” और सायमण्ड विधि अधिक प्रचलित है, क्योंकि इसमें गणना सरलतापूर्वक हो सकती है।
(क) जॉनसन विधि
जॉनसन विधि से पद विश्लेषण करने में उच्च समूह के सही उत्तरों में से निम्न समूहों के सही उत्तर को घटा दिया जाता है और फिर अन्तिम समूह के संभाव्य अन्तर से भाग दिया जाता है।
उदाहरण- एक पद का 400 व्यक्तियों के उच्च समूहों के 60 व्यक्तियों और निम्न समूहों के 50 व्यक्तियों ने ठीक हल किया तो उस पद की-
विभेद सूची (Discrimination Index) =
जबकि D.I. = विभेद सूची
R = सही उत्तर
U= उच्च समूह
L = निम्न समूह
E= अधिकतम सम्भाव्य अन्तर ( अन्तिम समूह )
D.I. = 60-50/80 = 0.125 = .13 लगभग
-इसे दशमलव के दो बिन्दु तक + तथा चिन्ह से व्यक्त किया जाता है।
– उच्च एवं निम्न समूह के बीच विभेद करने वाला DI का अधिकतम मूल्य 1.00 होता है।
-यदि DI= 0 हो तो इसका तात्पर्य है कि वह पद विभेद नहीं करता है।
यदि DI का मूल्य (-) (ऋणात्मक) हो तो इसका तात्पर्य है कि उस पद को उच्च समूह की अपेक्षा निम्न समूह ने अधिक ठीक हल किया है। ऐसे पद को निकाल देते हैं। –
साधारणतया 40 के ऊपर के DI मान को मानक माना जाता है। वैसे 0.30 के मूल्य को भी स्वीकार कर लिया गया है।
(ख) सायमण्ड विधि
सायमण्ड विधि के अन्तर्गत श्रेष्ठ और कमजोर व्यक्तियों के दो समूह बना लिए जाते हैं। प्रत्येक पद के सही उत्तरों की गणना कर ली जाती है। दोनों उत्तरों के सही उत्तरों के मध्य का अन्तर प्रत्येक पद की वैधता को स्पष्ट करता है।
स्पष्टीकरण
पद संख्या | 25 श्रेष्ठ व्यक्तियों का समूह | 25 कमजोर व्यक्तियों का समूह | दोनों समूहों में अन्तर |
1. | 29 | 7 | 22 |
2. | 24 | 8 | 16 |
3. | 10 | 10 | 00 |
4. | 07 | 02 | 05 |
5. | 06 | 09 | -03 |
6. | 08 | 06 | 02 |
-पद संख्या 1 श्रेष्ठ
-पद संख्या 2 औसत
-पद संख्या 3 तटस्थ
-पद संख्या 4 कमजोर
-पद संख्या 5 अवैध है क्योंकि श्रेष्ठ की तुलना में कमजोर व्यक्तियों ने उसे अधिक हल किया।
पद संख्या 6 कमजोर है।
इस विधि में सूचकांकों का प्रसार 0 से + 20 के बीच होता है। निषेधात्मक और शून्य सूचकांक वाले पद अवैध समझे जाते हैं।
(ग) फलांनागन प्रोडेक्ट मोमेण्ट सह-सम्बन्ध गुणांक विधि
पद वैधता ज्ञात करने की यह अत्यन्त प्रभावशाली विधि है। इस विधि के अन्तर्गत सम्पूर्ण प्रतिदर्श (Sample) से 27 प्रतिशत उच्च एवं 27 प्रतिशत निम्न व्यक्ति छाँटे जाते हैं और प्रत्येक पद के सही उत्तरों की गणना करके उच्च एवं निम्न समूह का अलग-अलग योग कर लिया जाता है तथा दोनों समूहों के मध्य ठीक उत्तरों का अन्तर ज्ञात कर लिया जाता है। तत्पश्चात् फलांनागन की सारणी द्वारा प्रोडेक्ट मोमेण्ट सह-सम्बन्ध ज्ञात कर लिया जाता हैं।
स्पष्टीकरण
पद संख्या | उच्च समूह सही उत्तर | निम्न समूह सही उत्तर | अन्तर |
“फलांनागन’ गुणांक (तालिका से) |
1. | 84 | 66 | 18 | …. |
2. | 76 | 60 | 16 | …. |
3. | 32 | 25 | 07 | …. |
4. | 32 | 22 | 08 | …. |
– यहाँ सूचकांकों का प्रसार 0+ 0.93 के बीच होता है।
– निम्न पद सह-सम्बन्ध वाले पद चाले धनात्मक हो अथवा ऋणात्मक हों, दोनों को परीक्षण से निकाल दिया जाता है।
– शून्य तथा ऋणात्मक सूचकांक वाले पद अवैध माने जाते हैं।
– 0.25 से कम वैधता गुणांक वाले पद कमजोर कहे जाते हैं और इस कारण उन्हें सम्मिलित नहीं किया जाता है।
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