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Maharani Padmavati क्यों खिलजी की चाहत बनी पद्मावती

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Maharani Padmavati क्यों खिलजी की चाहत बनी पद्मावती

हेलो दोस्तों, जैसा कि आप लोग जानते ही होंगे कि महारानी पद्मावती कि आज कल न्यूज़ में बहुत ही चर्चा है |आपको भी पता ही होगा आगामी परीक्षा में इससे संबंधित प्रश्न अवश्य आ सकते हैं| क्योंकि यह एक करंट का टॉपिक है| तो आज के इस पोस्ट में हम आपको चित्तौड़ की महारानी पद्मावती के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे| जिससे कि इससे संबंधित भी अगर कोई भी पूछा जाए तो आप उसे आसानी से कर ले|

Maharani Padmavati.

  • रानी पद्मिनी के पिता का नाम गंधर्वसेन था
  •  इनकी  मां का नाम चंपावती था
  • इनका विवाह चित्तौड़ के राजा रतन सिंह के साथ हुआ
  • यह हिंदू धर्म से थी

पद्मावती की कहानी हिंदी में

इस पोस्ट में हम आपको महारानी पद्मावती से संबंधित सारी जानकारी देंगे| महारानी पद्मावती की पूरी कहानी इस प्रकार है-

  •  पद्मिनी की शादी के लिए उनके पिता ने स्वयंवर आयोजित किया था|
  • इसी स्वयंबर में चित्तौड़ के राजा रतन सिंह के साथ रानी पद्मिनी की शादी हुई|(इनके पिता भी एक राजा थे , यह बहुत ही रूपवती होने के कारण इनके विवाह के लिए स्वयंवर आयोजित करना पड़ा था)|
  • पद्मावती की सुंदरता के बारे में सुनकर बड़े-बड़े राजाओं मन में उनको देखने की लालसा होती थी|
  • इसी प्रकार पद्मावती की सुंदरता के बारे में सुनकर अलाउद्दीन खिलजी, रानी पद्मावती को पाने के लिए बेचैन हो उठा था|
  • और उसने रानी को पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया| उसने चित्तौड़ किले को कई महीनों तक घेरे रखा|
  • लेकिन चित्तौड़ के वीर सैनिकों के कारण व चित्तौड़ पर विजय नहीं पा सका|
  • तब उसने छल  से काम लेने की बात सोची,जो कि उस समय आम बात थी|
  • उसने राजा रतन सिंह के पास संदेश भेजा कि हमने चित्तौड़ की रानी की सुंदरता के बारे में बहुत सुना है, आप एक बार हमें रानी को देखने दीजिए| तो हम किले से हट जाएंगे|
  • राजा-रानी ने यह प्रस्ताव सुनकर बहुत क्रोधित हुए और उनका ऐसा होना स्वाभाविक भी था|
  • लेकिन इतनी छोटी सी बात के कारण चित्तौड़ के सैनिकों का खून भी नहीं बहाना चाहते थे|
  • इसलिए उन्होंने कहा कि खिलजी आईने में रानी का चेहरा देख सकता है|

अलाउद्दीन खिलजी द्वारा राजा रतन सिंह को धोखा देना

  • आईने में रानी का चेहरा दिखाया गया, लेकिन रानी को देखने के बाद उसके मन में छल समा गया|
  • अलाउद्दीन खिलजी ने राजा रतन सिंह को धोखे से बंदी बना लिया|
  •  खिलजी ने रानी के सामने शर्त रखी कि रानी पद्मिनी खुद को उसे सौंप दें, तो राजा रत्न सिंह को वह छोड़ देगा|
  • रानी ने खिलजी से कहा कि- वह अपने साथ सदस्यों के साथ खिलजी के सामने आने से पहले अपने पति से एक बार मिलना चाहती है|
  • पद्मावती ने 700 पालकियों में राजपूत सैनिकों को बिठाया|
  • और पालकी उठाने का काम भी उन्होंने वीर सैनिकों से ही करवाया|
  •  खिलजी के शिविर के पास पहुंचने पर वे सभी वीर सैनिक, यवन सेना पर टूट पड़े |
  • खिलजी को इस हमले की उम्मीद नहीं थी| इसलिए उसके सैनिक विचलित हो गए|
  • रानी ने राजा रत्न सिंह को आजाद करवा लिया| इसके बाद रानी पद्मावती ने जौहर(जो हर एक फ़ारसी लैंग्वेज है जिसका मतलब होता है- सती होना अर्थात यहां पर आशय चिता से है|) करने का निश्चय किया|
  • पद्मावती के साथ 16000 वीरांगनाओं ने जौहर करने का निश्चय किया| एक विशाल चिता सजाई गई,

रानी पद्मावती और 16000 वीरांगनाओं ने अपने परिवार वालों से अंतिम बार मुलाकात की | फिर  वीरांगनाएं जलती चिता में कूद पड़ी| इतनी सी थी ये कहानी पद्मावती की|

Rani Padamavti से संबंधित प्रश्न जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं-

  • इतिहास ग्रंथों में अधिकतर ‘पद्मिनी’ नाम स्वीकार किया गया है | जबकि जायसी ने स्पष्ट रूप से ‘पद्मावती’ नाम स्वीकार किया है|
  • पद्मावती सिंहल द्वीप में पैदा हुई थी
  • अलाउद्दीन खिलजी ने 8 वर्ष युद्ध किया महारानी पद्मावती को प्राप्त करने के लिए |
  • कुछ घटनाएं जो ऐतिहासिक भी हैं उनका संबंध 1303 ईस्वी से ना होकर 1531 ईस्वी से है|
  • दूसरी बार आक्रमण करके उसने छल से राजा रतन सिंह को बंदी बनाया |
  • अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत का राजा था

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shubham yadav

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