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कम्प्यूटर की विशेषताएं
पिछले दशक में कम्प्यूटर का विभिन्न कार्यों क्षेत्रों में तीव्र गति से विस्तार हुआ है। आरंभ में कम्प्यूटर का प्रयोग अधिकतर एक महा संगठक के रूप में था जिसकी सहायता से बड़े-बड़े आकड़ों को आसानी से अल्प समय में सरलतम रूप में प्रस्तुत किया जा सकता था लेकिन आज इसका प्रयोग अनेक शैक्षिक गतिविधियों में होने लगा है। कम्प्यूटर की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है:
1. कम्प्यूटर द्वारा आऊटपुट को तीन विभिन्न प्रकार से प्रदर्शित किया जा सकता है।
(i) सर्वप्रथम से हार्ड कॉपी के तौर पर तैयार किया जा सकता है, (ii) हार्डकॉपी से प्रिंटर की मदद से अनेक प्रिंटआऊट निकाले जा सकते है (iii) इसे सांकेतिक सूचको के तौर पर तैयार किया जा सकता है।
2. कम्प्यूटर में निर्देश एवं आंकड़ों को पंचकार्ड या टेप मैगनेटिक, टेप या डिस्क या संकेत जिन्हें कि अनेक ऑप्टिकल स्केनिंग माध्यम की सहायता से पढ़ा जा सकता है।
3. कम्प्यूटर द्वारा छात्र का सीधा संबंध पाठ्यक्रम से हो जाता है। शिक्षक दोनों को जोड़ने की कड़ी का कार्य करता है।
4. कम्प्यूटर के द्वारा शिक्षा का दृष्टिकोण वैज्ञानिक व मनोवैज्ञानिक बन जाता है।
5. इसके द्वारा शैक्षिक प्रशासन एवं व्यवस्था सुचारू रूप से चलाई जा सकती है। जैसे शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन भुगतान में उनकी वेतन पर्ची बनाने आदि में।
6. विद्यालय एवं परीक्षा की समय सारणी बनाने में यह सहायक रहता है।
7. यह प्रश्न पत्र बना सकता है इसकी जांच कर सकता है तथा प्रश्न-पत्र के अंकों को सुधारात्मक या मूल्यांकन के उद्देश्य से विश्लेषित व वर्णित कर सकता है।
8. यह परीक्षा मूल्यांकन के आंकड़ों को एकत्रित तथा समय-समय पर व्यवस्थित कर सकता है।
9. यह शाला संबंधी सभी प्रकार के रजिस्टरों को पूर्ण करने संधारित करने एवं अनेक लिपकीय कार्य करने में समर्थ है।
10. छात्रों की रूचियों एवं आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने में सहायक है।
11. दूरस्थ स्थानों में रहने वाले छात्रों के लिये शिक्षा का उपयोगी साधन है।
12. शैक्षिक जगत की नवीन उपलब्धियों व प्रगति से अवगत कराने में सहायक है।
13. ज्ञान और उपलब्धियों के आदान-प्रदान का उत्तम एवं उपयोगी साधन है।
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