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संरचनात्मक मूल्यांकन एवं योगात्मक मूल्यांकन में अन्तर

संरचनात्मक मूल्यांकन एवं योगात्मक मूल्यांकन में अन्तर
संरचनात्मक मूल्यांकन एवं योगात्मक मूल्यांकन में अन्तर

संरचनात्मक मूल्यांकन एवं योगात्मक मूल्यांकन में अन्तर

संरचनात्मक मूल्यांकन एवं योगात्मक मूल्यांकन में अन्तर निम्नलिखित है-

संरचनात्मक मूल्यांकन योगात्मक मूल्यांकन
1. संरचनात्मक मूल्यांकन का तात्पर्य है शैक्षिक कार्यक्रम, योजना प्रक्रिया आदि का मूल्यांकन करना । 1. योगात्मक मूल्यांकन का तात्पर्य है किसी पूर्व निर्मित शैक्षिक कार्यक्रम योजना आदि की वांछनीयता ज्ञात करना ।
2. संरचनात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य शैक्षिक कार्यक्रम में सुधार लाना और छात्रों एवं अध्यापकों को पृष्ठपोषण (Feed-back) प्रदान करना है । 2. योगात्मक मूल्यांकन का उद्देश्य गुण-दोषों का आकलन करना एवं सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प को ज्ञात करना है।
3. संरचनात्मक मूल्यांकन में शैक्षिक कार्यक्रम के दौरान समय-समय पर छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है। 3. योगात्मक मूल्यांकन के अन्तर्गत पाठ्यक्रम की समाप्ति पर छात्रों की उपलब्धियों का मूल्यांकन होता है।
4. संरचनात्मक मूल्यांकन अल्पकालीन निर्णय लेने में सहायक होता है। 4. योगात्मक मूल्यांकन दीर्घकालीन निर्णय लेने में महती भूमिका अदा करता है।

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shubham yadav

इस वेब साईट में हम College Subjective Notes सामग्री को रोचक रूप में प्रकट करने की कोशिश कर रहे हैं | हमारा लक्ष्य उन छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी किताबें उपलब्ध कराना है जो पैसे ना होने की वजह से इन पुस्तकों को खरीद नहीं पाते हैं और इस वजह से वे परीक्षा में असफल हो जाते हैं और अपने सपनों को पूरे नही कर पाते है, हम चाहते है कि वे सभी छात्र हमारे माध्यम से अपने सपनों को पूरा कर सकें। धन्यवाद..

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