अनुक्रम (Contents)
World History Notes For IAS
Hello Students Currentshub.com पर आपका एक बार फिर से स्वागत है मुझे आशा है आप सभी अच्छे होंगे. दोस्तो जैसा की आप सभी जानते हैं की हम यहाँ रोजाना Study Material अपलोड करते हैं. ठीक उसी तरह आज हम विश्व का इतिहास World History Notes in Hindi – अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-83) शेयर कर रहें है । इस शृंखला की सबसे खास बात यह है की World History Notes in Hindi (विश्व का इतिहास) विषेशज्ञों के द्वारा तैयार किया गया है,जो नवीनतम Pattern पर आधारित है। इसमे गत् वर्षों मे आयोजित परीक्षाओ विश्व के इतिहास से संबधित तथ्य बहुत ही सरल तरीके से व्याख्या के साथ पढने को मिलेगा जो कि आपको आगामी प्रतियोगी परीक्षा काफी साहायक साबित होगी।
इसी भी पढ़ें…
जो छात्र Civil Services की तैयारी कर रहे है उनके लिए यह ये भाग वैसे बेहद ही आसान है यदि एक बार इसे ठीक से समझ लिया जाये।
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-83) – American Revolution for Freedom
- अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का विश्व इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है .इसी संग्राम के साथ ही यूरोप में क्रांतियों की एक श्रृंखला आरम्भ हो गई. इस क्रांति ने पहली बार विश्व के समक्ष जनतांत्रिक शासन प्रणाली का उदहारण रखा .साथ ही इसने विश्व को प्रथम लिखित संविधान भी दिया.
- अमेरिका के खोज के उपरांत यूरोप की प्रमुख शक्तियों के बीच अमेरिका में अपने अपने उपनिवेश स्थापित करने के होड़ लग गए.इसी क्रम में इंग्लैंड ने उत्तरी अमेरिका में अपने 13 उपनिवेश स्थापित किए.
World History Notes For IAS – अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-83)- कारण
अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम विभिन्न राजनीतिक,सामाजिक – धार्मिक ,भौगोलिक ,बौद्धिक और आर्थिक कारण का परिणाम है.
राजनीतिक कारण
- उपनिवेशों की प्रशासनिक व्यवस्था-उपनिवेशों का प्रशासन इंग्लैंड में प्रचलित शासन – व्यवस्था के अनुरूप था. उपनिवेशवासियों को प्रशासनिक स्वायतत्ता नहीं थी.इंग्लैंड में प्रचलित कानून उपनिवेशों में भी लागू थे. न्याय -व्यवस्था सामान्य कानून एवं जूरी व्यवस्था पर आधारित थे. अधिकांश प्रमुख पदों पर अंग्रेज़ों को ही नियुक्त किया जाता था.प्रत्येक उपनिवेश के प्रशासन का प्रधान इंग्लैंड के राजा द्वारा नियुक्त गवर्नर होता था,जिसे अनेक विशेषाधिकार प्राप्त था लेकिन वह उपनिवेशवासियों के प्रति उत्तरदायी नहीं था.
- जॉर्ज तृतीय का निरंकुश शासन– तत्कालीन ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज तृतीय (1760 -1820) के निरंकुश शासन ने भी विद्रोह को बढ़ावा दिया.मंत्रिमंडल को अनदेखी कर वह अपना व्यक्तिगत शासन चलाता था.उसने उपनिवेशों के प्रति अनुदार नीति अपनाई.अनेक कानूनों द्वारा जॉर्ज तृतीय ने उपनिवेशों पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रयास किया.सम्राट के इन नीतियों की तीखी प्रतिक्रिया उपनिवेशों में हुई .इससे आक्रोश बढ़ा और विद्रोह की भावना बलवती हुई .
