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अच्छे पाठ्यचर्या की परख के मापदण्ड | पाठ्यपुस्तक की उपयोगिता

अच्छे पाठ्यचर्या की परख के मापदण्ड
अच्छे पाठ्यचर्या की परख के मापदण्ड

अच्छे पाठ्यचर्या की परख के मापदण्ड

अच्छे पाठ्यचर्या की परख के मापदण्ड निम्नलिखित है-

1. पाठ्यचर्चा/पाठ्यवस्तु में नवीनतम विषय वस्तु का समावेश होना चाहिये।

2. स्वाध्याय के लिये भी पाठ्यक्रम में स्थान होना चाहिये।

3. अच्छे पाठ्यक्रम में दृश्य-श्रव्य सहायक संसाधनों, आधुनिक होनी आदि के उपयोग में पूर्ण व्यवस्था होनी चाहियें।

4. पाठ्यक्रम छात्रों की मौलिकता एवं क्रियाशीलता पर आधारित होनी चाहिये।

5. अन्तर्राष्ट्रीय सद्भाव, शान्ति एवं सुरक्षा हेतु भी पाठ्यक्रम में तदानुसार विषयों में का चयन किया जाना चाहिये।

6. वैज्ञानिक विधि का ज्ञान करवाकर इस योग्य तैयार कर सकें कि छात्र अपनी समस्या समाधान में विभिन्न सोपनों पदों में कार्य करते हुये सफलता प्राप्त कर सके।

7. पाठ्यक्रम निर्माण/विकास के सिद्धान्तों को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाना चाहिय।

8. पाठ्यक्रम द्वारा छात्रों में भौतिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति अनुराग उत्पन्न होना चाहिये।

9. पाठ्यक्रम इस प्रकार से हो कि छात्रों में अवबोध शक्ति का विकास हो सके।

10. पाठ्यचर्चा समयानुकूल तथा देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखकर निर्धारित की जाने चाहिये।

11. पाठ्यक्रम पर्यावरण अध्ययन पर आधारित होना चहिये।

पाठ्यपुस्तक की उपयोगिता

1. पाठ्यपुस्तक से शिक्षण-उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता मिलती है।

2. विषय-वस्तु की सीमा ज्ञात हो जाती है।

3. अगला पाठ क्या होगा, सरलता से पता लग जाता है।

4. इनके उपयोग से छात्र तथा अध्यापक दोनों का समय बचता है।

5. तथ्यों का ज्ञान छात्र स्वयं कर लेते हैं।

6. कम मूल्य पर छात्र महत्वपूर्ण तथ्य तथा सूचनाएँ प्राप्त कर लेते हैं।

7. पाठ्यपुस्तक वह साधन है जिसके माध्यम से अध्यापक किसी विशेष को कक्षा के सामने प्रस्तुत करने में समर्थ होता है।

8. पाठ्य-पुस्तक में वैज्ञानिक विषय संगठित रूप में प्रस्तुत किये जाते हैं।

9. उचित चुनाव की गई पाठ्य पुस्तक छात्रों को प्रेरणा का अवसर देती है।

10. पाठ्य पुस्तकें छात्रों को स्वाध्याय की प्रेरणा देती है।

11. पाठ्य-पुस्तकें पाठ की तैयारी में विशेष सहायक होती हैं।

12. गृह-कार्य के लिए पाठ्य पुस्तकों का उपयोग विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होता है।

13. डाल्टन तथा योजना प्रणाली में पाठ्य-पुस्तकों की विशेष आवश्यकता होती है।

उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट हो जाता है कि उत्तम पाठ्य पुस्तक आधारभूत ज्ञान की प्राप्ति का साधन है। वैज्ञानिक चिन्तन के लिए पाठ्य पुस्तक एक मार्गदर्शिका का काम करती है।

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shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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