अनुक्रम (Contents)
पत्राचार का स्वरूप
अपने मन की बात कहना- एक कला है। पत्र के माध्यम से हम अपनी बात कहते हैं। पत्र-लेखन एक कला है। हृदयग्राही से पत्र को लिखा जाना अत्यन्त आवश्यक है। इतिहास साक्षी है कि केवल एक पत्र ने दो हृदयों को जोड़ा भी है और तोड़ा भी है। यह बात देशों के स्तर पर भी लागू होती है।
पत्राचार का स्वरूप या ढाँचा
पत्र के मुख्यतः पाँच भाग होते हैं-
1. पता व तारीख पत्र- प्रेषक को सबसे ऊपर अपना पता तथा पत्र लिखने की तिथि या तारीख लिखनी चाहिए। इससे दो लाभ होते हैं। पत्र का उत्तर देने वाले को पते के लिए भटकना नहीं पड़ता है। कई बार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति पत्रोत्तर देने को तैयार है, परन्तु पते के अभाव में लाचार हो जाता है। तारीख लिखने से पत्र का सन्दर्भ सामने रहता है।
2. सम्बोधन- अवस्था, सम्बन्ध तथा ओहदा या पद को ध्यान में रखकर सम्बोधन किया जाता है।
3. अभिवादन- जिस प्रकार अवस्था आदि के अनुसार सम्बोधन किया जाता है, उसी प्रकार अभिवादन लिखते समय भी इन बातों को ध्यान में रखना पड़ता है। नमस्कार, प्रणाम, सादर दण्डवत, आशीर्वाद, प्यार, याद करना आदि अभिवादन वाले शब्द इस भाग के अन्तर्गत आते हैं।
4. मुख्य भाग- पत्र की पावती, कुशल समाचार, संदेश आदि पत्र के मुख्य भाग के अन्तर्गत आते हैं।
5. समापन- सम्बोधन एवं अभिवादन के अनुरूप पत्र का समाधन किया जाता है, जैसे भवदीय, विनीत, शुभैषी, कृपाकांक्षी, आज्ञाकारी, प्रियपुत्र, प्यारी बेटी, आपका ही आदि। समापन करने के पूर्व समस्त शुभकामनाओं सहित, सधन्यवाद, पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में आदि लिखना भी एक अच्छे पत्र के अंग माने जाते हैं। इस प्रकार के शब्द निकटता के सूचक होते हैं। और पत्र को प्राप्त करने वाले हृदय पर एक स्वस्थ प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
कार्यालयीय पत्राचार
कार्यालयीय पत्र लेखन’ शब्द के आशय है कि ‘कार्यालय सम्बन्धी काम-काज निपटाने के लिए किया जाने वाला विविध प्रकार का पत्राचार’ । ‘कार्यालय’ के लिए अँगरेजी शब्द ‘ऑफिस’ प्रचलित है। बोलचाल में इसके लिए हम-आप हिन्दुस्तानी का शब्द ‘दफ्तर’ का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार कार्यालयीय का सामान्य अथवा सीमित अर्थ तो हुआ दफ्तरी अर्थात् दफ्तर (कार्यालय) से सम्बन्धित; परन्तु इसका व्यापक अर्थ है सरकारी, राजकीय, प्रशासनिक इत्यादि । इस दृष्टि से “कार्यालयीय पत्र वे पत्र हैं जो सरकारी प्रशासनिक या राजकीय काम-काज को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रयुक्त होते हैं।”
प्रत्येक व्यापारिक, वाणिज्यिक, व्यावसायिक, औद्योगिक संस्थान का अपना एक ‘कार्यालय’ होता है जहाँ कार्मिकों की नियुक्ति से लेकर उत्पादन सामग्री, उत्पादन प्रक्रिया, उत्पादन-विक्रय, विज्ञापन प्रचार आदि सभी प्रकार का काम-काज संचालित और नियंत्रित होता है। बड़े-बड़े उद्योगों, कारखानों, संस्थानों, विद्यालयों, महाविद्यालयों, चिकित्सालयों, पुस्तकालयों, मुद्रणालयों आदि का एक अलग प्रशासनिक अनुभाग या विभाग होता है। वहाँ भी सरकारी कार्यालयों के समान एक निश्चित, नियमित और मान्य प्रविधि के अनुसार कार्यकलाप, पत्राचार आदि होता है। इसी प्रकार, बैंकों और बीमा कम्पनियों आदि का तो समग्र स्वरूप ही एक बड़े कार्यालय सा होता है। इन सभी प्रकार के क्षेत्रों की गतिविधियों के सम्यक् संचालन हेतु किया जाने वाला किसी भी प्रकार का पत्राचार ‘कार्यालयीय पत्र लेखन’ कहलायेगा।
कार्यालयीय पत्राचार के उदाहरण
(सरकारी पत्र)
भारत सरकार,
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय
पत्र संख्या..