3.सप्तवर्षीय युद्ध का प्रभाव – यूरोप में होने वाली सप्तवर्षीय युद्ध 1756 -63 से अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरणा मिली .अमेरिकी उपनिवेश इंग्लैंड से घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए थे ,क्यूंकि कनाडा में वे फ्रांसीसियों का अकेले मुकाबला नहीं कर सकते थे .सप्तवर्षीय युद्ध में फ़्रांस बुरी तरह पराजित होकर अमेरिका से हर गया . अब इंग्लैंड ही एक मात्र शक्ति था जिसका सामना उपनिवेशवाशियों को करना था .सप्तवर्षीय युद्ध के दौरान अमेरिकी उपनिवेशों में युद्ध के सामान तैयार होने से औद्योगीकरण बढ़ा तथा उपनिवेशवालों के पास पर्याप्त मात्रा में अस्त्र -शस्त्र उपलब्ध हो गए.फलतः ,वे इंग्लैंड के साथ युद्ध करने को तैयार हो गए .इसीलिए कहा जाता है कि सप्तवर्षीय युद्ध में इंग्लैंड कि विजय से ही अमेरिका का इतिहास आरम्भ होता है.
सामाजिक धार्मिक कारण-
1.सामाजिक संरचना में अंतर – इंग्लैंड और उपनिवेशों की सामाजिक संरचना में मूलभूत अंतर था.इंग्लैंड में सामंतवादी व्यवस्था एवं कुलीनों का प्रभाव था .इसके विपरीत अमेरिका में समानता की भावना एवं जनतांत्रिक मूल्यों को अधिक महत्व दिया गया.
2.माध्यम वर्ग का उदय – क्रांति का आरम्भ होने के पूर्व ही अमेरिका में एक शसक्त माध्यम वर्ग का उदय हो चुका था.इसके अंतर्गत शिक्षित एवं धनी व्यक्ति थे .वे स्वतंत्र और प्रगतिशील विचारों के थे .उसमे सैनिक क्षमता एवं रणकुशलता भी थी .वे उपनिवेशों के शोषण और राजनितिक अधिकारों से वंचित किए जाने से उद्विग्न होकर स्वतंत्रता एवं समानता की भावना का प्रचार कर रहे थे .
3.स्वतंत्रता एवं आत्मविश्वास की भावना – उपनिवेशवासी स्वतंत्र प्रवृति के थे .उनमे से अधिकांश इंग्लैंड से आकर बसे थे .उन्हें ये बात अजीब लगती थी कि इंग्लैंड वालों को जो नागरिक अधिकार एवं स्वतंत्रता प्राप्त थी उनसे उपनिवेशवासियों को वंचित रखा गया था. इससे उनमे असंतोष बढ़ा.
4.धार्मिक कारण – इंग्लैंड में एंग्लिकन संप्रदाय एवं चर्च का व्यापक प्रभाव था .इसके विपरीत ,उपनिवेशवासी प्यूरिटन मत के पोषक थे और ऐंग्लिकनों को घृणा कीदृष्टि से देखते थे . धार्मिक अधिकारों से क्षुब्ध होकर प्यूरिटन संप्रदाय के लोगों ने इंग्लैंड से भागकर अमेरिका में शरण ली थी. इससे उनमे इंग्लैंड के विरुद्ध विद्रोह कि भावना बढ़ी .अतः ,वे इंग्लैंड से स्वतंत्र होने को व्यग्र हो गए.
भौगोलिक कारण
अमेरिकी स्वातंत्रय संग्राम को भौगोलिक दूरी ने भी प्रभावित किया. अमेरिका और इंग्लैंड हज़ारों मील कि दूरी पर अटलांटिक महासागर के दो किनारों पर अवस्थित थे.आवागमन के पर्याप्त साधनों के अभाव में इंग्लैंड का उपनिवेशों पर प्रभावी और प्रत्यक्ष नियंत्रण बनाए रखना दुष्कर कार्य था.उपनिवेशवासी इंग्लैंड कि इस समस्या से परिचित थे .अतः ,वे इंग्लैंड के साथ युद्ध करने को तैयार हो गए .
बौद्धिक जागरण
अमेरिका का शिक्षित वर्ग वाल्तेयर ,लॉक ,रूसो ,मांटेस्क्यू के राजनितिक दर्शन से गहरे रूप से प्रभावित हुआ इससे प्रेरणा लेकर टॉमस पेन जैसे अमेरिकी लेखक ने भी उपनिवेशों में नवजागरण लाने का प्रयास किया. टॉमस पेन ने कॉमनसेन्स पैम्फलेट में लेख लिखकर स्वतंत्रता की आवश्यकता पर बल दिया .”दि राइट्स ऑफ़ मैन” नमक पुस्तक लिखकर उन्होंने मानव अधिकारों की सुरक्षा का समर्थन किया . इन सारी गतिविधियों से स्वतंत्रता संग्राम की चाह बढ़ी .
