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मराठों का उत्थान – Rise of Marathas and its Causes
मराठों का उत्थान – Rise of Marathas and its Causes PDF में Download करें– Hello Students Currentshub.com पर आपका एक बार फिर से स्वागत है मुझे आशा है आप सभी अच्छे होंगे. दोस्तो जैसा की आप सभी जानते हैं की हम यहाँ रोजाना Study Material अपलोड करते हैं. ठीक उसी तरह आज हम History Notes से सम्बन्धित बहुत ही महत्वपूर्ण “मराठों का उत्थान – Rise of Marathas and its Causes” शेयर कर रहा है.आप इस मराठों का उत्थान – Rise of Marathas and its Causes को नीचे दिए हुए Download link के माध्यम PDF Download कर सकते है. You can easily download this PDF from the download button given below.
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मराठों का उत्थान – Rise of Marathas and its Causes
महाराष्ट्र में रहने वाले और मराठी बोलने वाले भारतवासी मराठा कहलाते हैं. महाराष्ट्र प्रदेश एक त्रिभुजाकार पठार और चारों ओर पहाड़ों से घिरा हुआ है. यह प्रदेश पहाड़ों, वनों और अनेक स्थानों पर ऊबड़-खाबड़ होने के कारण बड़ा दुर्गम है. महाराष्ट्र की भौगोलिक परिस्थितियों ने ही मराठों की वीर, परिश्रमी, सुदृढ़ और शक्तिशाली बना दिया. यहाँ की पथरीली, कम उपजाऊ भूमि और स्वास्थ्यप्रद जलवायु ने मराठों (marathas) में अनेक चारित्रिक गुण उत्पन्न किए. इसलिए उनका एक राजनैतिक शक्ति के रूप में उदय हुआ. चलिए brief में जानते हैं मराठों के उत्थान/उदय (rise/uprise of marathas) के बारे में.
दक्कन में मराठों का उदय (uprise of marathas)और उत्थान उत्तर मुग़ल काल की महत्त्वपूर्ण और अत्यंत आकर्षक घटना है. मराठे शिवाजी के अधीन (1627-80 ई.) स्वयं को एक शक्तिशाली जाति और स्वतंत्र राज्य के निर्माता के रूप में अनेक कारणों से उदित हो सके.
मराठों के उदय के कारण
प्राकृतिक कारण
महाराष्ट्र की प्राकृतिक परिस्थितियों ने मराठों (marathas) के चरित्र पर गहरा और अच्छा प्रभाव डाला. महाराष्ट्र के पहाड़ी प्रदेशों में वर्ष की कमी और बंजर भूमि ने मराठों में साहस और आत्म-विश्वास के गुण उत्पन्न किए और वे आलस्य और विषय-सुख के दोषों से बचे रहे. वे पहाड़ी प्रदेश के निवासी होने के कारण बहुत परिश्रमी बन गए. वे अपने प्रदेश में छापामार पद्धति का आसानी से सफलतापूर्वक प्रयोग कर सके. पहाड़ों की शृखंलाओं ने उन्हें प्राकृतिक और मजबूत किले प्रदान किए. प्राकृतिक परिस्थतियों ने उन्हें अपने शत्रुओं से युद्ध जीतने में बड़ी सहायता प्रदान की.
महाराष्ट्र में धार्मिक जागृति
मुगलों के आने से पहले ही महाराष्ट्र में अनेक महान सुधारकों ने जाति भेदभाव की निंदा की और मराठों को एकता के सूत्र में बाँधा. एकनाथ, तुकाराम, रामदास और वामन पंडित जैसे मराठा धर्म-सुधारकों ने क्रमानुसार कई वर्षों तक ईश्वर भक्ति मानव समानता, कार्य और परिश्रम की महत्ता और सिद्धांतों का प्रचार किया. उन्होंने मराठा जाति में आत्म-विश्वास और एकता के बीज बोये. शिवाजी के गुरु रामदास एक महान धर्म प्रचारक थे. उसने अपनी रचना “दास बोध” के माध्यम से यह कार्य किया और मराठों (marathas) को बहुत प्रभावित किया.
