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धर्मजत्व की अवधारणा। Presumption of legitimacy in Hindi

धर्मजत्व की अवधारणा
धर्मजत्व की अवधारणा

धर्मजत्व की अवधारणा – धारा 112 विवाहित स्थिति के दौरान में जन्म होना धर्मजत्व का निश्चायक सबूत है- यह तथ्य कि किसी व्यक्ति का जन्म उसकी माता और किसी पुरुष के बीच विधिमान्य विवाह के कायम रहते हुए या उसका विघटन होने के उपरान्त माता के अविवाहित रहते हुए दो सौ अस्सी दिनों के भीतर हुआ था, इस बात का निश्चायक सबूत होगा कि वह उस पुरुष का धर्मज पुत्र है, जब तक कि यह दर्शित न किया जा सके कि विवाह के पक्षकारों की परस्पर पहुँच ऐसे किसी समय नहीं थी, जब उसका गर्भाधान किया जा सकता था।

धारा 112 के अन्तर्गत धर्मजत्व की उपधारणा की शर्तें 

1. बच्चे का जन्म विधिमान्य विवाह के कायम रहते हुए हुआ हो या यदि विवाह का विघटन हो गया था, तो विघटन के 280 दिन के अन्दर हुआ हो, और उस बीच बच्चे की माँ अविवाहित रही हो।

2. विवाह के पक्षकारों की परस्पर पहुँच ऐसे किसी समय अवश्य रही हो जब बच्चे का गर्भाधान किया जा सकता था। धर्मजत्व की उपधारणा इस उपधारित तथ्य पर निर्भर करती है कि विवाह के पक्षकार एक दूसरे तक पहुँच रखते हैं कि नहीं। इस उपधारणा को यह दर्शाकर खण्डन किया जा सकता है कि जिस समय बच्चा गर्भ में आया उस समय पति-पत्नी की पारस्परित पहुँच नहीं थी।

कान्ती देवी बनाम पुँछी राम [ए.आई.आर. 2001 एस. सी. 2226] के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि धारा 112 के अन्तर्गत जो निर्णायक उपधारणा की जाती है वह डी.एन.ए. टेस्ट का सहारा लेकर विफल नहीं किया जा सकता। एक दूसरे तक पहुँच नहीं भी साबित करना होगा।

लेकिन एक्स बनाम जेड ए.आई.आर. 2002 दिल्ली 217] के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि D.N.A. टेस्ट से किसी व्यक्ति के अधिकारों का हनन नहीं होता है विशेषकर तब जब बच्चे के भरण-पोषण का प्रश्न हो ।

बनारसी दास बनाम टेकू दत्ता [(2005) 4. एस. सी.सी. 449] के मामले में कहा है कि धारा 112 के अन्तर्गत निर्णायक उपधारणा केवल डी.एन.ए. टेस्ट के आधार पर पलटी नहीं जा सकती। सुसंगत समय के दौरान इस बात का सबूत मिलना चाहिए कि बच्चे के माता पिता को एक-दूसरे तक पहुँच प्राप्त नहीं थी।

नन्दलाल वासुदेव बनाम लता नन्दन [(2014) 2 एस. सी. सी. 576 के मामले में उच्चतम न्यायालय ने धारित किया है कि सच्चाई जानने के लिए D.N.A. Test कराया जा सकता है। सच्चाई न्याय का हॉलमार्क होता है। यह एक वैज्ञानिक साक्ष्य है।

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