अनुक्रम (Contents)
तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन का महत्व (Importance of the study of Comparative Politics)
तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन का महत्व
तुलनात्मक विश्लेषण राजनीति के अध्ययन का अभिन्न अंग है। तुलनात्मक अध्ययन से राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति अथवा राजनैतिक व्यवहार को समझने में सहायता मिलती है। प्रत्येक राजनैतिक व्यवस्था में शासन का स्वरूप एवं क्षेत्र भिन्न-भिन्न होता है। किसी भी समाज की नीतिसम्बन्धी सम्पूर्ण गतिविधियाँ सरकारी नहीं होती और न ही समस्त सरकारी गतिविधियाँ राजनैतिक ही होती हैं। सरकार का प्रमुख कार्य नीतियों का निर्माण करना तथा उन्हें क्रियान्वित करना होता है, किन्तु नीतियों के चुनाव में राजनीति के प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यही कारण है कि कभी-कभी एक जैसी राजनैतिक परिस्थितियों में दो देशों में भिन्न-भिन्न घटनाएँ घटती हैं और कभी-कभी असमान परिस्थितियों में एक-जैसी घटनाएँ घटती हैं। राजनीति का तुलनात्मक अध्ययन विभिन्न प्रणालियों में विद्यमान समानताओं एवं भिन्नताओं को समझने में सहायक सिद्ध होता है।
तुलनात्मक राजनीति का प्रमुख महत्व निम्नलिखित है-
1. किसी भी एक पद्धति का निष्पक्ष अध्ययन तभी सम्भव है, जबकि उसका अध्ययन विभिन् राजनैतिक पद्धतियों को ध्यान में रखकर किया जाए। ज्याँ ब्लांडेल के शब्दों में-“किसी विशेष शासन पद्धति के अध्ययन से पूर्व शासन का तुलनात्मक आधार पर सामान्य अध्ययन आवश्यक है। तुलनात्मक अध्ययन के अभाव में इस बात को नहीं समझा जा सकता कि एक सरकार कैसा काम कर रही है।” हमें इस बात को स्वीकार करना होगा कि शासन का अनुभवसिद्ध विश्लेषण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में तुलनात्मक ही होता है। जब हम शासन की किसी एक संस्था का विश्लेषण करते हैं और यह जानना चाहते हैं कि उक्त संस्था क्या कार्य करती है, किस प्रकार करती है, अच्छी प्रकार करती है अथवा नहीं, तब हम गौण रूप में उसकी तुलना करते हैं। इस प्रकार का अध्ययन कुछ लक्ष्यों को आधार मानकर ही किया जा सकता है।
2. तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन किसी भी राजनैतिक प्रणाली के विभिन्न सन्दर्भो को समझने में सहायक सिद्ध होता है। उदाहरणार्थ, सोवियत संघ में मार्क्सवाद इतना मजबूत क्यों है? ब्रिटेन में संसदीय प्रणाली स्थायी क्यों है? ब्रिटेन, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया तथा कनाडा इत्यादि देशों में दो ही दल क्यों हैं? जब कि फ्रांस, भारत इत्यादि देशों में अनेक दल हैं। इस प्रकार के अनेक प्रश्न और भी हैं। एक जैसी संस्था विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न कार्य क्यों सम्पादित करती है? पश्चिमी और साम्यवादी देशों में प्रजातंत्र का स्वरूप भिन्न-भिन्न क्यों है? इत्यादि। तुलनात्मक विश्लेषण द्वारा हम राजनैतिक व्यवहार की समानताओं और भिन्नताओं को समझ सकते हैं तथा उनके लिए उत्तरदायी कारणों की खोज भी कर सकते हैं। उदाहरणार्थ, हम कह सकते हैं कि फ्रांस की अपेक्षा ब्रिटेन में संसदीय प्रणाली अधिक सफल रही, क्योंकि ब्रिटेन में संसदीय प्रणाली का विकास उद्योगीकरण से पूर्व ही हो चुका था, जबकि फ्रांस में संसदीय प्रणाली का विकास उद्योगीकरण के पश्चात् हुआ। यह स्पष्टीकरण केवल एकपक्षीय है।