आर्थिक कारण
उपनिवेशों की दयनीय आर्थिक स्थिति – सप्तवर्षीय युद्ध की समाप्ति के पश्चात् अमेरिका की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई .उस पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ गया .मुद्रा का अवमूल्यन होने से अनाज की कीमत में कमीं आई .जिसका बुरा प्रभाव किसानों पर पड़ा . कल कारखाने बंद हो गए .इस निति से निकलने के लिए नई आर्थिक नीति की आवश्यकता थी ,परन्तु औपनिवेशिक सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया .इससे असंतोष एवं विद्रोह की भावना बढ़ी .
उपनिवेशों पर आर्थिक प्रतिबन्ध
औपनिवेशिक आर्थिक नीति उपनिवेशों के आर्थिक दोहन पर आधारित थे .औपनिवेशिक सरकार ने अपनी आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए अनेक कानून बना रखे थे . कुछ प्रमुख कानून निम्नलिखित है.
- नेविगेशन एक्ट एवं अन्य ट्रेड एक्ट
- आयात निर्यात कानून
- स्टाम्प एक्ट
- इम्पोर्ट ड्यूटीज एक्ट
- लार्ड नार्थ के कठोर दंडात्मक कानून
तात्कालिक कारण
वोस्टन की चाय पार्टी – अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम का तात्कालिक कारण था बोस्टन की चाय – पार्टी . चाय कानून के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत से सीधे अमेरिका चाय भेजने का एकाधिकार दिया गया .इस कानून का उपनिवेशवालों ने कड़ा विरोध किया .1773 में कंपनी की चाय से लदे जहाज अमेरिका के बोस्टन बंदरगाह पर पहुँचे.उपनिवेशवासी सरकार द्वारा चाय पर कर लगाए जाने से क्रोधित थे . जहाज़ों के बंदरगाह में पहुंचने पर बोस्टन के नागरिकों ने आदिवासियों के वेष में चाय की पेटियां समुद्र में फेंक दी .यह घटना बोस्टन चाय पार्टी के नाम से विख्यात हुआ . प्रतिक्रिया में सरकार ने बोस्टन बंदरगाह को व्यापर के लिए बंद कर दिया और दमनकारी कानून लागू कर दी .इस घटना ने स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजा दिया .
World History Notes For IAS – अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-83) के विभिन्न चरण और स्वरुप
- औपनिवेशिक सरकार की नीतिओं से क्षुब्ध होकर उपनिवेशवासी संघर्ष के लिए तैयार हो गए . इसका प्रारम्भ फिलाडेलफिया के प्रथम समेल्लन में हुआ.
फिलाडेलफिया का प्रथम सम्मेलन
- 5 सितम्बर 1774 को फिलाडेलफिया में अमेरिकी उपनिवेशों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई .प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग की कि उपनिवेशों पर लगाए जा रहे व्यापारिक प्रतिबन्ध समाप्त कर दिए जाए एवं उपनिवेशवासियों की सहमति के बिना उनपर कोई कर नहीं लगाया जाए .
- सरकार ने इन मांगों को ठुकरा दिया और इन मांगों को विद्रोह माँगा ,और विद्रोह को दबाने के लिए सरकार ने सेना भेजने का निर्णय लिया.
- उपनिवेशवासी भी संघर्ष के लिए तैयार हो गए.19 अप्रैल 1975 को अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का प्रथम युद्ध लेक्सिंगटन में हुआ .उपनिवेशवासियों ने अंग्रेजी सेना का जम कर मुकाबला किया .
फिलाडेलफिया का दूसरा सम्मेलन —
-
- 4 जुलाई 1976 को फिलाडेलफिया में ही उपनिवेशवासियों ने दूसरा सम्मेलन आयोजित किया. इस बैठक में स्वतंत्रता की घोषणा के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई .इस घोषणा को तैयार करने में वर्जीनिया के टॉमस जेफर्सन की विशेष भूमिका थी .
