अर्थशास्त्र (Economics)

आँकड़ों का चित्रमय प्रस्तुतीकरण क्या है? उपयोगिता एवं लाभ

आँकड़ों का चित्रमय प्रस्तुतीकरण
आँकड़ों का चित्रमय प्रस्तुतीकरण

आँकड़ों का चित्रमय प्रस्तुतीकरण क्या है? 

आँकड़ों का चित्रमय निरूपण (प्रस्तुतीकरण) (Diagrammatic Presentation of Data) – अधिकांश लोगों के लिए नीरस संख्याएं प्रेरणा शून्य होती है। चित्र किसी जटिल स्थिति के स्वरूप को देखने में हमारी सहायता करते हैं। यद्यपि वर्गीकरण एवं सारणीयन जटिल तथा अव्यवस्थित संमकों को सरल और व्यवस्थित बना देते हैं फिर भी उसे सरल, स्पष्ट एवं आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए चित्रों का सहारा लेना आवश्यक हो जाता है। इसी को समंको का चित्रमय प्रस्तुतीकरण कहते हैं ।

समंकों में चित्रों की उपयोगिता एवं लाभ (Utility and Advantages of Diagrams) –

(1) चित्र समंकों को सरल व सुबोध बनाते हैं- चित्रों के द्वारा जटिल, व्यवस्थित और विशाल समंक राशि सरल हो जाती है और वह जन साधारण के समझने योग्य हो जाती है। केवल अंकों को देखकर कोई फल निकालना कठिन होता है परन्तु चित्र को देखकर विशेषता स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती हैं। उदाहरणार्थ, हम कृषि उत्पादन की वृद्धि को ‘हरित क्रान्ति’ के रूप में जानते हैं परन्तु यदि दूसरी एवं पांचवी पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत होने वाले कृषि उत्पादन को चित्रों द्वारा प्रस्तुत कर दिया जाय तो सही स्थिति एक दृष्टि में स्पष्ट हो जायेगी।

(2) अधिक समय तक स्मरणीय- अंकों को बहुत समय तक याद करना अत्यन्त कठिन है। कुछ समय बाद मनुष्य अंकों को भूल जाता है। पर चित्रों द्वारा अंको की एक अमिट छाप मस्तिष्क पर पड़ती है जो बहुत दिनों तक बनी रहती है।

(3) चित्रों को समझने के लिए विशेष शिक्षा या ज्ञान की आवश्यकता नहीं- चित्रों को समझना जन सामान्य के लिए बहुत सरल है। इन्हें समझने के लिए यह आवश्यक नहीं कि संख्यिकी विज्ञान का पूरा ज्ञान हो। एक साधारण पढ़ा-लिखा या अनपढ़ व्यक्ति भी चित्रों को देखकर बहुत अंशों में उनका अभिप्राय निकाल सकता है। इसी कारण विज्ञापन में चित्रों की सहायता ली जाती है।

(4) समय व श्रम बचत- चित्रों की सहायता से आँकड़ों के समझने व उनसे निष्कर्ष निकालने में बुत कम समय तथा परिश्रम की आवश्यकता होती है।

(5) तुलना करने में सहायक- चित्रों की सहायता से विभिन्न सूचनाओं की प्रभावशाली तुलना की जा सकती है। उदाहरण के लिए, कई वर्षों के औद्योगिक उत्पादन या निर्यात को चित्रों द्वारा प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है और तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है।

(6) सूचना के साथ-साथ मनोरंजन होना- सुन्दर चित्र सूचना तो देते हैं परन्तु साथ ही साथ मनोरंजन भी देते हैं। इनकी सहायता से विभिन्न सूचनाओं के अध्ययन में थकावट प्रतीत नहीं होती है।

(7) समंको का संक्षिप्त रूप- चित्र समंकों को संक्षिप्तता प्रदान करते हैं। इनका निर्माण समस्या पर विचार करने एवं पर्याप्त विश्लेषण करने के उपरान्त होता है। उपयोगिता के साथ-साथ इन चित्रों की अपनी सीमाएं है, इसलिए इस तकनीक का प्रयोग करते समय तथा निष्कर्ष निकालते समय विशेष सावधानी की आवश्यकता होती है। इन चित्रों की परिसीमाएं निम्नलिखित हैं-

(1) तुलना के लिए गुण व स्वभाव की समान आवश्यकता (2) केवल तुलनात्मक अध्ययन सम्भव (3) सूक्ष्य अंतर दिखाना सम्भव नहीं (4) बहुमुखी सूचनाओं का प्रदर्शन सम्भव नहीं (5) संख्यात्मक प्रदर्शन असंभव।

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shubham yadav

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