राजनीति विज्ञान (Political Science)

आधुनिकीकरण का अर्थ | आधुनिकीकरण और पाश्चात्यीकरण में अन्तर

आधुनिकीकरण का अर्थ
आधुनिकीकरण का अर्थ

आधुनिकीकरण का अर्थ

‘क्लाड वेल्च’ के अनुसार- “आधुनिकीकरण एक प्रक्रिया है जो साधनों के विवेकपूर्ण प्रयोग पर आधारित है और आधुनिक समाज की स्थापना के उद्देश्य से युक्त होती है।”

राबर्ट ई० वार्ड के अनुसार-“आधुनिकीकरण आधुनिक समाज की तरफ ले जाने वाली ऐसी प्रवृत्ति है जिसकी प्रमुख विशेषता इसके वातावरण की भौतिक और सामाजिक परिस्थितियों को नियन्त्रित या प्रभावित करने की अभूतपूर्व समर्थता है और जो मूल्य व्यवस्था की दृष्टि से इस क्षमता या समर्थता की वांछनीयता व परिणाम के बारे में आधारभूत रूप में आशावादी है।”

कोलमैन के अनुसार– “नगरीकरण, व्यापक साक्षरता अधिक प्रति व्यक्ति आय, विस्तृ’ भौगोलिक तथा सामाजिक गतिशीलता, अर्थ व्यवस्था में औद्योगीकरण तथा वाणिज्यीकरण की मात्रा में वृद्धि, जनसंचार साधनों का विस्तार आधुनिकीकरण के हेतु हैं।” वस्तुतः सभी विचारक आधुनिकीकरण को समाज में परिवर्तनों की सम्पूर्णता से सम्बन्धित

मानते हैं किन्तु हर परिवर्तन को आधुनिकीकरण नहीं कहा जा सकता, क्योंकि कुछ परिवर्तन को पीछे ले जाने वाले भी हो सकते हैं अतः आधुनिकीकरण परिवर्तन की ऐसी प्रक्रिया है जो प्रगतिशीलता की ओर उन्मुख रहती है। आधुनिकीकरण का अर्थ स्पष्ट करने के लिये इशके निम्नलिखित पहलुओं को जानना आवश्यक है-

(1) आधुनिकीकरण का आर्थिक पहलू- कई विचारक आधुनिकीकरण को आर्थिक विकास और औद्योगिक की प्रक्रिया से जोड़ते हैं जिस देश में उत्पादनों का ढंग परिवर्तित हो गया हो अर्थात उत्पादन में मशीनों का अधिकाधिक प्रयोग होने लगा हो तो ऐसा समाज आर्थिक दृष्टि से औद्योगीकृत और आधुनिक कहलायेगा। जब जीवन निर्वाही कृषि, विक्रीय कृषि में परिवर्तन होने लगे तो यह आर्थिक आधुनिकता की निशानी मानी जायेगी।

(2) आधुनिकीकरण का सामाजिक पहलू- सामाजिक दृष्टि से आधुनिकीकरण का अर्थ व्यक्ति के व्यवहार और मनोवृत्तियों में परिवर्तन आने से है सामाजिक आधुनिकीकरण में यह प्रवृत्ति प्रबल होती है कि व्यक्ति की परिवार और प्राथमिक समूहों से निष्ठा हटकर ऐच्छिक और संगठित द्वितीयक संगठनों में निष्ठा बढ़ती जाती है उदाहरण के लिये व्यक्ति क्लबों, अन्य संस्थाओं के प्रति अधिक निष्ठावान होता जाता है मनोवैज्ञानिक आधुनिकीकरण में मूल्यों, अभिवृत्तियों और आकांक्षाओं में आधारभूत परिवर्तन आ जाते हैं।

(3) आधुनिकीकरण का राजनैतिक पहलू- राजनैतिक दृष्टि से आधुनिकीकरण का अर्थ राजनीतिक संरचनाओं, प्रक्रियाओं और व्यवहारों में विविध किन्तु विशेष प्रकार के पविर्तन आना है। राजनीतिक दृष्टि से आधुनिकीकृत समाज में लोगों के मन में राष्ट्रीयता की भावनायें शक्तिशाली हो जाती है।

आधुनिकीकरण और पाश्चात्यीकरण में अन्तर

पश्चिमीकरण को आधुनिकीकरण का पर्याय मानने की भ्रान्ति धारणा प्रायः विकासशील देशों में आज भी बनी हुई है। विकासशील देशों में पश्चिम की नकल कर आधुनिक बनने की प्रवृत्ति पायी जाती है चूंकि पश्चिम के देश विकसित है और विकसित होना आधुनिकता की निशानी है अतः तीसरी दुनिया के देशों में, आधुनिक बनने के लिये पश्चिम की नकल करने की प्रवृत्ति पायी गयी है।

एडवर्ड शिल्स ने समकालीन राज्यों की पश्चिम से मुक्ति की इच्छा को आधुनिकीकरण कहा है। द्वितीय महायुद्धोत्तर चरण औपनिवेशिक साम्राज्यवादी युग की समाप्ति और लेटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका तथा मध्यपूर्व में नये स्वतन्त्र राज्यों के उदय का युग कहा जा सकता है।

शिल्स के अनुसार- “इन नवोदित राष्ट्रों में स्थिति जनसंख्या, इतिहास, संस्कृति धर्म आदि की बहुमुखी विभिनताओं के बावजूद निरन्तर परिवर्तन तथा आधुनिकीकरण की एक प्रक्रिया सक्रिय है लगभग सभी नवोदित देश अपनी परम्परागत कृषि प्रधान राजनीतिक सामाजिक संरचनाओं के स्थान पर जीवन की आधुनिक शैली की ओर उन्मुख है संक्रमण की यह स्थिति बहुत कुछ ऐसी है कि इन राष्ट्रों को न तो परम्परागत ही कहा जा सकता है और न ही उन्होंने अभी तक आधुनिकता प्राप्त की है। इन समकालीन राज्यों में पश्चिम पर निर्भरता की स्थिति से मुक्त होने की आम इच्छा प्रबल है अधिक सकारात्मक रूप में उनका उद्देश्य आधुनिक बनना है अर्थात उनमें यह इच्छा प्रबल है कि वे गतिशील हो जनता से अधिक से अधिक सम्बन्धित हों, प्रजातान्त्रिक हो वैज्ञानिक और आर्थिक रूप से उन्नत हो तथा सम्प्रभुता का पूरा उपयोग करते हुये अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली स्थान ग्रहण करें।

शिल्स का मत है कि नवोदित राष्ट्रों ने आधुनिकता का जो यह आदर्श अपनाया है वह पश्चिम का है अर्थात् आधुमिकीकरण का उनका मार्ग पश्चिमीकरण का मार्ग है लेकिन पश्चिम के प्रभाव से या पश्चिम पर निर्भरता से मुक्त रहते हुये ही इस आदर्श को प्राप्त किया जाना है।

आधुनिकीकरण पश्चिमीकरण नहीं है। चीन के उदाहरण से यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि चीन ने पश्चिम की नकल किये बिना ही आधुनिकीकरण किया है। आधुनिकता को लोकतन्त्र के साथ भी नहीं जोड़ा जा सकता। रूस का जार पीटर टर्की का सुल्तान महमूद तथा जापान का सम्राट मैजी निश्चित रूप से आधुनिककर्ता थे परन्तु उसे किसी भी रूप में लोकतन्त्र का अग्रदूत नहीं कहा जा सकता है।

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shubham yadav

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