-
- अमेरिकनों ने जॉर्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी.
- इस युद्ध में फ़्रांस ,स्पेन और हॉलैंड ने धन एवं खाद्य सामग्री भेज कर अमेरिका की सहयता की.फ्रांसीसी सैनिकों ने युद्ध में भी भाग लिया.
- जॉर्ज वाशिंगटन के कुशल नेतृत्व में उपनिवेशवासियों को आरम्भ से ही युद्ध में विजय मिलती गई.अंततः 1781 को ब्रिटिश सेनापति लार्ड कार्नवालिस ने पराजित होकर आत्मसमर्पण कर दिया.इसके साथ ही अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम समाप्त हुआ.
पेरिस की संधि
1783 में पेरिस की संधि के अनुसार ,अमेरिका के 13 उपनिवेशों की स्वतंत्रता को अंग्रेजी सरकार ने मान्यता प्रदान कर दी .इस प्रकार स्वतंत्रत संयुक्त राज्य अमेरिका का उदय हुआ .पेरिस की संधि के द्वारा ही अमेरिका और कनाडा की सीमा रेखा मिसीसीपी नदी निर्धारित की गई .
युद्ध में अमेरका की विजय के कारण
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में अमेरिका की विजय के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे.
इंग्लैंड का अकेले युद्ध लड़ना
इंग्लैंड को इस युद्ध में किसी अन्य देशों का सहयोग प्राप्त नहीं हुआ ,जबकि अमेरिका को फ़्रांस ,स्पेन ,हॉलैंड इत्यादि ने धन ,जन और सेना से सहायता की.
युद्धक्षेत्र का दूर होना
इंग्लैंड को हज़ारों मील दूर अमेरिकी उपनिवेशों में युद्ध करना पड़ रहा था. इससे उसे युद्ध के सामान और रसद पहुंचाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.जबकि अमेरिकी उपनिवेशों को इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा.
इंग्लैंड में योग्य राजनीतिज्ञों का अभाव
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के समय इंग्लैंड में वैसे राजनीतिज्ञों की कमी थी जो उपनिवेशवासियों की मनोभाव को समझकर उसके अनुरूप नीति बना सके.युद्ध को सही ढंग से संचालित करने वाले व्यक्तियों का भी अभाव था.सम्राट जॉर्ज तृतीय और प्रधानमंत्री लार्ड नार्थ ने समस्या को गंभीरता से नहीं लिया.
ब्रिटिश शासन की दुर्बलता
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के समय ब्रिटिश शासन सशक्त नहीं था. प्रशासन में आपसी मतभेद थे .व्हिग दल वाले युद्ध का विरोध कर रहे थे.इसीलिए सर्कार की शक्ति कमज़ोर पड़ गई थी .
दुर्बल ब्रिटिश नौसेना
सप्तवर्षीय युद्ध के बाद इंग्लैंड ने अपनी नौसेना के गठन पर पूरा ध्यान नहीं दिया.इसके विपरीत ,फ़्रांस की शक्तिशाली नौसेना ने उपनिवेशवासियों की सहायता कर इंग्लैंड के पराजय का द्वार खोल दिया.
उपनिवेशों की शक्ति का गलत मूल्यांकन
इंग्लैंड ने अपनी ताकत के घमंड में अमेरिकी उपनिवेशों की शक्ति का गलत मूल्यांकन किया.वह समझता था कि कमज़ोर उपनिवेशों को वह आसानी से परास्त कर देगा. इसलिए ,जितना अधिक ध्यान युद्ध की नीतियों एवं इसके संचालन पर देना चाहिए था ,इंग्लैंड नहीं दे सका . फलतः युद्ध में उसकी हर हुई.
उपनिवेशवासियों का निश्चित आदर्श
अमेरिकी उपनिवेशवासियों की सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण यह था कि वे निश्चित आदर्श की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे. वे शोषण के विरुद्ध स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए लड़ रहे थे तथा इसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को कटिबद्ध थे.दूसरी ओर इंग्लैंड उपनिवेशों पर अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए रक्षात्मक युद्ध लड़ रहा था.
