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ठोस द्रव और गैस में अंतर | ठोस द्रव और गैस की तुलना

ठोस द्रव और गैस में अंतर | ठोस द्रव और गैस की तुलना :- आज Currentshub.Com आपके भौतिक विज्ञान के अंतर्गत आने वाले वाला एक महत्वपूर्ण टॉपिक ‘ठोस द्रव और गैस में अंतर | ठोस द्रव और गैस की तुलना (Difference between solid liquid and gas state in hindi), लेकर आए हुए हैं। यहाँ हम जानेंगे की ठोस द्रव और गैस में अंतर स्पष्ट कीजिए,ठोस द्रव गैस का चित्र,ठोस द्रव गैस में क्या अंतर है,ठोस द्रव गैस के उदाहरण,ठोस द्रव गैस की परिभाषा उदाहरण सहित,पदार्थ की अवस्थाएं ,ठोस पदार्थ क्या है, इत्यादि के बारे में विस्तार से|

द्रव्य (Matter) क्या है?

प्रत्येक वस्तु जो स्थान घेरती है व जिसका द्रव्यमान होता है वह द्रव्य है। हमारे चारों ओर मौजूद सभी ठोस, तरल और गैस द्रव से बने हैं। वैज्ञानिकों का विश्वास है कि द्रव्य छोटे-छोटे कणों से बने हैं, जो आपस में जुड़ गये हैं। इन कणों को नहीं देख सकते हैं परन्तु द्रव्य को देख सकते है। द्रव्य का द्रव्यमान होता है इसका अर्थ भार होता है। एक वस्तु जितनी अधिक भारी होगी उतना ही अधिक उसका द्रव्यमान होगा। सभी पदार्थ द्रव्य हैं परन्तु द्रव्य के सभी स्वरूप पदार्थ नहीं है। पदार्थ द्रव्य का स्वरूप है अर्थात यह पूरी तरह एक समान है। द्रव्य की प्रति कणों पर निर्भर है, द्रव्य के सबसे छोटे अविभाज्य कणों को परमाणु नाम दिया गया जो ग्रीक शब्द “अटोमास” अर्थात अविभाज्य से लिया गया है। परमाणु डेमोक्रिटस के द्वारा दिया गया था। परमाणु के विषय में आधुनिक विचार जान डॉल्टन 1803 के द्वारा प्रवर्तित किया गया हैं। परमाणु एक मूल इकाई है। इसके आधार पर द्रव्य के सभी रासायनिक गुणों को समझाया जा सकता है। अणु द्रव्य के भौतिक गुणों को समझाने के लिये महत्वपूर्ण है।

द्रव्य की अवस्थायें (State of Matter)

द्रव्यों का वर्गीकरण कई प्रकार से किया जा सकता है परंतु द्रव्य को वर्गीकृत  करने के निम्नलिखित 02 मुख्य विधियां हैं।

1. द्रव्य की भौतिक अवस्था: ठोस, द्रव व गैस के रूप में।
2. द्रव्य की रासायनिक संरचनाः तत्व, मिश्रण व यौगिक रूप में

द्रव्य के प्रकार (Types of Matter)

द्रव्य आमतौर पर 03 अवस्थाओं ठोस, द्रव गैस के रूप में होता है। द्रव्य की इन 03 अवस्थाओं के अलग-अलग गुण हैं। जल 03 अवस्थाओं में होता है।

I भौतिक गुण के आधार पर पदार्थों का वर्गीकरण

1. ठोस (Solid)

ठोस का आकार व आकृति निश्चित होते हैं। बाह्य बल के द्वारा ठोस का आकार बदल सकते है। ठोस में घटक कण एक दूसरे के बहुत निकट होते हैं, व घटक कणों के मध्य प्रबल अंतराअणुक बल होता है। जिसके कारण ठोस में अणुओं की स्थितियां निश्चित होती हैं। इस कारण ठोस कठोर और दृढ़ होते हैं। ठोस को संपीडित नहीं किया जा सकता है। यदि ठोस के अणु व परमाणु बलपूर्वक अधिक पास लाये जाते हैं तो उनके बीच अंतराअणुक बल आकर्षण से विकर्षण बन जाता है। जब एक ठोस गरम किया जाता है तो उसके कणों की तापीय ऊर्जा में वृद्धि होती है जिसके परिणाम से ठोस का द्रव में रूपांतरण होता है। जिस ताप पर ठोस द्रव में बदलता है उसे ठोस का गलनांक (Melting Point) कहते हैं।

2. द्रव (Liquid)

जल एक द्रव है। द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है। यह अपने पात्र का आकार लेता है। द्रव प्रवाह कर सकते हैं। द्रव को उडेला या फैलाया जा सकता है। द्रव के गुण ठोस और गैस के मध्यवर्ती हैं। द्रव के अंतराअणुक बल ठोस की तुलना में दुर्बल परन्तु गैसों की तुलना में प्रबल होते हैं। द्रव में घटक कणों की स्थिति ठोस की तरह निश्चित नहीं होती है परन्तु वे गैसों की तरह गति करने के लिये स्वतंत्र होते हैं। द्रव में अंतराअणुक बल गैसों की तुलना में प्रबल होते हैं। द्रव के घटक कण अणु और परमाणुओं एक दूसरे से टूट कर अलग हो जाते हैं और दूसरे अणुओं के पास आने पर उनकी ओर आकर्षित होते हैं। यदि दाब डाल कर अणुओं को पास लाने का प्रयास किया जाता है तो ठोस की तरह, अंतराअणुक बल प्रतिकर्षी हो जाते हैं। यही कारण है कि द्रव के आयतन पर दाब का कोई प्रभाव नहीं होता है। सिगरेट लाइटर में ब्यूटेन गैंस प्रयोग होता है।