3. तुलनात्मक अध्ययन राजनीति के क्षेत्र में घटित अथवा संभावित घटनाओं को समझने में सहायता करता है। उदाहरणार्थ, यदि किसी देश में संसदीय प्रणाली असफल हुई हो तो अन्य देशों में इस पद्धति के संचालन का अध्ययन करके इसकी असफलता के कारणों का पता लगाया जा सकता है। तुलनात्मक अध्ययन के द्वारा यह ज्ञात किया जा सकता है कि संसदीय तथा अध्यक्षीय पद्धति को सफल बनाने के लिए किन शर्तों का होना आवश्यक है। तुलनात्मक विश्लेषण द्वारा अनेक राजनैतिक प्रणालियों के विषय में आवश्यक जानकारी को एकत्रित करके उसे अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है। एक भारतीय विद्यार्थी ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका, सोवियत संघ इत्यादि की शासन-प्रणालियों का अध्ययन करने के उपरान्त भारत की शासन-पद्धति के सापेक्ष महत्व को समझ सकता है।
4. तुलनात्मक विश्लेषण द्वारा घटनाओं का वर्णन करने, उनका प्रभाव निश्चित करने तथा उनके सम्बन्ध में सामान्य सिद्धान्तों की स्थापना करने में सहायता मिलती है। फ्रांसीसी लेखक सेलिले के अनुसार तुलनात्मक प्रणाली उस ‘सामान्य बहाव’ (general current) को खोजती है जो समस्त शासन-विधानों से होकर गुजरती हो तथा जिसपर अनुभव ने अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी हो । उदाहरणार्थ, सोवियत संघ तथा फ्रांस में हुई क्रांतियों में परस्पर सम्बन्ध न होने पर भी क्रांति के विकास के कारणों, उद्देश्यों तथा उपायों के आधार पर तुलना की जा सकती है।
5. तुलनात्मक अध्ययन उन स्थितियों को स्पष्ट करने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है जिनमें आशा के विपरीत परिणाम दिखाई पड़ते हों। उदाहरणार्थ, विभिन्न अविकसित अथवा विकासशील राज्यों के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि तकनीकी सहायता की तीव्र गति आर्थिक सहायता प्राप्त अविकसित राज्य में अस्थिरता ला सकती है।
6. तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर कुछ स्थितियों का पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है। उदाहरणार्थ, यह कहा जा सकता है कि कठोर दंड की व्यवस्था ज्यूरी व्यवस्था के विरुद्ध सिद्ध होगी। ज्यूरी कठोर दण्ड की अपेक्षा कानून की उपेक्षा करना अधिक पसन्द करेगी। इसी प्रकार और भी सामान्य बातें कही जा सकती हैं। तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन का उद्देश्य केवल समानताओं एवं भिन्नताओं का विवरण करना ही नहीं है अपितु उनके लिए उत्तरदायी कारणों की खोज करना तथा परिकल्पनाओं (hypotheses) का निर्धारण करना भी है ताकि विभिन्न राजनैतिक पद्धतियों की जाँच की जा सके।
7. तुलनात्मक पद्धति का महत्व केवल अध्ययन की दृष्टि से ही नहीं अपितु सामान्य हित के लिए भी है। प्रश्न उठता है कि विश्व के कुछ भागों में कोई एक विशेष प्रकार की व्यवस्था ही क्यों है? कहीं पर उदारवादी प्रजातंत्र है तो कहीं पर अधिनायकतंत्र । अधिनायकतंत्र के भी अनेक भेद देखने को मिलते हैं; जैसे कि राजतंत्र, एकदलीय शासन-पद्धति तथा सैनिक तानाशाही इत्यादि। इसके लिए कारण की खोज करना आवश्यक है। तानाशाही का रूप चाहे कैसा भी क्यों न हो, यह स्वयंसिद्ध है कि तानाशाही प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से नागरिकों को प्रभावित करती है। यही कारण है कि प्राचीन तथा आधुनिक युग में तानाशाही के अध्ययन के साथ-साथ उसे रोकने के सुझाव भी दिये गये हैं। इस प्रकार तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन केवल राजनीति-विशेषज्ञों के लिए ही लाभप्रद नहीं है अपितु राजनैतिक संस्थाओं को समझने तथा उनमें सुधार लाने में भी तुलनात्मक अध्ययन महत्वपूर्ण है।
लोकसभा की शक्तियां विस्तार में (Functions and Powers of the Lok Sabha in Hindi) PDF
संसदीय शासन प्रणाली के गुण एवं दोष
अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली के लक्षण
एकात्मक सरकार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, गुण एवं दोष
संघात्मक शासन व्यवस्था से आप क्या समझते हैं? उसकी प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
एकात्मक एवं संघात्मक शासन में क्या अन्तर है?
