समाजशास्‍त्र / Sociology

आतंकवाद का स्वरूप अथवा प्रकार | आतंकवाद के दुष्परिणाम | आतंकवाद को दूर करने के प्रयत्न एवं सुझाव

आतंकवाद का स्वरूप अथवा प्रकार
आतंकवाद का स्वरूप अथवा प्रकार

आतंकवाद का स्वरूप अथवा प्रकार (Types of Terriorism)-

आतंकवाद के निम्न प्रकार हो सकते हैं-

1. घरेलू आतंकवाद

देश के भीतर देशवासियों द्वारा ही फैलाया गया आतंक घरेलू आतंकवाद कहलाता है। यह राजनीतिक क्षेत्र में देखने को अधिक मिलता है। अधिकांश ऐसा देखने को मिलता है कि कोई राजनीतिक व्यक्ति समाज में अपनी छवि बनाने के लिए अपने ही गुर्गों द्वारा पहले आतंक फैलाता है और फिर इस आतंक से त्रस्त व्यक्तियों की सहायता कर अपनी छवि ऊँची करता है।

2. बाडा या विदेशी आतंकवाद

यह आतंक विदेशियों द्वारा फैलाया जाता है। विश्व का शायद ही कोई ऐसा देश हो जो इसमें लिप्त न हो। जैसे भारत में आतंकवाद फैलाने का ठेका पाकिस्तान ने ले रखा है।

आतंकवाद के दुष्परिणाम (Evil Effects of Terrorism)

आतंकवाद के दुष्परिणाम निम्नलिखित है-

1. जन-जीवन में असुरक्षा (Insecurity in Public Life)

आतंकवाद गैर-कानूनी होता है। आतंकवाद सार्वजनिक जीवन को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जबकि आतंकवादियों द्वारा की जाने वाली घटनाओं से राजनीतिक ढाँचे में कोई आमूल परिवर्तन नहीं होता है। आतंकवाद बढ़ने से अधिकांश व्यक्तियों का सरकार और प्रशासन के प्रति अविश्वास बढ़ने लगता है। विभिन्न समुदायों द्वारा एक-दूसरे पर दोषारोपण करने से साम्प्रदायिक दंगों की सम्भावना भी बढ़ने लगती है।

2. भ्रष्टाचार में वृद्धि (Increase in Corruption)

आतंकवाद से भ्रष्टाचार में वृद्धि होती है क्योंकि आतंकवादियों को अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए बड़े-बड़े अधिकारियों को रिश्वत देते हैं जो इन्हें खुली छूट प्रदान कर देते हैं, परिणामस्वरूप ये आतंकवादी समाज में साथ भ्रष्टाचार फैलाते हैं जो समाज के लिए अत्यन्त हानिकारक होता है।

3. वैयक्तिक स्वतन्त्रता का हनन (Attack on Individual Freedom)

हमारे देश में वैयक्तिक स्वतन्त्रता लोगों का मौलिक अधिकार है। इस वैयक्तिक स्वतन्त्रता का आतंकवाद सख्त विरोधी है। जिस देश में आतंकवाद फैला हुआ होता है उस देश के निवासियों को मजबूरी में आतंकवाद का साथ देना पड़ता है। व्यवसाथियों एवं उद्योगपतियों को आतंकवाद की आर्थिक मदद मजबूरी में करनी पड़ती है और पुलिस प्रशासन भी चाहकर इस आतंकवाद का अन्त नहीं कर पाता है।

4. घातक महामारियाँ (Fatal Epidemics)

आतंकवाद ने हिंसा की घटनाओं के साथ साथ किसी समुदाय में भय का वातावरण उत्पन्न करके विभिन्न प्रकार के लाभ कमाने के लिए अनेको प्रकार के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। इन रासायनिक पदार्थों के प्रयोग करने से देश में अनेकों प्रकार की बीमारियों फैलती हैं।

आतंकवाद को दूर करने के प्रयत्न एवं सुझाव (Measures and Suggestions to get rid of Terrorism)

आतंकवाद को दूर करने के निम्नलिखित सुझाव दिये जा सकते हैं –

1. कश्मीर के लोगों को हथियार जमा करने का अल्टीमेटम दिया जाए और स्वेच्छा से ऐसा नहीं करने पर उन्हें कठोर कारावास की सजा दी जाए।

2. आतंकवाद पर नियन्त्रण रखने के लिए एक पृथक गुप्तचर एजेन्सी का गठन करना आवश्यक है।

3. उम्रपंथियों के भारत विरोधी एवं दुष्प्रचार को विफल करने के लिए नरम पंथियों का सहारा जाए तथा उन्हें क्षेत्र में भेज कर लोगों को आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए तैयार किया जाए।

4. आतंकवादी संगठनों से किसी तरह का राजनीतिक समझौता न किया जाय। दूषित राजनीति के करण इस तरह का कोई भी समझौता भविष्य में आतंकवादियों को फिर से सक्रिय होने का अवसर देता है।

5. जिन लोगों को हिंसा, लूट-पाट, बलात्कार एवं आतंकवाद में लिप्त होने के आरोप में जेल में हल्द किया गया है, उन पर मुकदमें शीघ्र प्रारम्भ किए जाएँ और जो लोग निर्दोष पाए जाएँ, उन्हें जेल से किया जाए।

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shubham yadav

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