प्रेषक-
उपसचिव,
स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार
नई दिल्ली।
सेवा में,
प्रबंधक,
जन सेवा समिति
…(आंध्र प्रदेश)
विषय- तूफान पीड़ितों के लिए सहायता
महोदय,
आपके पत्र संख्या 03/12 (क)/34 दिनांक 17.7.2019 के उत्तर में मुझे आपको सूचित करने का निर्देश हुआ है कि स्वास्थ्य मंत्रालय को सहायता-रूप में विदेशों से प्राप्त दवाइयाँ आन्ध्रप्रदेश सरकार के पास तूफान पीड़ितों की सहायता के लिए भेजी जा चुकी हैं। आन्ध्र प्रदेश सरकार ही उन्हें स्वयंसेवी संस्थाओं को यथानियम वितरित करेगी।
इसलिए निवेदन है कि आप इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग, आंध्रप्रदेश सरकार से सीधे सम्पर्क स्थापित करें।
भवदीय
(क, ख, ग)
उपसचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय
भारत सरकार, नई दिल्ली 27/7/19
वाणिज्यिक पत्राचार
व्यावसायिक क्षेत्र में या औपचारिक व्यापारिक जगत् में पत्राचार या लिखित शब्द महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। दूसरे शब्द में कहा जाय तो व्यावसायिक या सरकारी क्षेत्र में मौखिक शब्द के स्थान पर लिखित शब्द का अधिक महत्त्व है। इन क्षेत्रों में प्रत्येक कदम तय करने के लिए लिखित कार्यवाही का आश्रय अनिवार्य है। अतः व्यावसायिक क्षेत्र में पत्र लिखने की कला और सूझबूझ का अभ्यास अपेक्षित है। इसके अभाव में हम अपनी समस्या और अपना कार्य पूरा नहीं करवा सकते। प्रत्येक आवश्यकता के लिए पत्र लिखना औपचारिक क्षेत्र की अनिवार्यता है। व्यावसायिक क्षेत्र में ‘विज्ञापन-पत्र’, ‘मूल्य-पत्र’, ‘क्रयादेश-पत्र’, ‘विक्रय-पत्र’, ‘अनुरोध-पत्र’, निविदा-पत्र’ आदि के चक्रव्यूह से गुजरना पड़ता है।
वाणिज्यिक या व्यावसायिक पत्र के उदाहरण
बैंक से चैक बुक मँगाना
एजेण्ट,
इलाहाबाद बैंक,
नया बैरहना,
इलाहाबाद,
महोदय,
आपके बैंक शाखा बचत R-762 के सन्दर्भ में निवेदन है कि तारीख 14.8.19 को मुझे दी गयी चेक बुक संख्या T.V./315 समाप्त हो गयी है तथा मुझे नयी चेक बुक की आवश्यकता है।
निवेदन है कि 50 चेकों वाली चेक बुक पत्र-वाहक श्री विनय कुमार को देने की कृपा करें। इस हेतु निर्धारित फॉर्म भरकर भेज रहा हूँ। श्री विनय कुमार के हस्ताक्षर मेरे द्वारा सत्यापित कर दिये गये हैं।
सधन्यवाद!
भवदीय,
शिवमूर्ति पाठक
- पत्राचार से आप क्या समझते हैं ? पत्र कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रयोजनमूलक हिन्दी के प्रमुख तत्त्वों के विषय में बताइए।
- राजभाषा-सम्बन्धी विभिन्न उपबन्धों पर एक टिप्पणी लिखिए।
- हिन्दी की संवैधानिक स्थिति पर सम्यक् प्रकाश डालिए।
- प्रयोजन मूलक हिन्दी का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रयोजनमूलक हिन्दी के विविध रूप- सर्जनात्मक भाषा, संचार-भाषा, माध्यम भाषा, मातृभाषा, राजभाषा
- प्रयोजनमूलक हिन्दी के विषय-क्षेत्र की विवेचना कीजिए। इसका भाषा-विज्ञान में क्या महत्त्व है?
You May Also Like This
- कविवर सुमित्रानन्दन पन्त का जीवन परिचय, कृतियाँ/रचनाएँ, भाषा-शैली, हिन्दी साहित्य में स्थान
- कविवर बिहारी का जीवन परिचय, कृतियाँ/रचनाएँ, भाषा-शैली, हिन्दी साहित्य में स्थान
- रसखान का जीवन परिचय, कृतियाँ/रचनाएँ, भाषा-शैली, हिन्दी साहित्य में स्थान
- गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय, कृतियाँ/रचनाएँ, भाषा-शैली, हिन्दी साहित्य में स्थान
- सूरदास का जीवन परिचय, कृतियाँ/रचनाएँ, भाषा-शैली, हिन्दी साहित्य में स्थान
- जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा-शैली, हिन्दी साहित्य में स्थान
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल- जीवन-परिचय, साहित्यिक परिचय, रचनाएँ
- सूरदास जी की जीवनी और साहित्यिक परिचय
- तुलसीदास का साहित्यिक परिचय
- भक्तिकाव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां | भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताएं
- सूरदास जी की जीवनी और साहित्यिक परिचय (Surdas biography in Hindi)
अगर आप इसको शेयर करना चाहते हैं |आप इसे Facebook, WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं | दोस्तों आपको हम 100 % सिलेक्शन की जानकारी प्रतिदिन देते रहेंगे | और नौकरी से जुड़ी विभिन्न परीक्षाओं की नोट्स प्रोवाइड कराते रहेंगे |