राजनीति विज्ञान (Political Science)

लचीला और कठोर संविधान में अंतर

लचीला और कठोर संविधान में अंतर

लचीला और कठोर संविधान में अंतर- भारत का संविधान कठोर है या लचीला, यह जानने के लिए आपको पहले इन दोनों शब्दों का अर्थ संविधान के संबंध में समझना होगा। कठोर संविधान का अर्थ है कि संशोधन के लिए विशेष प्रक्रियाओं की जरूरत होती है, जबकि लचीला संविधान वह होता है, जिसमें संशोधन आसानी से किया जा सकता है। भारत के संविधान में संशोधन की एक निश्चित प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया न तो बहुत ज्यादा कठोर है और न ही बहुत ज्यादा लचीली।

इसी कारण भारत का संविधान जितना कठोर है, उतना ही यह लचीला भी है। भारत के संविधान में आपको अमेरिका के, ब्रिटेन के तथा कई देशों के संविधान की कई बातें देखने को मिल सकती हैं। इसमें सबकुछ लिखित अवस्था में नहीं है और आपको बहुत कुछ कन्वेंशन के आधार पर भी समझना पड़ता है। इसे आप किसी खास देश से लिया हुआ या किसी खास ढांचे पर आधारित नहीं कह सकते हैं। यह अपने आप में बिल्कुल अलग है।

लचीला और कठोर संविधान में अंतर

लचीला और कठोर संविधान में अंतर

भारतीय संविधान कठोर एवं लचीलेपन का सम्मिश्रण

भारतीय संविधान कठोरता व लचीलेपन के सम्मिश्रण का अनूठा उदाहरण है। संशोधन प्रक्रिया के आधार पर एक संविधान को कठोर अथवा लाचीला कहा जाता है। कठोर सविधान को आसानी से संशोधित नहीं किया जा सकता। संयुक्त राज्य अमेरिका, स्वीटजरलैंड तथा आस्ट्रेलिया के संविधान कठोर संविधानों की श्रेणी में आते हैं, जबकि ब्रिटेन का संविधान लचीला है क्योंकि उसकी संशोधन प्रक्रिया आसान एक साधारण है। भारत के संविधान में संशोधन की तीन विधियां दी गई हैं। पहली विधि के अनुसार संशोधन साधारण बहुमत द्वारा होता है जिसमें संसद के दोनों सदनों में उपस्थित सदस्यों के बहुमत से संशोधन किया जाता है और उसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेज दिया जाता है। दूसरी विधि में संशोधन के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है। यह संशोधन सदन के दोनों सदनों के कुल सदस्यों तथा प्रत्येक सदन के दो-तिहाई उपस्थित सदस्यों के मतदान के द्वारा पारित किया जाता है। तीसरी विधि में विशेष बहुमत, जो दूसरी विधि में लिखा है, के अलावा 50 प्रतिशत राज्यों के विधानसभाओं द्वारा भी पारित होना आवश्यक होता है। इसलिए आपने देखा कि भारतीय संविधान के संशोधन में साधारण से लेकर कठोर प्रक्रिया को भी संशोधन की प्रकृति के अनुसार अपनाया जाता है।

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shubham yadav

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