जीवराज मेहता का जीवन परिचय (Jeevraj Mehta biography in hindi- उच्च कोटि के चिकित्सक और राष्ट्रप्रेमी डॉक्टर जीवराज मेहता का जन्म बड़ौदा रियासत के अमरेली कस्बे में 29 अगस्त, 1887 को सामान्य परिवार में हुआ। छात्रवृत्ति और ट्यूशन करके जीवराज ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। ये बेहद प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे। मुंबई के ग्रांट मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हुए इन्हें आठ में से सात विषयों में छात्रवृत्ति मिली व पुरस्कार भी मिले। आठवें विषय का आधा पुरस्कार भी इन्हीं के भाग्य में बदा था। मुंबई मेडिकल कॉलेज का अध्ययन पूर्ण करने के पश्चात् जीवराज अपने कॉलेज और टाटा सहायता कोष से छात्रवृत्ति लेकर उच्च अध्ययन के लिए इंग्लैंड पहुंचे। वहां भी एम.डी. की परीक्षा में अव्वल आए। कुछ दूसरी परीक्षाएं भी उच्च योग्यता से उत्तीर्ण करने के पश्चात् 1915 में भारत लौटे और शीघ्र ही इनकी गिनती मुंबई के नामचीन चिकित्सकों में होने लगी।
डॉ. मेहता राष्ट्र को प्रेम करने वाले शख्स थे। विद्यार्थी काल में इन्होंने लंदन में ‘इंडियन एसोसिएशन’ का गठन किया था। गांधी जी से भी इनका संपर्क वहीं से आरंभ हुआ, जो सदैव कायम रहा। 1924 में हंसा मेहता के साथ इनकी अंतर्जातीय शादी हुई। उसी वर्ष ये बड़ौदा अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी बने। उसके पश्चात् मुंबई के किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज के प्रधान के रूप में इन्होंने 17 वर्ष तक काम किया।
डॉ. मेहता ने 1930 के नमक सत्याग्रह में भाग लिया और गिरफ्तार भी किए गए। 1942 के ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में भी इन्होंने जेल की सजा काटी। इन्होंने 1930, 1943 और 1945 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अध्यक्षता की। 1946 में ये मुंबई विधानसभा के सदस्य चुने गए। 1947 में इन्हें स्वतंत्र भारत का स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य सेवाओं का ‘डायरेक्टर जनरल’ बनाया गया। राज्यों के पुनर्गठन के समय ये बड़ौदा रियासत के दीवान थे। 1949 में मेहता मुंबई राज्य के लोक-निर्माण मंत्री और 1952 में वित्त मंत्री भी रहे।
1960 में जब गुजरात अलग राज्य बना तो 1963 तक जीवराज मेहता ही वहां के प्रथम मुख्यमंत्री रहे थे। 1963 से 1966 तक इन्होंने लंदन में हाई कमिश्नर का पद-भार भी संभाला। 1971 में ये लोकसभा के सदस्य भी चुने गए थे। गांधी जी को जब कभी भी चिकित्सा परामर्श की जरूरत रहती थी तो वे सदा डॉ. जीवराज मेहता को ही याद किया करते थे। डॉक्टर जीवराज निश्चय ही बहुआयामी प्रतिभा के स्मरण योग्य भारतीय रहे हैं।
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