3. गैस (Gas)

हम गैसों को नहीं देख सकते लेकिन यह हमारे चारों ओर मौजूद हैं। जब पवन चलती है तब हम वायु की उपस्थिति महसूस कर सकते है। चलती हुई हवा को पवन कहते हैं व यह कई गैसों जैसे कि ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, आर्गन, कार्बनडाईआक्साइड का मिश्रण होती है।

 गैस एक पात्र के आकार का ध्यान रखें बिना, पूरा आयतन घेर लेती है। गैस के अणु, अंतराअणुक बल कमजोर होने के कारण, आसानी से गतिमान रहते हैं तथा इनके बीच का अंतराअणुक वल इनके अणुओं को एक साथ इकट्ठा रखने में असमर्थ है। कमजोर आण्विक अन्योन्यक्रिया के कारण अणु एक दूसरे से दूर रहते हैं। क्योंकि अणु एक दूसरे से दूर रहते हैं “इन्हें दाब लगा कर पास लाया जा सकता है। इसी कारण से गैसें बहुत संपीडय होती हैं।

हम गैस को केवल एक निश्चित सीमा तक संपीडित कर सकते हैं। उस सीमा के बाद गैस के अणुओं के बीच प्रतिकर्षण बहुत अधिक हो जाता है। तापमान भी गैस के आयतन को प्रभावित करता है। तापमान बढ़ने के साथ गैस का आयतन भी बढ़ जाता है। गैस को आसानी से संपीडित किया जा सकता है, जिससे कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (C.N.G) प्राप्त होती है। रसोई घर में रसोई गैस सिलैंडर (LPG), इसलिये संभव है क्योंकि गैस संपीडय है। इसमें गंध एथिल मरकेप्टन की उपस्थिति के कारण है।

ठोस द्रव और गैस में अंतर | ठोस द्रव और गैस की तुलना

ठोस द्रव और गैस में अंतर

ठोस द्रव और गैस में अंतर

ठोस अवस्था

द्रव अवस्था

गैस अवस्था

1. इसमें आयतन तथा आकार दोनों निश्चित रहते है। 1. इसमें आयतन निश्चित पर आकार अनिश्चित रहता है। 1. इसमें आयतन तथा आकार दोनों अनिश्चित रहते है।
2. इसमें अवयवी कणों के बीच की दूरी काफी कम होता है। 2. इसमें अवयवी कणों के बीच की दूरी ठोस पदार्थ की अपेक्षा अधिक होती है। 2. इसमें अवयवी कणों के बीच की दूरी काफी अधिक होती है।
3. इसमें अवयवी कणों के बीच का आकर्षण बल काफी अधिक होते है। 3. इसमें अवयवी कणों के बीच का आकर्षण बल ठोस पदार्थ की अपेक्षा कम होता है। 3. इसमें अवयवी कणों के बीच का आकर्षण बल काफी कम होता है।
4. अवयवी कों में रेखीय गति नहीं होती है। 4. अवयवी कणों में रेखीय गति कम होता है। 4. अवयवी कणों में रेखीय गति बहुत अधिक होती है।
5. यह सबसे कम ऊर्जावान होती है। 5. यह ठोस की अपेक्षा बहुत ऊर्जावान है 5. यह सबसे अधिक ऊर्जावान है।
6. यह सबसे अधिक स्थाई है। 6. यह ठोस की अपेक्षा कम स्थाई है। 6. यह सबसे कम स्थाई है।
7. इन्हें बहुत ही कम दबाया जा सकता हैं। 7. इन्हें ठोस से अधिक दबाया जा सकता हैं। 7. गैस को अधिक दबाया जा सकता हैं।
8. इनका निश्चित गलनांक होता हैं। 8. द्रव का निश्चित क्वथनांक होता हैं। 8. इनका निश्चित क्रांतिक मान होता हैं।
9. अणुओ के बीच रिक्त स्थान बहुत ही कम होता हैं। 9. ठोस से अधिक रिक्त स्थान होता हैं। 9. इनमे अधिकांश रिक्त स्थान पाया जाता हैं।
ठोस के उदाहरण – बर्फ,मोम,गन्धक,लोहा द्रव के उदाहरण – जल,दूध,तेल,शहद गैस के उदाहरण- वायु, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि।

तो दोस्तों, शायद अब आपको “ठोस द्रव और गैस में अंतर स्पष्ट कीजिए,ठोस द्रव गैस का चित्र,ठोस द्रव गैस में क्या अंतर है,ठोस द्रव गैस के उदाहरण,ठोस द्रव गैस की परिभाषा उदाहरण सहित,पदार्थ की अवस्थाएं ,ठोस पदार्थ क्या है, का कांसेप्ट अच्छे से समझ आ गया होगा, यदि कोई डाउट हो तो आप कमेंट या मेल के माध्यम से अपना डाउट क्लियर कर सकते हैं|

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shubham yadav

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