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Attorney General of India in Hindi The Union – Part V of the Indian Constitution

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Attorney General of India in Hindi Part V of the Indian Constitution-with video

Attorney General of India in Hindi-देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी भारत का महान्यायवादी होता है. इसका वेतन राष्ट्रपति द्वारा तय किया जाता है. इस लेख में currentshub.comUPSC/PCS/SSC/CDS तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे प्रतियोगियों की मदद के लिए भारत के महान्यायवादी” पर 10 प्रश्नों की एक प्रश्नोत्तरी दे रहा है.इसमें प्रश्नों की व्याख्या और उत्तर भी दिए गए हैं

अनुच्छेद 76 और 78 भारत के महान्यायवादी के साथ संबन्धित है| भारत के महान्यायवादी देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। वह सभी कानूनी मामलों में सरकार की सहायता के लिए जिम्मेदार होता है। राष्ट्रपति, महान्यायवादी की नियुक्त करता है| जो व्यक्ति (महान्यायवादी) नियुक्त किया जाता है उसकी योग्यता सर्वोच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश होने लायक होनी चाहिए। वह भारत का नागरिक होना चाहिए और दस साल के लिए उच्च न्यायलय में वकील के रूप में कार्य करने का अनुभव होना चाहिए|

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इस लेख में भारत के अब तक के सभी Attorney General of India  या महान्यायवादियों के नाम दिए जा रहे हैं.

                              महान्यायवादी (नाम)                        कार्यकाल
 1. एम सी सीतलवाड़ (सबसे लंबा कार्यकाल)  28 जनवरी 1950 – 1 मार्च 1963
 2. सी.के. दफ्तरी  2 मार्च 1963 – 30 अक्टूबर 1968
 3. निरेन डे  1 नवंबर 1968 – 31 मार्च 1977
 4. एस वी गुप्ते  1 अप्रैल 1977 – 8 अगस्त 1979
 5. एल.एन. सिन्हा  9 अगस्त 1979 – 8 अगस्त 1983
 6. के परासरण  9 अगस्त 1983 – 8 दिसंबर 1989
 7. सोली सोराबजी (सबसे छोटा कार्यकाल)  9 दिसंबर 1989 – 2 दिसंबर 1990
 8. जी रामास्वामी  3 दिसंबर 1990 – 23 नवंबर 1992
 9. मिलन के. बनर्जी  21 नवंबर 1992 – 8 जुलाई 1996
 10. अशोक देसाई  9 जुलाई 1996 – 6 अप्रैल 1998
 11. सोली सोराबजी  7 अप्रैल 1998 – 4 जून 2004
 12. मिलन के. बनर्जी  5 जून 2004 – 7 जून 2009
 13. गुलाम एस्सजी वाहनवति  8 जून 2009 – 11 जून 2014
 14. मुकुल रोहतगी  12 जून 2014 – 30 जून 2017
 15. के.के. वेणुगोपाल  30 जून 2017 से अभी तक

नियुक्ति और पदावधि
संविधान, महान्यायवादी को निश्चित पद अवधि प्रदान नहीं करता है. इसलिए, वह राष्ट्रपति की मर्ज़ी के अनुसार ही कार्यरत रहता है. उसे किसी भी समय राष्ट्रपति  द्वारा हटाया जा सकता है. उसे हटाने के लिए संविधान में कोई भी प्रक्रिया या आधार उल्लेखित नहीं है. महान्यायवादी वही पारिश्रमिक प्राप्त करता है जो राष्ट्रपति निर्धारित करता है. संविधान के महान्यायवादी का पारिश्रमिक निर्धारित नहीं किया है.

कर्तव्य और कार्य

महान्यायवादी के कर्तव्य और कार्य निम्नलिखित हैं:

(1) वह कानूनी मामलों पर भारत सरकार को सलाह देता है जो राष्ट्रपति द्वारा उसे भेजे या आवंटित किए जाते हैं|

(2) वह राष्ट्रपति द्वारा भेजे या आवंटित किए गए कानूनी चरित्र के अन्य कर्तव्यों का प्रदर्शन करता है।

(3) वह संविधान के द्वारा या किसी अन्य कानून के तहत उस पर सौंपे गए कृत्यों का निर्वहन करता है ।

अपने सरकारी कर्तव्यों के निष्पादन में,

(1) वह भारत सरकार का विधि अधिकारी होता है, जो सुप्रीम कोर्ट में सभी मामलों में भारत सरकार का पक्ष रखता है।

(2) जहाँ भी भारत की सरकार को किसी क़ानूनी सलाह की जरुरत होती है, वह अपनी राय से सरकार को अवगत कराता है ।

अधिकार और सीमाएं

महान्यायवादी के अधिकार निम्नलिखित हैं:

(1) अपने कर्तव्यों के निष्पादन में, वह भारत के राज्य क्षेत्र में सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है।

(2) उसे संसद के दोनों सदनों या उनके संयुक्त बैठकों की कार्यवाही में हिस्सा लेने का अधिकार है, परंतु उसे वोट देने का अधिकार नहीं है (अनुच्छेद 88)|

(3) उसे संसद की किसी भी समिति में जिसमें वह सदस्य के रूप में नामांकित हो बोलने का अधिकार या भाग लेने का अधिकार है, परंतु वोट डालने का अधिकार नहीं है (अनुच्छेद 88)|

(4) वह उन सभी विशेषाधिकारों और प्रतिरक्षाओं को प्राप्त करता है जो संसद के एक सदस्य के लिए उपलब्ध होतीं है|

नीचे वर्णित महान्यायवादी पर निर्धारित की गई सीमाएं हैं:

(1) वह अपनी राय को भारत सरकार के ऊपर थोप नहीं सकता है|

(2) वह भारत सरकार की अनुमति के बिना आपराधिक मामलों में आरोपियों का बचाव नहीं कर सकता है ।

(3) वह सरकार की अनुमति के बिना किसी भी कंपनी में एक निदेशक के रूप में नियुक्ति को स्वीकार नहीं कर सकता है|

यह ध्यान दिये जाने वाली बात है कि महान्यायवादी को  निजी कानूनी अभ्यास से वंचित नहीं किया जाता है| वह सरकारी कर्मचारी नहीं होता है क्योंकि उसे निश्चित वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है और उसका पारिश्रमिक राष्ट्रपति निर्धारित करता है|

1. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में भारत के महान्यायवादी के पद की बात की गयी है?

