Gk/GS

इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा-complete history of islam in hindi

इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा
इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा

इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा-complete history of islam in hindi

इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा-complete history of islam in hindi-Hello Students Currentshub.com पर आपका एक बार फिर से स्वागत है मुझे आशा है आप सभी अच्छे होंगे. दोस्तो जैसा की आप सभी जानते हैं की हम यहाँ रोजाना Study Material अपलोड करते हैं. दोस्तों आज हम आप लोगो को इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा-complete history of islam in hindi के बारे में विस्तार से बताने वाले है.

NCERT BOOKS DOWNLOAD

इस्लाम धर्म का उदय और खलीफा-complete history of islam in hindi

इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब थे। इस धर्म का विकास अरब में हुआ था। इस्लाम का शाब्दिक अर्थ “ईश्वर के प्रति प्रणति ( Submission to God ) ।” इनका जन्म 570 ईo में मक्का में हुआ था। इनके बचपन का नाम अल अमीन था। इनके पिता अब्दुल्लाह और माता आमना कुरैश नामक कबीले से संबंधित थे। मुहम्मद के जन्म से पूर्व ही इनके पिता का स्वर्गवास हो गया था। बाद में छः वर्ष की अवस्था में माता का देहांत हो जाने के फलस्वरूप ये मातृ-स्नेह से भी वंचित हो गए। आठ वर्ष की आयु तक मुहम्मद की देखरेख पितामह अब्दुल्मतल्लब ने की। बाद में पालन-पोषण इनके चाचा अबु तालिब ने किया। बड़े होकर चाचा के साथ व्यापार में लग गए। खदीजा नामक स्त्री ने इन्हें अपना व्यापारिक प्रतिनिधि नियुक्त किया। बाद में इन्हीं से मुहम्मद साहब का विवाह हो गया। इन्हें खुदाई इलहाम ( ज्ञान की प्राप्ति ) हीरा नामक गुफा में 40 वर्ष की अवस्था में हुयी। जब देवदूत ‘जिब्राइल’ द्वारा हजरत मुहम्मद के हृदय में उतारा गया। इन्हें इस्लाम का पैगम्बर ( अम्बर से पैगाम लाने वाले ), नबी ( सिद्ध पुरुष ) व रसूल ( ईश्वर का दूत ) कहा गया। इन्होंने अपना पहला उपदेश अपनी पत्नी खदीजा को दिया। सर्वप्रथम खदीजाअली ओमर अबूबकर ने नए धर्म को कबूल किया। 63 वर्ष की आयु में इनका निधन हो गया। इस्लाम धर्म के अनुयायियों को मुसलमान या मुस्लिम अर्थात “मुसल्सल है ईमान जिसका” कहा जाता है। 

हिजरत :-

हज़रत मुहम्मद साहब 16 जुलाई 622 ईo को मक्का से यासरिब गए। यासरिब ही बाद में मदीन तुन्नवी या मदीना कहलाया। इस्लाम जगत में इसे हिजरत कहा गया। 622 ईo से ही हिजरी संवत का प्रारम्भ हुआ। नाट ए मुहम्मदी बरनी द्वारा संकलित मुहम्मद साहब की जीवनी है।

खलीफा

हजरत मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद खिलाफत नामक संस्था अस्तित्व में आयी। अबू बकर इस्लाम समुदाय के पहले प्रमुख या खलीफा बने। खलीफा को समस्त इस्लाम जगत का प्रमुख समझा जाता था। इस्लामी व्यवस्था में खलीफा को धर्म का संरक्षक व राजनीति व्यवस्था को बनाये रखने वाला माना जाता है। प्रारम्भ में उत्तराधिकार के विषय में चुनाव के कुछ तत्व निश्चित किये गए थे।

इसे भी पढ़ें…  सिख धर्म या सिख सम्प्रदाय के दस गुरु

इस्लाम के पहले चार ख़लीफ़ा :- हजरत अबू बक्र→हजरत उमर→हजरत उस्मान→हजरत अली 

इन चार खलीफाओं के बाद वंशानुगत खिलाफत की शुरुवात हुयी। यह प्रथा 661 ईo के उमैय्या वंश के शासन से प्रारम्भ होती है, जिनका केंद्र दमिश्क ( सीरिया ) में था। 9 वीं सदी के मध्य अब्बासी वंश सत्ता में आया, इसका केंद्र बग़दाद में था।

