गृहविज्ञान

पैटर्न क्या है? | कागज पर पैटर्न बनाने के लाभ | पैटर्न तैयार करने की सामग्री

पैटर्न क्या है
पैटर्न क्या है

पैटर्न क्या है? 

पैटर्न क्या है?- वस्त्र के विभिन्न हिस्सों को काटने से पूर्व व्यक्ति के नाप के अनुसार ब्राउन पेपर या अखबार पर वस्त्र का ड्राफ्ट बना लेना चाहिए। कागज पर बनी ड्राफ्टिंग के आधार पर ही ‘पैटर्न’ बनते हैं, पैटर्न की सहायता से कपड़े बड़ी सरलता से काटे जा सकते हैं। इस प्रकार कागज पर पैटर्न काट लेने से कपड़े की भी बचत होती है। पैटर्न काटते समय कन्धे, आस्तीन, कमर आदि के साथ ‘टक्स’ (Tucks), डार्ट (Dart), प्लीट (Pleat) आदि के भी निशान लगा दिये जाते हैं। पैटर्न काटने से पहले सिलाई, काज, मेन लाइन के लिए भी चिन्ह कपड़े पर उतारने के लिए नुकीली पेंसिल को कागज पर गड़ाते हैं तब उसके नीचे रखे हुए कपड़े पर आ जाते हैं।

प्रत्येक पैटर्न के मुख्य भाग हैं-

(1) वस्त्र का अगला तथा पिछला भाग,

(2) कॉलर,

(3) कफ,

(4) आस्तीन,

(5) जेब,

(6) कॉलर पट्टी, तीरा,

(7) बटन पट्टी आदि।

कागज पर पैटर्न बनाने के लाभ

कागज पर पैटर्न बनाने के निम्नलिखित लाभ हैं-

(1) पैटर्न के प्रयोग से कपड़ा कम खर्च होता है। कम लगने का कारण स्पष्ट ही है। कपड़े पर पैटर्न रखकर हिसाब लगा दिया जाता है कि कम-से-कम में कौन-सा टुकड़ा कहाँ से निकाला जा सकता है।

(2) यदि नाप में कहीं कोई गलती हो गई हो तो केवल कागज ही व्यर्थ जाता है, कपड़ा बच जाता है।

(3) यदि कपड़े में कोई दोष या सांट आदि है तो पैटर्न के टुकड़ों से वह दूर छोड़ दिया जाता है।

पैटर्न तैयार होने पर इसके टुकड़ों को कपड़े पर बिछा दिया जाता है। कपड़े पर बिछाते समय कपड़े कपड़े का रूख देख लेना चाहिए। पायजामा, कमीज, पेंट, पेटीकोट आदि को लम्बवत् रेखाओं के साथ अर्थात् वस्त्र की लम्बाई को ‘सेलवेज’ (Selvege) के सहारे बिछाना चाहिए।

धारीदार अथवा चैकयुक्त वस्त्रों पर पैटर्न बिछाते समय अत्यन्त सावधानी की आवश्यकता है। धारियाँ और रेखाएँ वस्त्र के किस रूख की तरफ आयेंगी यह पूर्व निश्चित कर लेना चाहिए और उसी आधार पर पैटर्न बिछाना चाहिए। एक स्थान पर जुड़ने वाले भाग को या आमने-सामने पड़ने वाले भागों पर चैक से चैक, धारी से धारी मिलती रहने वाली डिजाइन होनी चाहिए। छपाईयुक्त कपड़ों पर पैटर्न बिछाने में बहुत समझदारी की आवश्यकता है।

छपाई में ऐसे नमूने भी होते हैं जिनका तल एवं शीर्ष होता है। ऐसे छापे वाले वस्त्र पर पैटर्न बिछाने में बहुत अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। पशु, पक्षी, मानव आकृति आदि के छपाईयुक्त कपड़ों पर यह बात लागू होती है। इस प्रकार के नमूने सदैव सीधे ही रहने चाहिए अर्थात् शीर्ष भाग ऊपरी तल नीचे होना चाहिए। यह हो सकता है कि इस प्रकार हिसाब बैठाने में कपड़ा अधिक लगे। पैटर्न बिछाते समय धारी, नमूना, चैक आदि सभी की व्यवस्था ठीक होनी चाहिए।

