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शिक्षा में नवाचार में केस बड़ौदा (Case Baroda) की क्या भूमिका है?

शिक्षा में नवाचार में केस बड़ौदा
शिक्षा में नवाचार में केस बड़ौदा

शिक्षा में नवाचार में केस बड़ौदा (Case Baroda)

बड़ौदा का माध्यमिक अध्यापक शिक्षण कॉलेज 1935 में स्थापित किया गया था। महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय में वर्ष 1949 में शिक्षा एवं मनोविज्ञान संकाय में इसकी स्थापना की गयी। यह देश में शिक्षक शिक्षा के नेतृत्व को प्रदान करने में अग्रणी है। यह सर्वप्रथम बार भारत में अनुशासन में अनुसंधान की परम्परा की स्थापना की थी। यह सर्वप्रथम सम्पूर्ण भारत के शिक्षण कॉलेजों का सम्मेलन (आल इण्डिया कांफ्रेंस ऑफ ट्रेनिंग कॉलेज) 1950 में आयोजित किया था। इस समय चार से अधिक गोष्ठियाँ, कार्यशाला एवं सम्मेलन आयोजित किये गये थे। कार्यशाला एवं शैक्षिक मूल्यांकन एवं परीक्षण की प्रक्रिया डॉ. बी. एस. ब्लूम (Dr. B. S. Bloom) की अध्यक्षता में सम्पन हुई थी। डॉ० ब्लूम शैक्षिक उद्देश्यों (संज्ञानात्मक डोमेन) हेतु वर्ष 1957 में वर्गीकरण विज्ञान के जनक माने जाते हैं।

इस कार्यक्रम के अन्तर्गत लगभग 60 से अधिक सुधारों को विभाग द्वारा परिचित कराया गया था। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत से मिनार (गोष्ठी पद्धति), ग्रेडिंग, आन्तरिक मूल्यांकन, क्रेडिट सिस्टम आदि को सम्मिलित किया गया। सन् 1962 में मिशिगन विश्वविद्यालय में माध्यमिक शिक्षा में प्रशिक्षण केन्द्र (Centre for Research and Training in Secondary Education C.R.T.S.E.) की स्थापना की गयी। इसके संगठन के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किये गये। विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग द्वारा उत्कृष्ट डिपार्टमेंट एज सेण्टर ऑफ एडवान्स स्टडी इन एजुकेशन (CASE) की स्थापना वर्ष 1963 में की गयी। सूक्ष्म शिक्षण (माइक्रो टीचिंग) तकनीक द्वारा CASE के प्रयोग एवं परीक्षा में शैक्षिक तकनीकी को रखा गया। CASE का यह अनुसंध शान कार्य सम्पूर्ण भारत में शिक्षक शिक्षा को पुनर्जीवित किया।

1974 ई० में सम्पूर्ण भारत में एवं दूसरे एशियन देशों में भी इसने अपनी भूमिका निभायी। शिक्षा में प्रथम अनुसंधान वर्ष 1974 में किया गया जिसने विश्व स्तर पर शिक्षा के कार्य एवं अनुसंधान को आगे बढ़ाया। इसने सर्वप्रथम विश्वविद्यालयी अध्यापकों के लिए 1975 में उनके लिए “ओरियेण्टेशन प्रोग्राम” से परिचित कराया। उस समय माड्यूलर उपागम संसार में अस्तित्व में आया था। माड्यूलर प्रोग्राम को सबसे पहले भारत से UNESCO द्वारा चयनित . किया गया जो कि CASE द्वारा विकसित किया गया। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) को 1980 यू. जी. सी. द्वारा विशेषज्ञों के माध्यम से CASE में संगठित एवं व्यवस्थित किया था।

वर्ष 2001 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सेण्टर ऑफ एडवान्स स्टडी इन एजुकेशन (CASE) हेतु इन्स्टीट्यूट ऑफ एडवान्स स्टडी इन एजुकेशन (IASE) की व्यवस्था UGC द्वार की गयी। CASE के क्रियाकलापों का संचालन UGHC द्वारा ASIHSS के कार्यक्रमों के माध्यम से 2004 से 2007 तक विस्तृत रूप से संचालित किये हैं।

इस प्रकार सेण्टर ऑफ एडवान्स स्टडी इन एजुकेशन (CASE) शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय कार्यक्रमों का पर्यवेक्षण एवं उनको प्रमुख ज्ञान प्रदान करता है। सर्व शिक्षा अभियान (SSA) इसकी अग्रणी भूमिका है।

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shubham yadav

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