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दीवार विहीन कक्षाएँ (Classroom without Four Walls)
दीवार विहीन कक्षाएँ अपने नामकरण से ही स्वयं के आशय को स्पष्ट करती है। ये कक्षाएँ वे होती हैं जहाँ दीवारें नहीं होती हैं। दीवार विहीन कक्षाएँ खुले परिवेश में स्वतंत्रतापूर्वक संचालित की जाती हैं। इनमें चारों तरफ से कोई अवरोध अथवा आड़ नहीं होता है। ये कक्षाएँ, मुक्त रूप से चलायी जाती है। प्राचीनकाल में इन कक्षाओं के माध्यम से ही ऋषियों, मुनियों आदि का शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्राप्त होता था। वर्तमान समय में भी शैक्षिक वातावरण को स्वतंत्र व अनुकूल बनाने के लिए अनेक ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं जिससे अधिगम प्रक्रिया को सरल एवं सहजता का रूप दिया जा सके।
दीवार विहीन कक्षाएँ खुले वातावरण में चलायी जाती हैं। इसमें जगह-जगह शांतिप्रिय स्थानों पर कक्षा-कक्ष का आयोजन करके पर्यावरण से सम्बन्धित ज्ञान छात्रों को प्रदान किये जाते हैं। उन्हें जीवन जीने के ढंग, व्यवसाय एवं ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराया जाता है। इसमें छात्र वास्तविक दुनिया से परिचित होते हैं। पाठ्यक्रम एवं विषयों से सम्बन्धित गहन अन्वेषण एवं प्रमाणिक जानकारी प्राप्त होती है। इसमें क्षेत्रभ्रमण, परियोजनाएँ एवं अन्तः विषय इकाइयाँ अन्वेषण आदि के अवसर उपलब्ध कराये जाते हैं। अनुभावात्मक अन्वेषण एवं ऐतिहासिक कला के माध्य से सांस्कृतिक गतिविधियाँ उपलब्ध करायी जाती है। दीवार विहीन कक्षा में छात्रों के कौशलों का हस्तांतरण करके वास्तविकता की समझ विकसित की जाती है। उन्हें सहकर्मी के रूप में शिक्षा प्रदान की जाती है।
दीवार विहीन कक्षा के उद्देश्य (Objectives of Classroom without Four Walls)
दीवार विहीन कक्षाओं के प्रमुख उद्देश्य हैं बालक को खुले वातावरण में स्वतंत्रात्मक रूप से सामाजिक परिवेश, जागरुकता तथा वास्तविक स्थितियों से परिचित कराना जिससे छात्र वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुसार अपने को ढाल सकें।
दीवार विहीन कक्षाएँ किसी निश्चित स्थान पर ही आयोजित नहीं होती हैं। इनका स्थानान्तरण परिस्थितियों के अनुरूप होता रहता है। इस प्रकार दीवार विहीन कक्षाओं का उद्देश्य जागरुकता उत्पन्न करने, सामाजिक अस्तित्व को कायम करने के लिए प्रबुद्ध पहचान बनाना है। इसके द्वारा भूमिका निभाने, मूल्यों, परम्पराओं के पालन की कला का विकास होता है।
शैक्षिक नवाचार में दीवार विहीन कक्षा-कक्ष की भूमिका एवं महत्त्व (Importance of Classroom without four walls in Educational Innovation)
शैक्षिक नवाचार में दीवार विहीन कक्षा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इसके द्वारा छात्रों में रचनात्मकता का विकास होता है। उन्हें नवाचार लाने में अनेक मार्ग प्रशस्त होते हैं। इसके द्वारा कल्पना, भावनाओं एवं शारीरिक क्रिया एवं अनुभव का विकास एवं वास्तविकताओं से परिचय प्राप्त होता है। इसमें खर्च बहुत सीमित होते हैं। बालकों में मनोवैज्ञानिक लचीलेपन का विकास होता है। अहंकार केन्द्रित दृष्टिकोण को त्यागने की क्षमता एवं सहजता का वातावरण विकसित होता है। इसमें अन्तर्क्रिया द्वारा शैक्षिक कार्यक्रम एवं वार्ता द्वारा समस्याओं के समाधान के अवसर प्राप्त होते हैं। इसमें ट्रैकफिल्ड आयोजक होते हैं जो भूमिकाओं को व्यवस्थित करने, उनका मार्गदर्शन करने एवं उन्हें निर्देश देने जैसा कार्य करते हैं। इस कक्षा-कक्ष कार्यक्रम में वृत्त चित्र, वीडियो, वार्तालाप आदि का आयोजन छात्रों की जागरुकता का विकास करते हैं। इस प्रकार नवाचार लाने में इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण है।
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