  • 1253 ईo में चंगेज खां के पोते हलाकू ने बगदाद के खलीफा की हत्या कर दी।

इसके बाद खलीफा की सत्ता का केंद्र मिश्र हो गया, यहाँ फातिमा वंश कायम हुआ। परन्तु अब तक खलीफा की केंद्रीकृत सत्ता टूट चुकी थी, क्योंकि इस पद के कई दावेदार हो चुके थे। उदाहरण :- स्पेन का उमैय्या वंश, बग़दाद में अब्बासी वंश, मिश्र में फातिमा वंश

इस्लाम के 5 आधार ( Five Pillars of Islam )

कलमा ( मत का उच्चारण ) –

इस्लाम का प्रथम आधार इसके धार्मिक मत का उच्चारण है। इसकी अभिव्यक्ति केवल एक वाक्य में की जाती है – “ला इलाह इल्लल्लाह मुहम्मदन रसूलल्लाही” ( अल्लाह के सिवाय कोई दूसरा ईश्वर नहीं है तथा मुहम्मद इसके देवदूत हैं )

नमाज :-

प्रत्येक मुसलमान को प्रतिदिन 5 बार नमाज पढ़नी चाहिए।

  • फजिर – प्रातःकाल की नमाज
  • जोहर – दोपहर की नमाज
  • असिर – दोपहर के पश्चात की नमाज
  • मगरिब – शाम के समय की नमाज
  • एशा – रात्रि की नमाज
इसे भी पढ़ें…  सिख धर्म या सिख सम्प्रदाय के दस गुरु

ज़कात ( ख़ैरात ) :-

प्रत्येक मुसलमान को अपनी संपत्ति का 40 वां भाग ( 2.5% ) प्रतिवर्ष दान करना चाहिए। यह स्वेच्छा से दिया जाने वाला दान है और इसकी बसूली में बल प्रयोग करना धर्म विरुद्ध है। सदका भी एक प्रकार का जकात था जो त्यौहार या किसी विशेष अवसर पर दिया जाता था।

रोजा :-

रमजान महीने में रोजा ( उपवास ) रखना इस्लाम का चौथा स्तम्भ है।

हज :-

इस्लाम का अंतिम धार्मिक कर्तव्य हज करना है। प्रत्येक मुसलमान को अपने जीवन में मक्का की तीर्थ यात्रा करनी चाहिए।

इस्लाम से सम्बंधित तथ्य –

  • कुरान इस धर्म की पवित्र पुस्तक है।
  • यह एक एकेश्वरवादी धर्म है।
  • यह अवतारवाद, मूर्तिपूजा और जाति-पाति का विरोधी है।
  • यह धर्म कर्मकाण्ड को मान्यता देता है।
  • इसमें पुनर्जन्म का सिद्धांत मान्य नहीं है।
  • इस्लाम में आस्था रखने वाला प्रारंभिक संगठित समुदाय उम्मत कहलाता था।
  • इसमें कुरान ही राज्य का संविधान होती है।
  • जब कोई मुसलमान शरीयत का पालन नहीं करेगा तो उसके विरुद्ध फ़तवा जारी होगा।
  • मध्यकाल में दो शासकों मुहम्मद तुगलक और अकबर की धार्मिक नीतियों के विरुद्ध फतवे जारी किये गए।
  • कुरान, हदीस, इज्मा व कयास का समुच्च रूप शरीयत कहलाता है।
  • इस्लामिक दृष्टिकोण से कोई भी सुल्तान ( जिसे ख़लीफ़ा ने सनद दी हो ), छोटा या बड़ा नहीं होता।

दोस्तों Currentshub.com के माध्यम से आप सभी प्रतियोगी छात्र नित्य दिन Current Affairs Magazine, GK/GS Study Material और नए Sarkari Naukri की Syllabus की जानकारी आप इस Website से प्राप्त कर सकते है. आप सभी छात्रों से हमारी गुजारिश है की आप Daily Visit करे ताकि आप अपने आगामी Sarkari Exam की तैयारी और सरल तरीके से कर सके.

दोस्तों अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है या ebook की आपको आवश्यकता है तो आप निचे comment कर सकते है. आपको किसी परीक्षा की जानकारी चाहिए या किसी भी प्रकार का हेल्प चाहिए तो आप comment कर सकते है. हमारा post अगर आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ share करे और उनकी सहायता करे.

You May Also Like This

अगर आप इसको शेयर करना चाहते हैं |आप इसे Facebook, WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं | दोस्तों आपको हम 100 % सिलेक्शन की जानकारी प्रतिदिन देते रहेंगे | और नौकरी से जुड़ी विभिन्न परीक्षाओं की नोट्स प्रोवाइड कराते रहेंगे |

Disclaimer: currentshub.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है ,तथा इस पर Books/Notes/PDF/and All Material का मालिक नही है, न ही बनाया न ही स्कैन किया है |हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- currentshub@gmail.com

About the author

shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

Leave a Comment