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नवाचार तथा नवाचार की विशेषताएँ | Innovation in Hindi

नवाचार तथा नवाचार की विशेषताएँ
नवाचार तथा नवाचार की विशेषताएँ

नवाचार (Innovation )

एच० जी० वारनेट का विचार है- “नवाचार एक विचार है, व्यवहार अथवा वस्तु है, जो नवीन और वर्तमान स्वरूप से गुणात्मक दृष्टि से भिन्न होता है।”

टी० पी० राव का मानना है “किसी उपयोगी कार्य के लिए किसी व्यक्ति अथवा निकाय के द्वारा किया गया नया विचार अथवा अभ्यास है।” आज शिक्षा के क्षेत्र में नवीन विचारों और व्यवहारों का पदार्पण हो चुका है और सभी विद्वान इस बात से सहमत हैं कि भारत में इन नवाचारों का अपना अलग महत्त्व है।

नवाचार की विशेषताएँ (Features of Innovation )

नवाचार की विभिन्न परिभाषाओं द्वारा उसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है। शैक्षिक नवाचार वास्तव में शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में किए जाने वाले वे विचार व्यवहार आदि हैं, जिनके फलस्वरूप शिक्षा को और उपयोगी बनाया जा रहा है। यहाँ हम शिक्षा के सम्बन्ध में नवाचार की विशेषताओं पर संक्षेप में प्रकाश डाल रहे हैं-

(1) नवाचार एक नवीन विचार माना जाता है। शिक्षा के अन्तर्गत जो नवीन विचारों का प्रादुर्भाव हुआ है उन्हें ही शैक्षिक नवाचार की संज्ञा दी जाती है।

(2) नवाचारों का उद्भव, आवश्यकता एवं महत्त्व परिस्थितिजन्य होती है। समय की परिस्थितियों के अनुसार शिक्षा की आवश्यकताओं एवं परिस्थितियों आदि में निरन्तर परिवर्तन हो रहे हैं। इनके अनुसार जो परिवर्तन आ रहे हैं उन्हें शैक्षिक नवाचारों के अन्तर्गत स्थान दिया जायेगा।

(3) नवाचार नवीन लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक होते हैं। समय के अनुसार शिक्षा के लक्ष्य परिवर्तित हुए हैं, इन्हें शैक्षिक नवाचारों के अन्तर्गत स्थान दिया जायेगा ।

(4) वर्तमान परिस्थितियों की तुलना में नवाचार गुणात्मक दृष्टि से श्रेष्ठ होता है। शैक्षिक  नवाचार के लिए भी यह बात पूर्णतया सत्य है।

(5) नवाचार समझ-बूझकर किया जाने वाला एक सुनियोजित प्रयास होता है। शिक्षा में जिन नवाचारों का प्रारम्भ हुआ है वे भी समझ-बुझकर अपनाये गये हैं।

(6) नवाचार के अन्तर्गत सदैव विशिष्टता के तत्त्व विद्यमान रहते हैं। शैक्षिक नवाचार भी अनेक प्रकार की विशिष्टताओं से युक्त हैं।

(7) नवाचारों के अन्तर्गत कार्यात्मक उपयोगिता होती है। शैक्षिक नवाचारों के सन्दर्भ में यह बात और भी अधिक समीचीन है।

(8) नवाचार विद्यमान परिस्थितियों में सुधार लाने का नूतन प्रयास होता है। आज की जो परिस्थितियाँ हैं उनमें शैक्षिक नवाचारों के द्वारा सुधार लाया जा सकता है।

(9) नवाचार किसी निकाय अथवा व्यक्ति के मस्तिष्क की उपज होता है तथा वह दूसरों से लिया जा सकता है। भारत में शिक्षा के अन्तर्गत जिन नवाचारों को अपनाया गया है वह दूसरों की ही देन हैं।

(10) नवाचार के अन्तर्गत व्यक्ति का स्थान सर्वोपरि होता है। आधुनिक शिक्षा भी छात्र अभिमुखी होती जा रही है।

(11) नवाचार में लचीलापन, जागरूकता, नेतृत्व, सम्पर्क और सहयोग एवं उत्प्रेरणा आदि के आवश्यक गुण अवश्य होते हैं।

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shubham yadav

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