गृहविज्ञान

एपलीक वर्क क्या है? एपलीक किस प्रकार बनाया जाता है। अथवा एपलीक की विधि का वर्णन कीजिये।

एपलीक वर्क क्या है
एपलीक वर्क क्या है

एपलीक वर्क क्या है? एपलीक किस प्रकार बनाया जाता है। एपलीक की विधि

एपलीक का अर्थ है- विभिन्न रंगों, आकारों के कटे हुए कपड़े के टुकड़ों को दूसरे वस्त्र पर टाँकना। यह ‘पैच वर्क’ (Patch Work) भी कहलाता है। एपलीक के द्वारा बचे रंगीन कपड़ों की कतरनों का सदुपयोग तो होता ही है, साथ ही नमूने में सजीवता आ जाती हुए उसके सौन्दर्य में वृद्धि हो जाती है। नमूने के रिक्त स्थानों को रंगीन कपड़ों के टुकड़ों से ढँक देने से, कढ़ाई करने की मेहनत भी बच जाती है। कम समय और कम मेहनत से एपलीक द्वारा वस्त्रों को अधिक आकर्षक तथा मनमोहक बनाया जा सकता है। एपलीक की सुन्दरता में रंगों के चुनाव तथा नमूने का विशेष योगदान रहता है। जिस वस्त्र पर एपलीक बनाना हो, उसके विपरीत रंग के कपड़े के टुकड़ों का चयन एपलीक के लिए करें ताकि आपके बनाये नमूने अधिक स्पष्ट एवं खिलते हुए दिखाई दें। इस काम के लिए पॉपलीन, फ्लैनेल, टेरिकॉटन, रेशमी तथा ऊनी कपड़े  की कतरनें, जाली (net) या चमड़े का उपयोग भी होता है। एपलीक वर्क के लिए सदैव बड़े आकार के नमूने चुने जाने चाहिए जिनमें छोटी रेखाएँ अधिक न हों।”

बच्चों के वस्त्रों के लिए पक्षी, जानवर, गुड़िया, जोकर या अन्य कार्टून वाले नमूने अधिक आकर्षक लगते हैं। साड़ियों पर फूल-पत्तियों वाले नमूने अथवा ज्यामितीय नमूने सुन्दर दिखाई देंगे। इनके अतिरिक्त तकिया गिलाफ, बेड कवर, टी.वी. कवर, सोफा बैक, कुशन कवर, टेबल क्लॉथ, टी-कोजी, थैलों पर भी एपलीक का काम किया जाता है।

एपलीक की विधि

जो नमूना आपने चुना है, उसे रंगीन कपड़े के टुकड़े पर कार्बन से उतार लें। फिर जिस स्थान पर नमूना बनाना है, वहाँ कपड़े के टुकड़े को रखकर कच्चा टाँक लें। अब कपड़े के टुकड़े से मिलते-जुलते या विपरीत रंग के धागे से बाह्य आकृति बटनहोल स्टिच से भर लें। नमूनें के भीतर की रेखाएँ स्टेम, चेन, लेजी-डेजी, सैटिन इत्यादि सरल टाँकों से उपयुक्त रंगों से भरें। अब छोटी तेज धार वाली कैंची से बटनहोल से बाहर वाले कपड़े को काटकर निकाल दें। बस, एपलीक का नमूना तैयार है।

इसी एपलीक को अन्य विधियों से भी बनाया जा सकता है। जैसे बाह्य आकृति की रेखाएँ बटनहोल स्टिच से न बनाकर सैटिन, ब्लॅकेट, हेरिंगबोन अथवा काऊचिंग द्वारा भी बनायी जाती हैं। बड़े पैचवर्क में नमूने की फूल-पत्तियों की बाह्य आकृति काटकर, किनारे थोड़े- थोड़े मोड़कर वस्त्र पर तुरपन (Hem) करके भी टाँके जाते हैं। इस प्रकार का एपलीक वर्क प्रायः साड़ियों, पलंगपोश या मेजपोशों की बार्डरों पर किया जाता है।

आजकल बाजारों में मशीनों अथवा हाथ की कढ़ाई द्वारा निर्मित एपलीक के रेडीमेड नमूने बिकते हैं जिनमें बाह्य आकृति बटनहोल स्टिच से बनी होती है तथा किनारे कटे होते हैं। इन मोटिफ्स को सीधे वस्त्र पर रखकर केवल हेम करके टाँकने की आवश्यकता होती है। फिर भी स्वयं कढ़ाई करके बनाए गए एपलीक की बात ही कुछ और है क्योंकि वे आपकी कल्पनाशीलता, हस्तकौशल एवं सौन्दर्यप्रियता को नया विस्तार प्रदान करते हैं।

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shubham yadav

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