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सर्वशिक्षा अभियान, उद्देश्य, कार्यक्रम तथा महत्त्व

सर्वशिक्षा अभियान
सर्वशिक्षा अभियान

सर्वशिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan)

‘सर्वशिक्षा अभियान’ कार्यक्रम सुलभता और व्यापकता की दृष्टि से एक अभूतपूर्व कार्यक्रम है, जिसका शुभारम्भ 600 जिलों के 11 लाख घरों या बसावटों के 19.2 करोड़ बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।

सर्वशिक्षा अभियान के उद्देश्य (Objectives of Sarva Shiksha Abhiyan)

‘सर्वशिक्षा अभियान’ के निम्न उद्देश्य हैं-

(1) 6-14 वर्ष की उम्र के सभी बच्चे 2003 तक स्कूल / शिक्षा गारण्टी योजना / ब्रिज कोर्स में जाएँ।

(2) सन् 2007 तक सभी बच्चों की 5 वर्ष की प्राथमिक शिक्षा पूरी हो जाय।

(3) सन् 2010 तक 8 वर्ष की शिक्षा पूरी कर लें।

(4) एक सन्तोषजनक गुणयुक्त प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान, जिसमें जीवन के लिए शिक्षा पर बल हो।

(5) सन् 2007 तक प्राथमिक स्तर तथा 2010 तक प्रारम्भिक शिक्षा स्तर पर सभी लड़के-लड़कियों और सामाजिक वर्ग के स्तरों को समाप्त करना ।

(6) सन् 2010 तक बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या शून्य हो जाय।

सर्वशिक्षा अभियान के कार्यक्रम (Programmes of Sarva Shiksha Abhiyan)

सर्वशिक्षा अभियान कार्यक्रम के संचालन हेतु केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की जिम्मेदारियाँ 9वीं पंचवर्षीय योजना में 85 15, 10वीं पंचवर्षीय योजना में 75:25 के अनुपात में तथा इसके पश्चात् 50 : 50 के अनुपात मे बाँटी गई है।

इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पूरा राष्ट्र आता है जिसमें 11 लाख बसावटों के 19.2 करोड़ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान 8.5 लाख प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय और 33 लाख शिक्षक भी इस कार्यक्रम की परिधि में आते हैं। वर्तमान समय में शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े राज्यों जैसे कि बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा ओडिशा आदि में सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ‘सर्वशिक्षा अभियान’ कार्यक्रम का क्रियान्वयन हो रहा है।

‘सर्वशिक्षा अभियान’ भारत सरकार के शिक्षा मन्त्रालय का एक Flag-ship कार्यक्रम है। जिसका लक्ष्य सार्वभौमिक प्रारम्भिक शिक्षा (Universal Elementary Education) को राज्य की सहभागिता से एक निश्चित समय की परिधि में प्राप्त करना है।

उत्तर प्रदेश के 5 जिले- अलीगढ़, इलाहाबाद, फिरोजाबाद, कानपुर और मुरादाबाद को तो ‘सर्वशिक्षा प्रोजेक्ट डिस्ट्रिक्ट’ बना दिया गया है।

सर्वशिक्षा अभियान के प्रमुख घटक- भारत में पहले से चल रहे औपचारिकेतर शिक्षा कार्यक्रम के संशोधित और व्यावहारिक विकल्प के रूप में शिक्षा गारण्टी योजना, वैकल्पिक एवं अभिनय शिक्षा तथा ब्रिजकोर्स को सर्वशिक्षा अभियान के प्रमुख घटकों के रूप में ग्रहण किया गया है।

सर्वशिक्षा अभियान का महत्त्व (Importance of Sarva Shiksha Abhiyan)

सर्वशिक्षा अभियान का महत्त्व निम्नलिखित संदर्भों में है-

(i) सर्वप्रमुख महत्त्व सभी को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करके समाज के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करना है।

(ii) इसके द्वारा कमजोर वर्ग की बालिकाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं।

(iii) सर्वशिक्षा अभियान के द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है।

(iv) सर्वशिक्षा अभियान के माध्यम से मलिन बस्तियों में अनौपचारिक ढंग से एक छोटा सामाजिक समूह बनाया जा रहा है, जिसके द्वारा साक्षरता अभियान चलाकर शिक्षित करने का अथक प्रयास किया जा रहा है।

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shubham yadav

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