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उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? | Mutation in Hindi | what is mutation in biology

उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? | Mutation in Hindi | what is mutation in biology :- आज Currentshub.Com आपके जीव विज्ञान के अंतर्गत आने वाले वाला एक महत्वपूर्ण टॉपिक ‘उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? | Mutation in Hindi | what is mutation in biology, लेकर आए हुए हैं। यहाँ हम जानेंगे की उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? | उत्परिवर्तन के प्रकार, Mutation in Hindi | what is mutation in biology, इत्यादि के बारे में विस्तार से|

उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?

उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?

अनुक्रम (Contents)

उत्परिवर्तन (Mutation)

किसी जीव के किसी लक्षण में आकस्मिक (sudden) एवं वंशागत (heritable) परिवर्तन को उत्परिवर्तन (Mutation) कहते हैं। उत्परिवर्तन यों तो प्रकृति में अपने आप होते रहते हैं, लेकिन कुछ कारकों द्वारा बहुत उच्च आवृत्ति में उत्परिवर्तन प्रेरित किया जाता है। इस आधार पर उत्परिवर्तनों को निम्नलिखित दो श्रेणियों में बाँटा जाता है। यथा-

(i) स्वतः उत्परिवर्तन (Spontaneous Mutation)-

जो उत्परिवर्तन प्रकृति में प्राकृतिक कारणों द्वारा स्वतः उत्पन्न होता रहता है, उसे स्वतः उत्परिवर्तन की संज्ञा प्रदान की जाती है। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-(i) DNA प्रतिकृति (Replication) के दौरान DNA पॉलीमरेस द्वारा त्रुटि (i) DNA क्षारकों का स्वतः विमेथिलीकरण (iii) परिवर्तनशील अवयवों की सक्रियता तथा (iv) सौर विकिरणों एवं वातावरण में उपस्थित रासायनिक प्रदूषकों द्वारा भी स्वतः उत्परिवर्तन होता है।

(ii) प्रेरित उत्परिवर्तनशील (Induced Mutation)-

जब उत्परिवर्तन किसी भौतिक या रासायनिक कारक से उपचार करने पर उत्पन्न होते हैं, तो उन्हें प्रेरित उत्परिवर्तन कहते हैं। जो कारक उत्परिवर्तन प्रेरण करते हैं, उन्हें उत्परिवर्तनजन (Mutagen) कहा जाता है। ये दो प्रकार के होते हैं। यथा-(a) भौतिक कारकः जैसे-x-किरण (x-rays)*, गामा-किरण (Υ-rays)* तीव्र एवं तीपीय न्यूट्रान तथा पराबैंगनी किरणें (ultroviolet rays)* आदि। (b) रासायनिक कारकः सोडियम एजाइड, जैसे हाइड्रॉक्सिलैनीन नाइट्स अम्ल, एथिलमिथेन सल्फोनेट तथा नाइट्रोजन मस्टर्ड* आदि।

उपरोक्त दोनों प्रकार के उत्परिवर्तनों की उत्पत्ति का कारण वास्तव में जीन संरचना’ अर्थात् सम्बन्धित DNA अणु के क्षारक क्रम (base sequence) में परिवर्तन होता है।

जीन स्तर के उत्परिवर्तन (Mutation of Gene Level)

DNA अणु के संकेत सूचनावाहक जीनों में उत्परिवर्तनों से इन जीनों के नियन्त्रण में संश्लेषित होने वाली प्रोटीन्स में ऐमीनो अम्लों के अनुक्रम बदल जाते हैं और आनुवंशिक लक्षणों के दृश्यरूप प्रभावित हो सकते हैं। जीन स्तर के इन उत्परिवर्तनों की निम्नलिखित श्रेणियाँ होती हैं-

1. मूक जीनी उत्परिवर्तन (Silent Genic Mutations) :

इसमें जीन के किसी त्रिगुणी संकेत (triplet code) में तीसरे स्थान के न्यूक्लिओटाइड के बदलने से कोड तो बदल जाता है, परन्तु नए कोड में भी पुराने कोड के ही ऐमीनो अम्ल की संकेत सूचना होती है। अतः परिणामी (resultant) पोलीपेप्टाइड श्रृंखला पर ऐसे उत्परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उदाहरणार्थ, mRNA अणु के CUU कोडोन का जीनी कोड CUA कोडोन के जीनी कोड में बदल सकता है, परन्तु दोनों ही में ऐमीनो अम्ल ल्यूसीन (leucine) की संकेत सूचना होती है।

2. लुप्तबोध उत्परिवर्तन (Missense Mutations) :

इसमें जीन के किसी त्रिगुणी संकेत में पहले, दूसरे या कभी-कभी तीसरे स्थान के न्यूक्लिओटाइड के बदले जाने से किसी दूसरे ऐमीनो अम्ल की सूचना का कोड बन जाता है। यदि परिणामी पोलीपेप्टाइड श्रृंखला में इस नए ऐमीनो अम्ल का स्थान महत्त्वपूर्ण नहीं होता तो प्रोटीन की उपापचयी भूमिका पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता, अन्यथा प्रोटीन त्रुटिपूर्ण हो
जाती है और इससे सम्बन्धित दृश्यरूप लक्षण में विकृति हो जाती है। इसकी एक उत्कृष्ट उदाहरण मनुष्यों के sickle-cell anaemia नामक रोग से मिलती है।