युद्ध कला और प्रशासन में प्रशिक्षण
अहमद नगर के प्रसिद्ध सेनापति मलिक अम्बर (Malik Ambar) ने मराठों को बड़ी संख्या में अपनी सेना में भर्ती किया. अहमदनगर में मराठों ने सैनिक और प्रशासनिक पदों पर रहकर प्रशासन और सेना का प्रशिक्षण प्राप्त किया. शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले ने अहमदनगर के कुछ इलाकों पर अपना प्रभाव स्थापित किया. उसने कर्नाटक की अशांति का लाभ उठाकर अर्ध-स्वायत्त राज्य की स्थापना करने की कोशिश की. निजामशाही शासन के अंतिम वर्षों में वह शासक निर्माता (king maker) बन गया. लेकिन दूसरे दरबारियों की ईर्ष्या के कारण उसे बीजापुर में नौकरी करनी पड़ी. इसी तरह अनेक मराठों ने बीजापुर और गोलकुंडा राज्यों में भी सेवा करके प्रशासन और शासन के विषय में प्रशिक्षण प्राप्त किया.
साहित्य और भाषा का योगदान
मराठों को जहाँ तुकाराम के भजनों ने एकता प्रदान की वहीं एकनाथ ने उन्हें अपनी मातृभाषा से प्रेम सिखलाया. मराठों (marathas) की एक भाषा, एक धर्म और सामान्य जीवन ने उसमें एकता और सहयोग भरा जिससे उन्हें अपनी शक्ति के उत्थान (rise of marathas) में सहायता मिली.
शिवाजी का व्यक्तित्व
कुछ इतिहासकारों के अनुसार मराठों के उत्थान का कारण शिवाजी जैसे योग्य कूटनीतिज्ञ, कुशल सैनिक और महान नेता था. शिवाजी के उज्जवल चरित्र और महान व्यक्तित्व का निर्माण उसकी माता जीजाबाई के कारण हुआ. उसकी शिक्षाओं और परामर्श के कारण शिवाजी मराठों (marathas) को संगठित कर सका.
दक्षिण के शिया राज्यों का मुगलों से संघर्ष
दक्षिण के शिया सुल्तानों और मुग़ल सम्राटों के बीच दीर्घकालीन युद्ध से मराठों ने अपनी शक्ति को आसानी से विकसित किया. दक्कन के शिया सुलतान और मुग़ल दोनों ही मराठों का समर्थन प्राप्त करना चाहते थे. मराठों ने इस दोनों की फूट का फायदा समय-समय पर अपनी शक्ति मजबूत करने के लिए उठाया.
दादाजी कोंडदेव का प्रभाव
दादाजी कोंडदेव (Dadoji Konddeo) शिवाजी के संरक्षक और सैनिक विद्या के गुरु थे. उन्होंने हिवाजी और अन्य मराठों को युद्ध लड़ने की कला, घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुशल सैन्य व्यवस्था करने की कला सिखाई
आध्यात्मिक गुरु रामदास का प्रभाव
गुरु रामदास ने शिवाजी के दिल में हिंदू धर्म के प्रति कूट-कूटकर प्रेम भरा. उन्होंने उसे गाय, ब्राह्मण और धर्म तीनों की रक्षा करने की प्रेरणा दी. उन्होंने शिवाजी को निर्देश दिया कि मराठों को इकट्ठा करें और उनमें एकता की भावना करें.
पंचायती संस्थाओं का योगदान
महाराष्ट्र में देश के अन्य भागों की तरह प्रशासन की स्थानीय संस्थाएँ अर्थात् पंचायतें पूरी तरह कार्य करती रहीं. इन संस्थाओं ने मराठों (marathas) में सत्ता और स्वतंत्रता प्राप्ति की भावना को जागृत किया.
