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फैक्स ई-मेल एवं इण्टरनेट द्वारा संदेश किस प्रकार भेजा जाता है?
संदेशवाहन की प्रमुख तकनीकों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
(1) टेलीफोन द्वारा संदेश भेजना- टेलीफोन का आविष्कार ग्राह्य बेल नामक वैज्ञानिक द्वारा 1870 ई० में किया गया था। टेलीफोन के द्वारा हम अपने घर अथवा दुकान पर बैठे ही अपने शहर में देश के विभिन्न शहरों और विदेशों में बातचीत कर सकते हैं। टेलीफोन शीघ्र समाचार भेजने का सर्वाधिक उपयोगी साधन है। इसके द्वारा व्यक्ति से बातचीत हो जाने पर धोखे की भी सम्भावना नहीं रहती, क्योंकि बातें इस प्रकार होती हैं, जैसे दोनों व्यक्ति आमने-सामने बैठकर बात कर रहे हों।
(2) तार द्वारा संदेश भेजना- तार शीघ्र संदेश भेजने का सर्वोत्तम साधन है। तार भेजने की सुविधा केवल बड़े डाकघरों के द्वारा ही प्रदान की जाती है। तार द्वारा संदेश कुछ ही घण्टों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंच जाता है तार भेजने के लिए एक मशीन का प्रयोग किया जाता है, जिसमें से ‘गर’…… ‘गट’ जैसी ध्वनि निकलती है। इसमें शब्दों का अर्थ आवाज को सुनकर लगाया जाता है।
(3) फैक्स द्वारा संदेश भेजना- फैक्स के द्वारा लिखित संदेश जैसा है, वैसा ही अन्य स्थानों, देश-विदेश में भेजा जा सकता है। इसमें टेलीफोन लाइन पर दोनों तरफ मशीनें जुड़ी होती हैं, इससे संदेश भेजना होता है, उसे मशीन में डाल दिया जाता है और वही संदेश जिस नम्बर को आपने मिलाया है, उस नम्बर पर प्रिण्टर द्वारा प्रिण्ट हो जाता है।
(4) ई-व्यापार द्वारा संदेश भेजना- ई-व्यापार ई-मेल का ही भाग है, इसका उपयोग व्यावसायिक क्षेत्रों में भी सरलता से किया जा सकता है। इसकी सहायता से क्षेत्रीय कार्यालयों, वितरकों, व्यापारियों आदि को विपणन और विक्रय की सूचनाओं को शीघ्रता से भेजा जा सकता है। इसकी सहायता से व्यापारी क्षेत्रीय कार्यालयों, वितरकों, व्यापारियों आदि को विपणन और विक्रय की सूचनाओं को शीघ्रता से भेजा जा सकता है। इसकी सहायता से व्यापारी मूल्य में होने वाले परिवर्तन की सूचना शीघ्र भेज देता है। अनेक व्यवसाय विशेषज्ञों से सलाह ले सकता है।
(5) इण्टरनेट द्वारा संदेश भेजना- विश्व में अनेक स्थानों पर लगे हुए कम्प्यूटरों को नेटवर्क के माध्यम से जोड़कर सूचना के सम्प्रेषण के लिए बनाई गई एक विशिष्ट प्रणाली है। कम्प्यूटरों का एक-दूसरे से जुड़ा हुआ समूह नेट वर्क कहलाता है। जिसके द्वारा एक-दूसरे से सूचना का आदान-प्रदान होता है। यह छोटे स्तर पर ऑफिस में या एक ही शहर में भी हो सकता है और विश्व स्तर का भी हो सकता है।
विश्व स्तर पर लाखों करोड़ों कम्प्यूटरों, टेलीफोन लाइनों, सेटेलाइट प्रसारण, फाइवर आप्टिक केबिल या रेडियो सम्पर्क द्वारा जोड़े जा सकते हैं। इण्टरनेट बिना किसी भेदभाव के सम्पूर्ण विश्व को एक साथ जोड़ देता है। इसमें कोई भाषा-विवाद या सीमा विवाद नहीं है। आप विश्व के किसी भी कोने में बातचीत कर सकते हैं। सूचना सकते हैं, दे सकते हैं। मूल रूप से इण्टरनेट सूचनाओं का व्यापार ही है। ले
(6) ई-मेल द्वारा संदेश भेजना- ‘ई-मेल’ का पूरा नाम ‘इलेक्ट्रॉनिक मेल’ है। इस सेवा का शुभारम्भ भारत में फरवरी, 1994 में हुआ था। यह एक प्रकार की डाक सेवा है। इसमें सन्देश (डाक) भेजने के लिए कम्प्यूटर की सहायता ली जाती है। ई-मेल द्वारी सन्देश भेजने के लिये सन्देश पाने वाले व्यक्ति का उपस्थित रहना आवश्यक. नहीं है। जिस व्यक्ति को सन्देश भेजा जाता है, उसके कम्प्यूटर पर वह सन्देश अंकित हो जाता है, जिसे सन्देश पाने वाला व्यक्ति अपनी सुविधानुसार किसी भी समय प्राप्त कर सकता है।
‘ई-मेल’ सेवा के अन्तर्गत कम्प्यूटर की सहायता से शब्दों, तस्वीरों, ग्राफ आदि को हू-व-हू दूसरी ओर भेजा जा सकता है।
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