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क्षेत्रवाद के दुष्परिणाम (Evil Consequences of Regionalism)
क्षेत्रवाद के दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं-
1. राष्ट्रीयता के लिए खतरा
क्षेत्रवाद की भावना अधिक होने पर राष्ट्रीयता के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है। भारत जैसे विकासशील देशों में इस क्षेत्रीयता की भावना के दर्शन अनेक रूपों में होते हैं। यही कारण है कि आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या क्षेत्रीयता के उग्र या नकारात्मक स्वरूप का दमन कर राष्ट्रीयता का विकास करने की है।
2. सम्बन्धों में कडुवाहट
प्रत्येक क्षेत्र के द्वारा जोर अजमाइश होती है, फलस्वरूप उनके आपसी सम्बन्धों में कडवाहट आ जाती है। उदाहरणार्थ अभी कुछ दिन पूर्व कोलकाता रेलवे जोन का विभाजन और हाजीपुर नये रेलवे जोन के निर्माण की घोषणा के समय ममता बनर्जी की धमकी, उनका आंदोलन, राजग छोड़ देने की चेतावनी के कारण केन्द्र व राज्य के सम्बन्धों के मध्य कडुवाहट उत्पन्न हो गयी।
3. भाषागत कठिनाई
अपनी भाषा के प्रति लगाव बहुत ही अच्छी बात है किन्तु इस आधार पर राष्ट्रभाषा की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। इस प्रकार क्षेत्रवाद भाषागत समस्यायें भी उत्पन्न करता है।
4. संघर्ष
भारत में उग्र क्षेत्रवाद के आधार पर अनेक संघर्ष हुए और तनाव की स्थिति व्याप्त हो गयी। फलस्वरूप केन्द्र सरकार को नये राज्यों का विकास करने के लिए बाध्य होना पड़ा। अतः यदि कहीं पर कोई नया व्यवसाय आरम्भ करना हुआ नया रेलवे जोन या नयी रेलवे लाइन आदि कुछ भी नई करने की बात आती है तो क्षेत्रवाद के आधार पर जोर आजमाइश आरम्भ हो जाती है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण राज्य के पूर्व राजधानी के प्रश्न पर रायपुर और विलासपुर के मध्य उत्पन्न तनाव हमारे सामने प्रत्यक्ष प्रमाण है।
5. स्वार्थपरता
क्षेत्रवाद का एक प्रमुख दुष्परिणाम यह भी है कि स्वार्थी नेतृत्व का विकास होता है जोकि उन भावनाओं को भड़काते हैं और राष्ट्रीयता के मार्ग में अनेक बाधाएं उत्पन्न करते हैं, कभी भाषा के आधार पर तो कभी केन्द्रीय सहायता के नाम पर केन्द्र पर पक्षपात के आरोप लगाते हैं और आन्दोलन करते हैं। इसमें क्षेत्र व देश दोनों का ही भला नहीं होता है, किन्तु ऐसे नेताओं का स्वार्थ अवश्य पूरा होता है।
क्षेत्रवाद अपनी विशिष्ट पहचान बनाने, संस्कृति को बनाये रखने और अपने क्षेत्र के विकास पर अधिक ध्यान दिये जाने के लिए है तो यह आदर्श स्थिति है लेकिन इस क्षेत्रवाद के कारण यदि राष्ट्रीयता के मार्ग में बाधा पहुंचती है तो अवश्य ही गलत है क्योंकि क्षेत्र से ऊँचा राष्ट्र है।
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