मुगलों की निर्बलता
1682 से लेकर 1707 ई. तक औरंगजेब दक्षिण में ही रहा. इन वर्षों में मुग़ल सेनाओं को कभी-कभी सफलता मिली तो भी उन्हें निर्णयात्मक विजय कभी नहीं मिली. इससे शिवाजी के उत्तराधिकारियों और परवर्ती मराठा सरदारों को अपने प्रभाव शक्ति बढ़ाने का अवसर मिल गया.
100+ मराठा साम्राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर-Rise of Marathas and its Causes
1. शिवाजी का जन्म कहाँ हुआ था? – शिवनेर किले में
2. शिवाजी का राज्यभिषेक कब हुआ? – 1674 में
3. शिवाजी की माता का नाम था? – जीजाबाई
4. शिवाजी के पिता का नाम था? – शाहजी भोसले
5. शिवाजी का राज्यभिषेक कहां हुआ था? – रायगढ के किले में
6. शिवाजी की आय का मुख्य साधन क्या था? – चौथ
7. शिवाजी को राजा की उपाधि किसने प्रदान की थी? – औरंगजेब
8. शिवाजी ने कब ‘छत्रपति’ की उपाधि धारण कर अपना राज्याभिषेक करवाया? – जून, 1674
9. ‘अष्टप्रधान’ परिषद किसके शासन काल में थी? – शिवाजी
10. ‘चौथ’ क्या था? – पडोसी राज्यों पर शिवाजी द्वारा लगाया गया भूमि कर
11. ‘झलकी की संधि’ किसके मध्य हुई? – हैदराबार के निजाम एवं बाला जी बाजीराव
12. ‘सरेजामी’ प्रथा किससे संबंधित हैं? – मराठा भू-राजस्व व्यवस्था
13. 1775-82 के प्रथम आंग्ला-मराठा युद्ध का क्या परिणाम था? – किसी भी जीत नहीं हुई
14. काशी के किस प्रसिद्ध विद्धान ने शिवाजी का राज्यभिषेक करवाया? – श्री विश्वेश्वर जी गंगाभट्ट
15. किस इतिहासकार ने पानीपत की लड़ाई को स्वयं देखा? – काशीराज पंडित
16. किस भाषा को शिवाजी ने अपने दरबार में लागू किया? – मराठी भाषा
17. किस मराठा राज्य ने सबसे अंत में अंग्रेजों की सहायक संधि स्वीकार की? – होल्कर
18. किस मराठा सरदार ने 1758-59 में पंजाब पर विजय प्राप्त की? – रघुनाथ राव
19. किस मराठा सरदार ने सबसे पहले लॉर्ड वेलेजली की सहायक संधि को स्वीकार किया? – पेशवा बाजीराव II
20. किस मराठा सरदार ने सेना का गठन युरोपीय ढंग से किया? – महादजी सिधिंया
21. किस मुगल सूबेदार ने दक्षिण मे शिवाजी को पराजित किया? – राजा जयसिंह
22. किसके शासनकाल में प्रथम आंग्ला-मराठा युद्ध (1775-82) हुआ? — माधवराव नारायण
24. शिवाजी को तोपें किसने प्रदान की? – अंग्रेजी ने
25. किसे ‘अन्तिम महान पेशवा’ कहा जाता है? – माधव राव
26. किसे लडाकू पेशवा और हिन्दू शक्ति का अवतार कहा जाता था? – बाजीराव प्रथम
27. खेड़ा का युद्ध कब हुआ? – 1707 में
28. पालखेड़ा का युद्ध कब हुआ? – 1728 में
29. गुरिल्ला युद्ध का पथ प्रदर्शक कौन था? – शिवाजी
30. ग्वालियर राज्य की स्थापना किसने की? – जीवाजीराव सिंधिया
31. तृतीय आंग्ला-मराठा युद्ध (1817-18) के दौरान हुई सबसे अन्तिम संन्धि कौनसी थी? – कानपुर की संन्धि
32. द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1803-06) एवं तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध (1817-18) के समय मराठी पेशवा कौन था? –बाजीराव II
33. पानीपत का तृतीय युद्ध कब हुआ? – 1761 ई.
