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ई-मेल क्या है?
ई-मेल का पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है। यह एक प्रकार की डाकसेवा है। इसमें सन्देश (डाक) भेजने के लिए कम्प्यूटर की सहायता ली जाती है। ई-मेल द्वारा सन्देश भेजने के लिए सन्देश पाने वाले व्यक्ति का उपस्थित रहना आवश्यक नहीं है। जिस व्यक्ति को सन्देश भेजा जाता है उसके कम्प्यूटर पर वह सन्देश अंकित हो जाता है, जिसे सन्देश पाने वाला व्यक्ति अपनी सुविधानुसार किसी भी समय प्राप्त कर सकता है।
‘ई-मेल’ सेवा के अन्तर्गत कम्प्यूटर की सहायता से शब्दों, तस्वीरों, ग्राफ आदि को हू-बू-हू दूसरी ओर भेजा जा सकता है। इस सेवा की शुरुआत भारत में पहली बार फरवरी, 1994 में की गई थी।
ई-मेल के उपयोग
वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक-मेल का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है-
(1) शिक्षा एवं अनुसन्धान – ई-मेल की सहायता से विभिन्न प्रकार की शैक्षिक सूचनाओं, अनुसन्धानों एवं वैज्ञानिक खोजों से सम्बन्धित सूचनाओं को शीघ्रता से विश्व के किसी भी कोने में भेजा जा सकता है। इन सूचनाओं का विषय विशेषज्ञों द्वारा लाभ उठाया जा सकता है।
(2) चिकित्सा- ई-मेल की सहायता से विश्व के किसी भी कोने से चिकित्सकों से सलाह प्राप्त करना सम्भव है।
(3) ध्वनि डाक- टेलीफोन नेटवर्क में उत्तर देने वाली मशीन को जोड़कर अंगुलियों से संचालित संख्या वाले आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक मेल एक्सचेंज में बदला जा सकता है। कोई भी व्यक्ति, जिसके पास . टेलीफोन है, आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करने के उपरान्त ‘ध्वनि डाक सेवा का ग्राहक बन सकता है।
(4) व्यवसाय- ‘ई-मेल’ का उपयोग व्यावसायिक क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। ‘ई-मेल’ की सहायता से क्षेत्रीय कार्यालयों, वितरकों, व्यापारियों आदि को विपणन और विक्रय की सूचनाओं को शीघ्रता से भेजा जा सकता है। इसकी सहायता से मूल्य वृद्धि की सूचना का प्रेषक व्यवसायी आवश्यक कार्यवाही कर सकता है। व्यवसायी ई-मेल की सहायता से विभिन्न विशेषज्ञों से सहायता ले सकता है। ‘ई-मेल’ से न केवल सूचनाएँ भेजी एवं प्राप्त की जा सकती हैं वरन् किसी व्यक्ति या कर्मचारी की सहायता से दैनिक खरीददारी अथवा विक्रय करना भी सम्भव है।
(5) कृषि – ‘ई-मेल’ सेवा कृषि के क्षेत्र में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है। इसकी सहायता से कृषि क्षेत्र में नई-नई खोजों, पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरुकता, कृषि उत्पादन का स्तर, मौसम आदि से सम्बन्धित सूचनाओं का एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है। कृषि विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करना भी ‘ई-मेल’ द्वारा सम्भव है।
वर्तमान समय में ‘ई-मेल’ के विविध उपयोग किये जा रहे हैं। इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण यह है कि अन्य सूचना व्यवस्थाओं की तुलना में इस सेवा के माध्यम से सूचना को तीव्रता के साथ ही विश्व के किसी भी कोने में भेजा जा सकता है। दूसरे यह सूचना व्यवस्था अन्य व्यवस्थाओं की तुलना में सस्ती पड़ती है। भारत में ‘विदेश संचार निगम लिमिटेड’ ई-मेल सेवा उपलब्ध कराता है।
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