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दृष्टान्त या उदाहरण विधि (Illustration Method)
उदाहरण प्रविधि का तकनीकी शिक्षण में बहुत महत्व होता है क्योंकि उदाहरणों के माध्यम से शिक्षक पाठ को रोचक एवं ग्राह्य बनाने में सफल होता है। वह इनके द्वारा सूक्ष्म विचारों को स्थूल रूप प्रदान करने में समर्थ होता है। अतः शिक्षक इस प्रविधि के द्वारा में सफल होता है। वर्तमान समय की शिक्षा में इनके प्रयोग पर अधिक बल दिया जा रहा सूक्ष्म, दुरूह एवं जटिल तथ्यों को छात्रों के लिए स्पष्ट, बोधगम्य, रोचक एवं सरल बनाने है क्योंकि इनके द्वारा छात्रों की रुचि तथा अवधान को आकृष्ट करने में सहायता प्राप्त होती है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली का मुख्य उद्देश्य भी छात्रों में विषयों के प्रति रुचि उत्पन्न करना है। अतः यह प्रविधि शिक्षा प्रक्रिया के इस उद्देश्य की पूर्ति में अपनी महती भूमिका निभाने में सफल है। यह प्रविधि छात्रों को ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रेरणा प्रदान करने के साथ-साथ उनके अनुभवों को भी विकसित करने में सहायक है।
उदाहरण विधि के प्रकार (Types of Illustrations)
किसी भी विषय के शिक्षण में सामान्यतः निम्नलिखित प्रकार के उदाहरणों का प्रयोग होता है-
(1) मौखिक उदाहरण- जो उदाहरण शिक्षकों के द्वारा मौखिक रूप से छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किए जाते हैं उन्हें मौखिक उदाहरण कहा जाता है। इनके प्रस्तुतीकरण में भाषा का प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसे शाब्दिक उदाहरण भी कहा जाता है। किसी भी विषय का शिक्षक इस प्रविधि का उपयोग सूक्ष्म एवं सामान्य सिद्धान्तों की व्याख्या करने के लिए करता है। इस प्रविधि का प्रयोग करते समय शिक्षक को इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि उसके द्वारा प्रयुक्त उदाहरण सरल एवं ग्राह्य हो एवं वास्तविक जीवन की ठोस परिस्थितियों से सम्बन्धित हो ।
(2) प्रदर्शनात्मक उदाहरण- इस प्रकार के उदाहरणों का किसी भी विषय के शिक्षण में महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इसके द्वारा छात्रों के अवधान को आकृष्ट किया जा सकता है। किसी भी विषय के शिक्षण में इन उदाहरणों का उपयोग छात्रों की कल्पना को विकसित करने में सहायक है। किसी भी विषय के शिक्षण में चित्र, प्रतिरूप, मानचित्र, चार्ट, ग्राफ एवं रेखाचित्र आदि का उपयोग इस प्रकार के उदाहरणों के अन्तर्गत किया जाता है।
उदाहरण विधि के उद्देश्य (Objectives of Illustration Method)
उदाहरण प्रविधि के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
(1) छात्रों को प्रेरणा प्रदान करना।
(2) छात्रों का ध्यान पाठ्य पुस्तक की तरफ आकर्षित करने हेतु।
(3) छात्रों के अनुभव को विकसित करने के लिए।
(4) पाठ्यवस्तु को बोधगम्य बनाने के लिए।
(5) ज्ञात विचार, वस्तु, घटनाओं का सम्बन्ध अज्ञात विचारों, वस्तुओं तथा घटनाओं से स्थापित करने के लिए।
उदाहरण विधि को प्रयोग करते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Points to be consider while Using Illustration Method)
उदाहरण प्रविधि के प्रयोग के समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
(1) उदाहरण छात्रों के स्तर के अनुकूल हो।
(2) उदाहरण स्पष्ट एवं आकर्षक होने चाहिए।
(3) उदाहरण का सम्बन्ध पाठ्यवस्तु से होना चाहिए।
(4) असंगत व अनावश्यक उदाहरण नहीं प्रस्तुत करना चाहिए।
(5) उदाहरणों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
(6) उदाहरण के समय भाषा सरल, स्पष्ट एवं बोधगम्य होनी चाहिए।
(7) अमूर्त तथ्यों के शिक्षण में उदाहरण प्रविधि का अवश्य प्रयोग होना चाहिए।
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