34. पानीपत का तृतीय युद्ध किस-किस के बीच हुआ? – पेशवा बाजीराव II और अहमदशाह अब्दाली
35. पानीपत के तृतीय युद्ध में मारे जाने वाले दो महतवपूर्ण सैन्य सरदार कौन थे? – विश्वास राव एवं सदाशिव राव भाऊ
36. बीजापुर के सुल्तान ने किस सरदार को शिवाजी को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए भेजा था? – अफजल खाँ
37. मराठा काल मे स्थायी घुडसवार सेना एवं अस्थायी घुडसवार सेना क्या कहलाती थी? – पागा/बरगीर एवं सिहलदार
38. मराठा कालीन घुडसवार सेना में एक हवलदार के अधीन कितने घुडसवार होते थे? – 25
39. ‘मराठा राज्य का दूसरा संस्थापक’ किसे कहा जाता है? – बालाजी विश्वनाथ
40. मराठा राज्य संघ की स्थापना किस पेशवा के समय में हुई? – बालाजी विश्वनाथ
41. मराठा शासन को किसने सरल और कारगर बनाया? – बालाजी विश्वनाथ
42. मराठा शासन में सर-ए-नौबत का क्या अर्थ था? – सेनापति
43. मराठा साम्राज्य का अन्तिम पेशवा कौन था? – बाजीराव II
44. मराठा साम्राज्य की सबसे बहादुर महिला कौन थी? – ताराबाई
45. मराठाकालीन पैदल सेना में एक ‘नायक’ के अधिन कितने पायक या पैदल सैनिक होते थे? – 9
46. मराठों ने सर्वप्रथम किसके अधीन कार्य करके अनुभव प्राप्त किया? – देवगिरि के यादवों के अधीन
47. मुगलों की कैद से भागने के समय शिवाजी किस जेल में थे? – आगरा की जेल
48. वह कौन सेनानायक था जिसे बीजापुर के सुल्तान ने 1659 में शिवाजी को जिन्दा या मुर्दा पकड़कर लाने के लिए भेजा था? – अफजल खाँ
49. शिवाजी औरंगजेब के आगरा दरबार में कब उपस्थित हुए? – 1666 ई.
50. शिवाजी और मुगलों के बीच कौन-सी संधि हुई? – पुरंदर की संधि
51. शिवाजी का अंतिम सैन्य अभियान कौन-सा था? – कर्नाटक अभियान
52. शिवाजी के ‘अष्ट प्रधान’ का जो सदस्य विदेशी मामलों की देख रेख करता था, उसे क्या कहा जाता था? – सुमंत
53. सर-ए-नौबत’ का क्या अर्थ था? – सेनापति
54. समर्थ गुरु रामदास कौन थे? – शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु
55. शिवाजी के प्रशासन में ‘पेशवा’ किसे कहा जाता था? – प्रधानमंत्री को
56. शिवाजी के बाद किसने गुरिल्ला युद्ध का संचालन किया? – सदाशिव राव भाऊ
57. शिवाजी के साम्राज्य की राजधानी कहां थी? – रायगढ
58. शिवाजी को ‘पहाड़ी चूहा व साहसी डाकू’ किसने कहा था? – औरंगजेब
59. शिवाजी का सर्वप्रथम नौसैनिक बेड़ा कहाँ स्थापित था? — कोलाबा
60. शिवाजी ने मुगलों को किस संन्धि के द्वारा किलों को हस्तातंरित किया? – पुरंदर की संन्धि
61. शिवाजी सबसे अधिक किसके प्रभावित थे? – जीजाबाई
62. शिवाजी से लड़ने के लिए जयसिंह को किस मुगल शासक ने भेजा था? – औरंगजेब ने
63. सन् 1750 में संगौला समझौता किसके मध्य हुआ? – पेशवा बालाजी बाजीराव और रामराज
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