चौधरी चरण सिंह का जीवन परिचय Chaudhary Charan Singh biography in hindi- देश के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी, वकील, कांग्रेसी, दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एक जाट परिवार में 23 दिसंबर, 1902 में हुआ था। आगरा से कानून की सनद लेने के पश्चात् इन्होंने वकालत का कार्य शुरू किया। साथ ही जिला बोर्ड के माध्यम से सार्वजनिक कार्यों में भी रुचि लेने लगे। ये 1929 में कांग्रेस में शामिल हो गए। 1937 के चुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए। गोविंद बल्लभ पंत ने अपने मंत्रिमंडल में इन्हें सभा-सचिव तैनात किया।
अनुक्रम (Contents)
चौधरी चरण सिंह की जीवनी (Charan Singh biography in hindi )
क्रमांक | जीवन परिचय बिंदु | चरण सिंह जीवन परिचय |
1. | पूरा नाम | चौधरी चरण सिंह |
2. | जन्म | 23 दिसम्बर 1902 |
3. | जन्म स्थान | मेरठ, उत्तरप्रदेश |
4. | पिता | चौधरी मीर सिंह |
5. | पत्नी | गायत्री देवी(विवाह 1929) |
6. | बच्चे | पांच |
7. | मृत्यु | 29 मई, 1987 (दिल्ली) |
8. | राजनैतिक पार्टी | जनता पार्टी |
द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ होने के पश्चात् मंत्रिमंडलों ने त्यागपत्र दिया और देश में 1940-42 में आंदोलन छिड़े तो चौधरी चरण सिंह उनमें भी शामिल हुए और जेल की सजाएं काटीं। 1946 में ये फिर से विधानसभा के सदस्य और तदंतर सभा सचिव बने। बाद में इन्हें राजस्व विभाग का मंत्री बनाया गया। प्रदेश में जमींदारी प्रथा का समापन एवं भूमि सुधार के क्षेत्र में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। 1951 के पश्चात् भी ये विभिन्न विभागों के मंत्री रहे, लेकिन 1967 की एक घटना की वजह से राजनीतिक विवाद के केंद्र भी बने। विधानसभा में मतदान के दौरान इन्होंने अपने 20 साथियों के साथ दल के अनुशासन की उपेक्षा करके कांग्रेस के खिलाफ बैठने की घोषणा की और चंद्रभानु गुप्त के कांग्रेस मंत्रिमंडल को पद छोड़ने के लिए विवश कर दिया। संयुक्त विधायक दल बनाकर इन्होंने 1967 में प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभाला, किंतु यह व्यवस्था ज्यादा दिन नहीं चली और 1968 में इन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। 1970 में कुछ के लिए फिर से मुख्यमंत्री बने। समय
‘के कांग्रेस छोड़कर चौधरी जी ने ‘लोकदल’ बनाया। 1975 के आपातकाल पश्चात् 1977 के चुनाव में ये लोकसभा के सदस्य और जनता पार्टी की सरकार में गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने । प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के पदत्याग क पश्चात् जुलाई, 1979 में इन्होंने प्रधानमंत्री की शपथ ग्रहण की। ये ऐसे प्रधानमंत्री बने, जिनके समक्ष लोकसभा की एक भी बैठक नहीं हुई। ये पद इनके पास जनवरी, 1980 तक ही रहा। उसके पश्चात् भारी बहुमत से जीतकर इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं, किंतु 1980 में भी ये लोकसभा के सदस्य चुने गए थे। चौधरी चरण सिंह किसानों के प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते रहे। उत्तर प्रदेश की भूमि व्यवस्था में किसान हितकारी कई परिवर्तन इनके कार्यकाल में हुए। ये अपने शेष जीवन में लोकदल के नेता रहे और विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याएं उठाते रहे। 29 मई, 1987 में इनका निधन हुआ।
FAQ
Ans- चौधरी चरण सिंह का जन्म हापुड़ जिले में हुआ।
Ans- चौधरी चरण सिंह की पत्नी थी गायत्री देवी।
Ans- चौधरी चरण सिंह की मृत्यृ 29 नवंबर 1985 को दौरा पड़ने के दौरान हुआ।
Ans- जनता पार्टी था चौधरी चरण सिंह की पार्टी का नाम।
Ans- चौधरी चरण सिंह को वातावरण से प्रेम रहा है। इसलिए वो हमेशा पर्यायवरण पर काम किया है।
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