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सांख्यिकी की विशेषताएँ लिखिए|
समाजशास्त्री होरेस सेक्रिस्ट तथा दूसरे विद्वानों द्वारा दी गयी परिभाषाओं से सांख्यिकी की अनेक विशेषताएँ स्पष्ट होती है। जिन्हें संक्षेप में निम्नांकित रूप से समझा जा सकता है –
1. सांख्यिकी तथ्यों का समूह है (Statics is a Group of Data)
सांख्यिकी किसी एक या दो-तीन आँकड़ों से सम्बन्धित नहीं होती, बल्कि तथ्यों के किसी समूह अथवा उस पर आधारित निष्कर्ष को ही सांख्यिकी कहा जाता है। उदाहरण के लिये, जब बहुत से लोगों की मासिक आय के आधार पर हम उन सभी की मासिक आय का एक औसत प्राप्त करते हैं तब इसका सम्बन्ध सांख्यिकी से माना जायेगा।
2. तथ्यों का संख्या में प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data into Figures)
सांख्यिकी का सम्बन्ध किसी तथ्य को अच्छा या बुरा, सामान्य, उचित अथवा अनुचित आदि के रूप में प्रस्तुत करने से नहीं होता बल्कि इसके द्वारा प्रत्येक निष्कर्ष को प्रतिशत, अनुपात, औसत अथवा विचलन के रूप में संख्याओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
3. पूर्व निर्धारित उद्देश्य (Pre-determined objectives)
सांख्यिकी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इससे सम्बन्धित ऑकड़े अथवा समक एक पूर्व निर्धारित उद्देश्य को लेकर एकत्रित किये जाते हैं। ऐसे ऑकडे आकस्मिक तथा मनमाने न होकर योजनाबद्ध और बहुत व्यवस्थित होते हैं। बिना उद्देश्य के प्राप्त होने वाले तथ्यों को हम संख्यायें तो कह सकते हैं। लेकिन उन्हें समक अथवा ऑकड़े नहीं कहा जा सकता।
4. तुलना का आधार (Basis of Comparison)
सांख्यिकी का सम्बन्ध व्यवस्थित रूप से एकत्रित किये जाने वाले उन आँकड़ों से होता है। जिनकी आपस में तुलना की जा सके। ऐसी तुलना केवल तभी संभव है जब तुलना की श्रेणियों में सजातीयता अथवा एकरूपता हो। उदाहरण के लिये यदि हम विभिन्न वर्गों की आय तथा उनकी शिक्षा से सम्बन्धित आँकड़े एकत्रित करें तो उनकी तुलना इसलिये की जा सकती है कि शिक्षा का लोगों की आय से एक प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है।
5. आँकड़ों की शुद्धता (Exactness of Data)
आँकड़ों की शुद्धता का सम्बन्ध विषय की प्रकृति और विशेष परिस्थिति से होता है। इसके अतिरिक्त, सांख्यिकी से सम्बन्धित केवल उन्हीं आँकड़ों को परिशुद्ध माना जाता है। जो मात्रा में इतने हों कि उनके आधार पर एक उपयोगी निष्कर्ष निकाला जा सके।
6. आँकड़ों का व्यवस्थित संकलन (Systematic Collection of Data)
सांख्यिकी की एक प्रमुख विशेषता इसके अर्न्तगत उन आँकड़ों का समावेश होना है जो व्यवस्थित रूप से संकलित किये गये हो, यदि बिना किसी योजना के कुछ आँकड़े एकत्रित हो जाये तो ऐसे समकों को सांख्यिकी नहीं कहा जा सकता।
7. विभिन्न दशाओं से प्रभावित (Influenced by Multiple Factors)
एक विज्ञान के रूप में सांख्यिकी से सम्बन्धित ऑकडे अनेक दशाओं से प्रभावित होते हैं। उदाहरण के लिये यदि हमे किसी विशेष समुदाय के जीवन स्तर से सम्बन्धित आँकड़ों का संग्रह करना हो तो विभिन्न अवधियों में वस्तुओं की कीमतें, जीवन व्यतीत करने की आदतें, व्यक्ति की मानसिक योग्यता तथा श्रम की प्रकृति आदि अनेक ऐसी दशाये हैं जो जीवन स्तर से सम्बन्धित आँकड़ों को प्रभावित कर सकती हैं।
8. संगणना तथा निदर्शन पर आधारित ( Based on Census of Sampling)
सांख्यिकी के अन्तर्गत आने वाले आँकड़े अनेक पद्धतियों तथा प्रविधियों पर आधारित होते हैं। साधारणतया यदि आँकड़ों का संकलन करने के लिये अनुसंधान का क्षेत्र सीमित होता है तो संगणना विधि के आधार पर विषय से सम्बन्धित सभी इकाइयों के बारे में समंक एकत्रित किये जाते हैं। दूसरी ओर, यदि अनुसंधान का क्षेत्र विस्तृत हो तो अध्ययन विषय से सम्बन्धित सभी इकाइयों में से कुछ प्रतिनिधि इकाइयों का चयन करके उन्हीं से सम्बन्धित आँकड़े एकत्रित किये जाते हैं।
9. सामान्य प्रवृत्तियों का अध्ययन (Study of General Tendencies)
सांख्यिकी एक ऐसा विज्ञान है जो विभिन्न आँकड़ों के आधार पर किसी विषय से सम्बन्धित सामान्य प्रविष्टियों को स्पष्ट करता है। उदाहरण के लिये, यदि एक विशेष समाज में कार्य की दशाओं, स्वास्थ्य के स्तर मासिक आय, जन्म दर तथा मृत्युदर आदि से सम्बन्धित आँकड़े एकत्रित कर लिये जाये तो उनके आधार पर उसी प्रकार के दूसरे समाजों में भी जनसंख्या सम्बन्धी समान्य प्रवृत्तियों को समझा जा सकता है।
उपर्युक्त विशेषताओं को ध्यान में रखते हुये डी. एन. एलहान्स ने लिखा है, “सांख्यिकी आँकड़ों के रूप में संख्यात्मक विवरणों के वे तथ्य हैं जो विश्लेषण और व्याख्या के योग्य होते हैं। इस रूप में सांख्यिकी वह विषय है जिसके द्वारा किसी अनुसंधान में आँकड़ों का संग्रह प्रस्तुति, विश्लेषण और विवेचन किया जाता है।
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