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उच्च शिक्षा आयोग की नियुक्ति और कार्यक्षेत्र
स्वतन्त्र भारत की आवश्यकताओं की समीक्षा करने के उद्देश्य तथा विश्वविद्यालयी शिक्षा का पुनर्गठन करने के लिये भारत सरकार ने 4 नवम्बर, सन् 1948 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन् के नेतृत्व में विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग या उच्च शिक्षा आयोग की नियुक्ति की। इसे राधाकृष्णनन् कमीशन के नाम से भी जाना जाता है। इस आयोग में दस सदस्य थे। आयोग के प्रमुख उद्देश्य एवं कार्य-क्षेत्र निम्नलिखित थे-
(1) विश्वविद्यालय शिक्षा एवं शोध कार्यों का उद्देश्य।
(2) विश्वविद्यालयों की व्यवस्था, संगठन, नियन्त्रण तथा अधिकार क्षेत्र में अपेक्षित परिवर्तन।
(3) विश्वविद्यालयों तथा उनका केन्द्रीय एवं प्रान्तीय सरकारों से सम्बन्ध।
(4) विश्वविद्यालयों में शिक्षण स्तर का उन्नयन।
(5) विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों का पुनर्गठन।
(6) विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षाओं का स्वरूप।
(7) विश्वविद्यालयों में भारतीय संस्कृति, इतिहास, दर्शन आदि का शिक्षण ।
(8) नवीन विश्वविद्यालयों की स्थापना।
(9) विश्वविद्यालयों में धार्मिक शिक्षा की स्थिति।
(10) विश्वविद्यालयों में शोध कार्यों की व्यवस्था ।
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