अनुक्रम (Contents)
नियन्त्रित और अनियन्त्रित अवलोकन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
नियन्त्रित अवलोकन (Controlled Observation)
नियन्त्रित अवलोकन में अध्ययनकर्ता स्वयं या घटना पर योजनाबद्ध रूप से नियन्त्रण रखता है। वह वास्तविक स्थिति एवं प्राप्त सामग्री के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। इस विधि में तटस्थता तथ वैषयिकता बनी रहती है तथा तथ्यों का सत्यापन भी आसान रहता है, क्योंकि अध्ययनकर्ता तथ्य संकल्प के विभिन्न साधनों का प्रयोग करने का कार्य करता है और ये साधन स्वयं ही सामग्री का संग्रहण करते हैं इस अवलोकन में तथ्यों का संकलन निश्चित एवं पूर्व नियोजित अवलोकन, संरचित अवलोकन या व्यवस्थित अवलोकन भी कहते हैं। इसमें निम्न बातों को स्पष्ट किया जाता है –
(i) अवलोकित की जाने वाली सामग्री की स्पष्ट परिभाषा।
(ii) अवलोकन की दशाओं, व्यक्तियों समय तथा स्थान का निर्धारण ।
(iii) अवलोकन से सम्बन्धित तथ्यों का चुनाव |
(iv) सूचियों को लेखबद्ध करना ।
(v) अवलोकन में प्रयुक्त होने वाले यन्त्रों का निर्धारण ।
अनियन्त्रित अवलोकन (Uncontrolled Observation)
नियन्त्रित एवं अनियन्त्रित दोनों ही अवलोकनों द्वारा सामाजिक घटनाओं का अध्ययन किया जा सकता है। अनियन्त्रित अवलोकन में अवलोकनकर्ता एवं अवलोकित किये जाने वाले समूह दोनों में से किसी पर भी कोई नियन्त्रण नहीं रखा जाता है। अवलोकनकर्ता द्वारा घटनाओं का अध्ययन उनके वास्तविक एवं स्वाभाविक रूप में ही किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार की विशेष संरचना, औपचारिकता एवं नियोजन नहीं पाया जाता है। जहोडा एवं कुल ने इसे ‘असंरचित अवलोकन’ के नाम से सम्बोधित किया है। इसे और भी कई नामों से जाना जाता है, जैसे अनियन्त्रित अवलोकन, अनौपचारिक अवलोकन एवं अनिर्देशित अवलोकन आदि।
सामाजिक अनुसन्धान के क्षेत्र में अनियन्त्रित अवलोकन एक प्राचीन विधि है। इस बात को स्पष्ट करते हुए किसी ने लिखा है कि-
“सामाजिक सम्बन्धों के विषय में मनुष्य के पास जो कुछ भी ज्ञान है, उसका अधिकांश भाग अनियन्त्रित अवलोकन के द्वारा ही प्राप्त किया गया है, भले ही वह किसी प्रकार का अवलोकन हो।”- गुडे एवं हॉट
इस कथन से अनियन्त्रित अवलोकन का महत्व स्वतः ही स्पष्ट हो जाता है।
इस अवलोकन को स्पष्ट करते हुए एक और प्रमुख विद्वान ने लिखा है कि-
“अनियन्त्रित अवलोकन में हम वास्तविक जीवन से सम्बन्धित परिस्थितियों की सफलतापूर्वक जाँच करते हैं, जिनमें यथार्थता के यन्त्रों के प्रयोग अथवा निरीक्षण की हुई घटना की शुद्धता की जाँच का कोई प्रयत्न नहीं किया जाता है।‘- पी. वी. यंग
इनके इस कथन से अनियमित एवं अनियन्त्रित अवलोकन की निम्नलिखित विशेषताएँ स्पष्ट होती है-
1. इस विधि में अवलोकनकर्ता पर किसी भी प्रकार का नियन्त्रण नहीं रखा जाता है।
2. इस विधि में अवलोकनकर्ता घटनाओं को परखता नहीं है, अतः यह एक सरल विधि है।
3. इस विधि में अध्ययनकर्ता घटनाओं व परिस्थितियों का स्वाभाविक रूप से अध्ययन करता है।
नियन्त्रित और अनियन्त्रित अवलोकन में अन्तर (Difference between Controlled and Uncontrolled Observation)
क्र.सं. | नियन्त्रित अवलोकन | अनियन्त्रित अवलोकन |
1. |
नियन्त्रित अवलोकन में घटनाओं या परिस्थितियों पर नियन्त्रण रखकर अध्ययन किया जाता है। |
अनियन्त्रित अवलोकन में घटनाओं को उनके स्वाभाविक एवं स्वतन्त्र रूप में देखा जाता है। |
2. | इसमें एक पूर्व-नियोजन के अनुसार अध्ययन करना होता है। |
इसमें पूर्व नियोजन की कोई आवश्यकता नहीं होती है। |
3. | इसमें कृत्रिमता या बनावटीपन आ जाता है। | इसमें स्वाभाविकता विद्यमान रहती है। |
4. |
इसमें अध्ययनकर्ता पर नियन्त्रण होता है जिसके कारण उसे एक निश्चित सीमा के |
इसमें अध्ययनकर्ता पर कोई नियन्त्रण नहीं होता है, अतः वह मुक्त एवं स्वाभाविक व्यवहार करता है। |
5. | इसमें अनुसूची, मानचित्र, टेप, फिल्म एवं फोटोग्राफ आदि का प्रयोग किया जाता है। | इसमें ऐसा कुछ आवश्यक नहीं है। |
6. | इसके द्वारा केवल सीमित क्षेत्र एवं विशेष व्यवहारों का ही अध्ययन किया जाता है। | इसके द्वारा सम्पूर्ण समुदाय का अध्ययन किया जाता है। अतः इसका क्षेत्र विस्तृत है। |
7. | इसमें अध्ययनकर्ता का अध्ययन सीमित होता है। |
इसमें अध्ययनकर्ता का अध्ययन गहन एवं सूक्ष्म होता है। |
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