3. निषेधबोध उत्परिवर्तन (Nonsense Mutations) :

इसमें जीन के किसी त्रिगुणी कोड में एक न्यूक्लिओटाइड ऐसे बदल जाता है कि मूल कोड mRNA अणु के समापन कोडोन termination codonUGA, UAA या UAG) का कोड बन जाता है। अतः परिणामी पोलीपेप्टाइड श्रृंखला अधूरी रह जाती है और इससे सम्बन्धित लक्षण पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

4.योजना-विस्थापन उत्परिवर्तन (Frameshift Mutations) :

इसमें जीन के किसी स्थान पर से एक दो या अधिक (तीन या तीन के गुणकों में नहीं) न्यूक्लिओटाइड अणु हट जाते या नए न्यूक्लिओटाइड अणु जुड़ जाते है। अतः इस स्थान से आगे त्रिगुणी संकेतों का अनुक्रम पूरा बदल जाता है। इसके फलस्वरूप परिणामी प्रोटीन बिल्कुल भिन्न प्रकार की होती है और इससे सम्बन्धित दृश्यरूप लक्षण विकृत हो जाता है।

उत्परिवर्तनों के अभिलक्षण (Characteristies of Mutation)

अब तक ज्ञात तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि स्वतः एवं प्रेरित उत्परिवर्तनों की प्रकृति में कोई अन्तर नहीं होता है। उत्परिवर्तनों के कुछ मुख्य अभिलक्षण नीचे दिये गए हैं।

(1) अधिकांश उत्परिवर्ती विकल्पी (Mutant alleles) अप्रभावी (recessive) होते हैं।

(2) किसी जीन विशेष में उत्परिवर्तन होना या न होना मात्र संयोग पर निर्भर होता है।

(3) अधिकांश उत्परिवर्तन हानिकारक प्रभाव वाले होते हैं। लगभग 0.1 प्रतिशत उत्परिवर्तन लाभदायक होते हैं।

(4) प्रकृति में स्वतः उत्परिवर्तन होते रहते हैं। किसी जीन लिए स्वतः उत्परिवर्तन दर साधारणतया 10‾8 से 10‾7 (दस हजार में एक से एक करोड़ तक) हो सकती है।

(5) विभिन्न जीनों की स्वतः उत्परिवर्तन दर भिन्न होती है।

(6) कोशिका विभाजन की कुछ अवस्थाओं, जैसे, S अवस्था (DNA Synthesis) में उत्परिवर्तनों द्वारा उपचारित करने पर प्रेरित उत्परिवर्तन दर अपेक्षाकृत अधिक होती है।

(7) अधिकांश प्रेरित उत्परिवर्तन बहुप्रभावी (Poleiotropic) होते हैं।

उत्परिवर्तन के अनुप्रयोग (Application of Mutation)

(1) अधिक विविधता (variation) उत्पन्न करने में उत्परिवर्तन का प्रयोग किया जाता है। परन्तु ध्यान रहे कि उत्परिवर्तन जननद्रव्य संग्रहों का विकल्प नहीं है।

(2) उत्परिवर्तन प्रजनन द्वारा उपज सहित विभिन्न मात्रात्मक लक्षणों में सुधार किया जा सकता है।

(3) किसी उत्कृष्ट एवं अनुकूलित किस्म के किसी एक जीवी लक्षण (Oligogenic Trait) सुधार के लिए।

(4) अवांछनीय सहलग्न जीनों को इस विधि द्वारा हटाया जा सकता है।।

(5) जंगली स्पेशीज से वांछित जीनों का फसलों में स्थानान्तरण किया जा सकता है।

Mutant किसे कहते हैं?

जिस सदस्य में उत्परिवर्तित लक्षण सबसे पहले प्रदर्शित होता है, उसे उत्परिवर्ती (Mutant) कहते हैं।

उत्परिवर्तन का जनक कौन है ?

-ह्यूगो डि ब्रीज (1900) (UPPCS Main)

X-किरणों द्वारा सर्वप्रथम ड्रोमोफिया मक्खी में उत्परिवर्तन किसने पैदा किया था?*

-H.J. मुलर (1927) (UPPCS)

मुलर को 1946 में नोबेल पुरस्कार किसलिए मिला था?*

-x-किरण द्वारा उत्परिवर्तन

मस्टर्ड गैस तथा अन्य कई रसायनों के उत्परिवर्तनजनी (Mutagenic) गुणों की खोज किसने किया था?

-आरबैक एवं राब्सन

प्रकृति में नयी स्पेशीज उत्पन्न करने वाले कारणों में से एक कारण है?

-उत्परिवर्तन

किसी जीव में उपस्थित आनुवंशिक विविधता का मूलस्रोत है?

-उत्परिवर्तन एवं पुनर्योजन (IAS)

तो दोस्तों, शायद अब आपको उत्परिवर्तन किसे कहते हैं? | उत्परिवर्तन के प्रकार, Mutation in Hindi | what is mutation in biology , का कांसेप्ट अच्छे से समझ आ गया होगा, यदि कोई डाउट हो तो आप कमेंट या मेल के माध्यम से अपना डाउट क्लियर कर सकते हैं|

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shubham yadav

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