बेंथम के विचारों की आलोचना। Criticism of Bentham In Hindi
इसे भी पढ़े…
- Political Notes By BL Choudhary in Hindi PDF Download
- Dhyeya IAS Indian Polity Notes PDF Download {**ध्येय IAS}
- Vision IAS Indian Polity and Constitution Notes
- Shubra Ranjan Political science Notes Download PDF
- Indian Polity Handwritten Notes | Vajiram & Ravi Institute
- Indian Polity GK Questions-भारतीय राज्यव्यवस्था सामान्य ज्ञान
- भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था By Drishti ( दृष्टि ) Free Download In Hindi
Note: इसके साथ ही अगर आपको हमारी Website पर किसी भी पत्रिका को Download करने या Read करने या किसी अन्य प्रकार की समस्या आती है तो आप हमें Comment Box में जरूर बताएं हम जल्द से जल्द उस समस्या का समाधान करके आपको बेहतर Result Provide करने का प्रयत्न करेंगे धन्यवाद।
You May Also Like This
- सम-सामयिक घटना चक्र आधुनिक भारत का इतिहास
- सम-सामयिक घटना चक्र अतिरिक्तांक GS प्वाइंटर प्राचीन, मध्यकालीन भारत का इतिहास
- सम-सामयिक घटना चक्र GS प्वाइंटर सामान्य भूगोल PDF Download
- सम-सामयिक घटना चक्र (GS Pointer) भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन PDF
- English as Compulsory language
- सम-सामयिक घटना चक्र अतिरिक्तांक GS प्वाइंटर सामान्य विज्ञान
- Lucent’s Samanya Hindi pdf Download
- क्या आप पुलिस में भर्ती होना चाहतें है – कैसे तैयारी करे?
- Maharani Padmavati क्यों खिलजी की चाहत बनी पद्मावती
- News and Events Magazine March 2018 in Hindi and English
- Banking Guru February 2018 in Hindi Pdf free Download
- Railway(रेलवे) Exam Book Speedy 2017 PDF में Download करें
- मौर्य वंश से पूछे गये महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर हिंदी में
- IAS बनना है तो कुछ आदतें बदल लें, जानें क्या हैं वो आदतें
अगर आप इसको शेयर करना चाहते हैं |आप इसे Facebook, WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं | दोस्तों आपको हम 100 % सिलेक्शन की जानकारी प्रतिदिन देते रहेंगे | और नौकरी से जुड़ी विभिन्न परीक्षाओं की नोट्स प्रोवाइड कराते रहेंगे |
Disclaimer:currentshub.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है ,तथा इस पर Books/Notes/PDF/and All Material का मालिक नही है, न ही बनाया न ही स्कैन किया है |हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- currentshub@gmail.com