(a) अनुच्छेद 148

(b) अनुच्छेद 76

(c) अनुच्छेद 152

(d) अनुच्छेद 124

उत्तर b

व्याख्या: अनुच्छेद 76 में भारत के महान्यायवादी के पद की बात की गयी है.

2. भारत के महान्यायवादी को कौन नियुक्त करता है?

(a) प्रधानमन्त्री

(b) गृह मंत्री

(c) कानून मन्त्री

(d)राष्ट्रपति

उत्तर d

व्याख्या: भारत के महान्यायवादी की नियुक्त राष्ट्रपति, मंत्रिमंडल की सलाह से करता है.

3. निम्न में से कौन सा कथन भारत के महान्यायवादी के बारे में सत्य है?

(a) इसकी नियुक्ति कानून मंत्री द्वारा की जाती है

(b) इसे 1.30 लाख वेतन हर महीने मिलता है

(c) इसके कार्यकाल की कोई समय सीमा तय नही है

(d) उपर्युक्त सभी कथन सही हैं

उत्तर c

व्याख्या: इसके कार्यकाल की कोई समय सीमा तय नही है. यह राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत कार्य करता है, परन्तु परम्परानुसार इसकी नियुक्ति 3 साल के लिए की जाती है.

4. भारत के महान्यायवादी को पद से कैसे हटाया जाता है?

(a) संसद में महाभियोग पारित करके

(b) राष्ट्रपति द्वारा केंद्र सरकार की सिफारिस पर

(c) केवल राज्य सभा में प्रस्ताव पारित करके

(d) केवल लोक सभा में प्रस्ताव पारित करके

उत्तर b

व्याख्या: राष्ट्रपति द्वारा केंद्र सरकार की सिफारिस पर भारत के महान्यायवादी को पद से कैसे हटाया जाता है.

5. निम्न में से कौन सा सुमेलित नही है?

(a) अनुच्छेद 76: भारत के महान्यायवादी

(b) अनुच्छेद 88: भारत के महान्यायवादी के संसद के सदनों और समितियों से जुड़े अधिकार

(c) अनुच्छेद 105: भारत के महान्यायवादी की शक्तियां

(d) अनुच्छेद 165: भारत के महान्यायवादी का वेतन

उत्तर d

व्याख्या: अनुच्छेद 165 का सम्बन्ध राज्य के लिए राज्य के महाधिवक्ता के उपबंध से है.

6. निम्न में से कौन सा कथन भारत के महान्यायवादी के बारे में असत्य है?

(a) देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है

(b) वह अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को देता है

(c) इस पद के लिए चुने जाने ले लिए वही योग्यताएं होनी चाहिए जो कि एक उच्च न्यायालय के न्यायधीश के लिए तय हैं

(d) जब केंद्र की सरकार बदलती है तो इसे भी त्यागपत्र देना पड़ता है

उत्तर c

व्याख्या: इस पद के लिए चुने जाने ले लिए वही योग्यताएं होनी चाहिए जो कि उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश के लिए तय हैं.

7. भारत का महान्यायवादी निम्न में से कौन सा कार्य कर सकता है?

(a) वह भारत सरकार के खिलाफ कोई सलाह या विश्लेषण कर सकता है

(b) वह भारत सरकार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी कोर्ट में केस लड़ सकता है

(c) बिना सरकार की अनुमति के किसी आपराधिक मामले में व्यक्ति का बचाव कर सकता है

(d) सरकार की अनुमति के बिना किसी कंपनी का निदेशक बन सकता है

उत्तर b

व्याख्या: वह भारत सरकार के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी कोर्ट में केस लड़ सकता है क्योंकि वह भारत सरकार का पूर्णकालिक कर्मचारी नही होता है.

8.  भारत में अब तक कितने महान्यायवादी चुने जा चुके हैं?

(a) 10

(b) 20

(c) 15

(d) 31

उत्तर c

व्याख्या: भारत में अब तक 15 महान्यायवादी चुने जा चुके हैं.

9. भारत का वर्तमान महान्यायवादी कौन है?

(a) K.K. वेणुगोपाल

(b) मुकुल रोहतगी

(c) सोली सोराबजी

(d) उपर्युक्त में से कोई नही

उत्तर a

व्याख्या: भारत के वर्तमान महान्यायवादी K.K. वेणुगोपाल हैं जिन्होंने जून 2017 से मुकुल रोहतगी का स्थान लिया है?

10.निम्न में से कौन सा कथन सत्य है?

1. महान्यायवादी केन्द्रीय कैबिनेट का सदस्य नही होता है.

2. संसद के दोनों सदनों की बैठक में भाग ले सकता है

3. उसे निजी विधिक कार्यवाही करने से रोका जा सकता है

(a) केवल 1 और 3

(b) केवल 2 और 3

(c) सभी 1, 2 ,3

(d) केवल 1 और 2

उत्तर d

व्याख्या: केवल 1 और 2 सही हैं.

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shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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