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निर्देशन के उपकरण एवं प्रविधियाँ (Tools And Techniques of Guidance)
निर्देशन सेवा एक सतत् चलने वाली गतिशील प्रक्रिया है । यह प्रक्रिया उपयुक्त ढंग से तभी संचालित हो सकती है जब निर्देशन प्रदाता के पास निर्देशन प्राप्तकर्ता से सम्बन्धित समस्त सूचनाएँ उपलब्ध हों। बिना उपयुक्त सूचना के निर्देशन प्रदाता सही दिशा में निर्देशन नहीं प्रदान कर सकता है। छात्र / व्यक्ति की समस्या किस प्रकार की है? इस आधार पर यह निर्धारित होता है कि किस प्रकार की निर्देशन सेवा छात्र / व्यक्ति को प्रदान की जानी चाहिए। इसी आधार पर यह तय होता है कि छात्र / व्यक्ति से सम्बन्धित किस प्रकार की सूचनाएँ चाहिए जिससे की छात्र / व्यक्ति को सही ढंग से सही दिशा में निर्देशन सेवा प्रदान की जा सके। निर्देशन सेवा प्रदान करने हेतु सूचनाएँ प्राप्त करने के लिए अनेक प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है। सामान्यतः इन प्रविधियों को दो वर्गों के विभाजित किया जा सकता है-
(1) प्रमापीकृत प्रविधियाँ (Standardised Techniques)
(2) अप्रमापीकृत प्रविधियाँ (Non-standardised Techniques)
(1) प्रमापीकृत प्रविधियाँ (Standardised Techniques)
प्रमापीकृत प्रविधियाँ वे प्रविधियाँ हैं जिनकी रचना करते समय वैज्ञानिक सिद्धान्तों, निश्चित नियमों एवं तरीकों का प्रयोग किया जाता है तथा जिनकी वैधता (Validity) एवं विश्वसनीयता (Reliability) वैज्ञानिक ढंग से ज्ञात की जाती है। प्रमापीकृत प्रविधियों के अन्तर्गत निम्न परीक्षणों को शामिल किया जाता है-
(i) बुद्धि परीक्षण (Intelligence Test),
(ii) रुचि परीक्षण (Interest Test),
(iii) अभिरुचि परीक्षण (Aptitude Test).
(iv) उपलब्धि परीक्षण (Achievement Test) एवं
(v) व्यक्तित्व परीक्षण (Personality Test)|
(2) अप्रमापीकृत प्रविधियाँ (Non-Standardised Techniques)
इसके अन्तर्गत उन् प्रविधियों को शामिल किया जाता है जिनकी रचना सुविधा और आवश्यकता के अनुसार की जाती है। ये प्रविधियाँ आत्मनिष्ठ (Subjective) होती हैं। अप्रमापीकृत प्रविधियों के अन्तर्गत निम्नलिखित प्रविधियों को शामिल किया जाता है-
(i) साक्षात्कार ( Interview )
(ii) अवलोकन या निरीक्षण (Observation)
(iii) समाजमिति (Sociometry)
(iv) प्रश्नावली (Questionnaire)
(v) व्यक्ति अध्ययन (Case Study)
(vi) निर्धारण मापनी (Rating Scale)
(vii) आत्मकथा (Autobiography)
(viii) संचित अभिलेख ( Cummulative Record)
(ix) आकस्मिक निरीक्षण अभिलेख (Sudden Inspection Record)
यहाँ पर पाठ्यक्रमानुसार निर्देशन की प्रविधियों के रूप में केवल तीन अप्रमापीकृत प्रविधियों-
(1) साक्षात्कार,
(2) अवलोकन या निरीक्षण एवं
(3) व्यक्तिगत अध्ययन (Case Study)।
का वर्णन आगे किया जा रहा है।
- साक्षात्कार का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, प्रक्रिया, गुण, दोष / सीमाएँ / कमियाँ
- निरीक्षण या अवलोकन का अर्थ एवं परिभाषाएँ, विशेषताएँ, पद, गुण/लाभ, कमियाँ/सीमाएँ/दोष
- व्यक्तिगत अध्ययन विधि- विशेषताएँ, गुण, सीमाएँ
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