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रंगों का वर्गीकरण (Classification of Colours)
रंगों का वर्गीकरण (Classification of Colours) रंगों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) प्राथमिक या मौलिक रंग (Primary Colours) -पीला, लाल, नीला।
(ii) मिश्रित रंग (Binary Colours) -नारंगी, हरा, बैंगनी।
(iii) मध्यस्थ रंग (Intermediary Colours) – पीला हरा, नीला हरा, लाल बैंगनी, नीला बैंगनी, लाल नारंगी, पीला नारंगी।
प्रांग के अनुसार रंगों का वर्गीकरण
प्रांग के अनुसार रंगों को पांच भागों में बांटा जा सकता है-
(i) प्राथमिक रंग (Primary Colours)
(i) द्वितीयक रंग (Secondary or Binary Colours)
(i) माध्यमिक रंग (Intermediate Colours)
(i) त्रैतीयक रंग (Tertiary Colours)
(i) चतुर्थक रंग (Quarternary Colours)
(i) प्राथमिक (मौलिक) रंग- प्रांग के अनुसार प्राथमिक रंग तीन होते हैं- पीला, लाल, नीला। प्राथमिक रंग वे हैं जिनका अन्य रंगों को मिलाकर निर्माण नहीं किया जा सकता है। तीन प्राथमिक रंगों को विभिन्न अनुपात में मिलाने से सारे रंग प्राप्त किये जा सकते हैं। जब दो प्राथमिक रंगों को समान अनुपात में मिलाया जाता है तो एक नया रंग बनता है, जिसे द्वितीयक रंग कहते हैं।
(ii)द्वितीयक रंग (Secondary or Binary Colours) – जब दो प्राथमिक रंगों को समान अनुपात में मिश्रित किया जाता है, तो एक नया रंग बनता है, इस नये रंग को द्वितीयक (Secodary) रंग कहते हैं। द्वितीयक रंग तीन होते हैं-
1. लाल + नीला = द्वितीयक रंग बैंगनी
2. नीला + पीला = द्वितीयक रंग हरा
3. लाल + पीला = द्वितीयक रंग नारंगी।
इस प्रकार बैंगनी, हरा, नारंगी द्वितीयक रंग है।
उपरोक्त छः रंगों को छः स्तरीय रंग ( Six Stanndary Colours) कहते हैं।
(iii) माध्यमिक रंग (Intermediate Colours)- जब एक प्राथमिक रंग और उसके पास का एक द्वितीयक रंग मिलाया जाता है तो उससे जो रंग प्राप्त होता है, उसे माध्यमिक रंग (Itermediate Colours) रंग कहा जाता है। माध्यमिक रंग 6 प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित हैं-
प्राथमिक रंग + द्वितीयक रंग = माध्यमिक रंग
(i) पीला + हरा = पीला हरा
(ii) नीला + हरा = नीला हरा
(iii) लाल + बैंगनी = लाल बैंगनी
(iv) नीला + बैंगनी = नीला बैंगनी
(v) लाल + नारंगी = लाल नारंगी
(vi) पीला + नारंगी = पीला नारंगी
(iv) त्रैतीयक रंग (Tertiary Colours) – जब दो द्वितीयक रंगों को मिश्रित किया जाता है, तो तृतीयक रंग कहलाते हैं। तृतीयक श्रेणी के रंग, तटस्थ व उदास होते हैं। तृतीयक श्रेणी के रंग निम्नलिखित हैं-
1. हरा + नारंगी = धुएं जैसा पीला (Smoky Yellow)
2. हरा + बैंगनी = नीला स्टेल जैसा (Stale Blue)
3. बैंगनी + नारंगी = ईंट जैसा लाल (Brick Red)
(v) चतुर्थक रंग (Quarternary Colours) – जब दो तृतीयक श्रेणी के रंगों को मिलाया जाता है तो चतुर्थक श्रेणी के रंग बनते हैं। ये भी तीन होते हैं व तृतीयक रंगों की अपेक्षा अधिक उदासीन व अस्पस्ट होते हैं। ये निम्नलिखित हैं-
तृतीय श्रेणी का पीला + नीला = चतुर्थ श्रेणी का हरा रंग
तृतीय श्रेणी का लाल + पीला = चतुर्थ श्रेणी का नारंगी
तृतीय श्रेणी का नीला + लाल = चतुर्थ श्रेणी का बैंगनी
प्रांग ने लाल और नारंगी रंग को सर्वाधिक गर्म तथा नीले रंग को सर्वाधिक ठंडा रंग बताया है, जबकि हरे रंग को न तो अधिक ठंडा और न ही अधिक गर्म अर्थात् मध्य का रंग घोषित किया है। आपके मतानुसार गर्म वाली वस्तुएं निकट और बड़ी प्रतीत होती हैं, जबकि ठण्डे रंग वाली वस्तुएं आकार में छोटी और दूर दिखाई पड़ती हैं। प्रांग ने गर्म रंगों को प्रसन्नता का सूचक माना है, जबकि ठंडे रंगों को शान्ति का सूचक। उन्होंने सफेद रंग को काले रंग का पूरक बताया है तथा इसी प्रकार गर्म रंगों को ठंडे रंगों का पूरक घोषित किया है।
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