कागज के पैटर्न को कपड़े पर फैलाने के लिए एक बड़ी मेज का प्रबन्ध करना चाहिए। कागज के टुकड़े लेकर मेज पर कपड़ा फैला देना चाहिए तत्पश्चात उसके ऊपर टुकड़े बिछाने चाहिए। यह भली प्रकार देख लेना चाहिए कि कौन-सा टुकड़ा किस स्थिति में उचित बैठेगा। कागज के पैटर्न के टुकड़े को ठीक स्थान पर व्यवस्थित करने के पश्चात् इन्हें आलपिन से कपड़े पर टिका देना चाहिए। इसके पश्चात् डार्ट, सीम, प्लीट, टक आदि के चिन्ह कागज के पैटर्न से कपड़े पर उतार लेने चाहिए। कपड़े को काटने से पूर्व यह देख लेना चाहिए कि कपड़ा मेज पर सीधा एवं चिकना रखा है। इसके उपरान्त कपड़े पर पेंसिल से सिलाई के लिए अतिरिक्त कपड़ा छोड़कर हल्का निशान लगा लेना चाहिए।

जेब, बेल्ट तथा अन्य आवश्यक स्थानों का पेपर पैटर्न बनाते समय भी ड्राफ्ट बना लेना चाहिए। जहाँ पर भी जेब लगानी है वहीं चिन्ह से अंकित कर देना चाहिए। इस चिन्ह को कपड़े पर उतार लिया जाता है और इसके लिए स्थान पर ड्राफ्ट रखकर जब काट ली जाती है। बेल्ट बनाने के लिए नाप के अनुसार पहले ही कपड़ा काट लिया जाता है इसलिए, प्रायः अतिरिक्त कपड़े की आवश्यकता पड़ती है, यह बाद में जोड़ी जाती है। गृहिणियों तथा छात्राओं को पैटर्न स्वयं ही तैयार करना चाहिए।

पैटर्न तैयार करने की सामग्री

पैटर्न तैयार करने के निमित्त निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है-

टेलर्स स्केल

‘एल’ स्क्वायर

टेलर्स कर्व

कागज काटने की कैंची

पेंसिलें- विभिन्न रंगों की

मार्किंग ह्वील

मापक फुट

पैटर्न में परिधान के सभी भाग बनाए जाते हैं- (क) अग्र भाग, (ख) पृष्ठ भाग, (ग) दोनों आस्तीनें, (घ) कॉलर, (ङ) जेब, (च) तीरा, (छ) पट्टियाँ, (ज) पाइपिंग, (झ) फ्रिल (ञ) कफ की पट्टी, (त) बेल्ट इत्यादि । पैटर्न को कपड़े पर रखकर यह ज्ञात हो जाता है कि परिधान के सभी भाग उसमें से निकल पाएँगे अथवा नहीं। कपड़ा बचने की संभावना देखते हुए, परिधान को अधिक आकर्षक बनाने के लिए अतिरिक्त जेबें, फ्रिल या बेल्ट आदि भी बनाए जा सकते हैं।

पैटर्न बनाने के निमित्त गृहिणियों को मोटे भूरे कागज (Thick brown paper) का प्रयोग करना चाहिए। जिन परिधानों की सिलाई उन्हें हमेशा करनी पड़ती है, उनके पैटर्न कार्ड बोर्ड पर बनाकर रखने चाहिए। इन परिधानों में पायजामा सलवार, हाफ पेंट, ब्लाउज, कुरता आदि प्रमुख हैं।

वास्तविक नाप के आधार पर कागज या कार्ड बोर्ड पर पेंसिल द्वारा ड्राफ्टिंग करें। पैटर्न का ड्राफ्ट बनाते समय दबाव या हेम के निमित्त रेखाएँ नहीं खींची जातीं। अतः वास्तविक नाप ही चित्रित किए जाते हैं। अग्र भाग और पृष्ठ भाग के निमित्त अलग-अलग रंगों की पेंसिल का व्यवहार करें और पैटर्न पर ‘अग्र भाग’ तथा ‘पृष्ठ भाग’ अवश्य लिख लें। कपड़े के खुले तथा बन्द किनारों को दर्शाने के लिए मोड़ (Fold) लिखना न भूलें।

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shubham yadav

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