उपनिवेशवासियों की एकता
स्वतंत्रता संग्राम में अमेरिका की विजय का प्रभावी कारण यह था कि उपनिवेशवासियों ने राष्ट्रीयता की भावना से उत्प्रेरित होकर एकीकृत रूप से युद्ध में भाग लिया.साथ ही इसे जॉर्ज वाशिंगटन का कुशल नेतृत्व भी मिला.इससे उन्हें युद्ध में सफलता मिला.
अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक विभाजक रेखा मानी जाती है.इसके दूरगामी और निर्णायक परिणाम पूरे विश्व पर पड़ा . इस संग्राम के निम्नलिखित परिणाम हुए —
अमेरिका पर प्रभाव
1.संयुक्त राज्य अमेरिका का उदय -इस युद्ध के परिणामस्वरूप अमेरिका के 13 उपनिवेशों ने आपस में मिलकर संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना की . अब विश्व मानचित्र पर एक नए राष्ट्र का उदय हुआ .अमेरिका को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया और नागरिकों को मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की सुरक्षा की व्यवस्था की गई .
2.प्रथम जनतंत्र की स्थापना -संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का पहला राष्ट्र बना जिसने प्रचलित राजतंत्रात्मक -व्यवस्था के स्थान पर जनतंत्रात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया. स्वतंत्रता संग्राम के सेना नायक जॉर्ज वाशिंगटन अमेरिकी गणराज्य के प्रथम निर्वाचित राष्ट्रपति बने.
3.औद्योगिक क्रांति का आरम्भ – युद्ध के दौरान अस्त्र – शस्त्रों और अन्य सामानों के निर्माण के लिए अनेक कल कारखाने खोले गए . इससे औद्योगिककरण ने अमेरिका की आर्थिक सम्पन्नता बढ़ा दी.
4.समाज पर प्रभाव -स्वतंत्रता संग्राम ने अमेरिकी समाज पर भी प्रभाव डाला . नई परिस्थितियों में इंग्लैंड के राजभक्तों को अमेरिका छोड़कर पड़ोसी राष्ट्र कनाडा जाने पर विवश होना पड़ा. अतः गणतंत्रात्मक विचारधारा से प्रभावित लोग ही अमेरिका में रह गए.औद्योगिककरण के कारण समाज में पूंजीपतियों का प्रभाव बढ़ने लगा. युद्ध में प्रमुखता से भाग लेने के कारण स्त्रियों का समाज में सम्मान बढ़ा तथा उनके नागरिक एवं आर्थिक अधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था की गई.
इंग्लैंड पर प्रभाव
1.औपनिवेशिक नीति में परिवर्तन – युद्ध से पराजित होने के पश्चात इंग्लैंड को अपनी औपनिवेशिक नीति में परिवर्तन करने को बाध्य होना पड़ा. उसे अपने 13 महत्वपूर्ण उपनिवेश खोने पड़े. अतः उसने अब उपनिवेशों के प्रति मित्रवत नीति बनाने का प्रयास किया.
2.जॉर्ज तृतीय के व्यक्तिगत शासन की समाप्ति -अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम ने सम्राट जॉर्ज तृतीय के व्यक्तिगत शासन का अंत कर दिया.युद्ध से पराजित होने से उसकी प्रतिष्ठा घाट गई और उसका पतन हो गया.
3.कैबिनेट प्रणाली का विकास – जॉर्ज तृतीय के बाद इंग्लैंड की सत्ता हाउस ऑफ़ कॉमन्स के द्वारा निर्वाचित प्रधानमंत्री के हाथों में चली गई .
4.वैदेशिक व्यापर एवं अर्थवयवस्था को क्षति – स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व इंग्लैंड का विदेशी व्यापर बड़े स्तर पर होता था ,परन्तु युद्ध के बाद इस स्थिति में परिवर्तन आ गया. अब व्यापारिक प्रतिबंधों के स्थान पर मुक्त व्यापर की नीति को बढ़ावा दिया गया.अमेरिका से व्यापर बंद हो जाने से इंग्लैंड को काफी आर्थिक क्षति हुई . इसी प्रकार ,युद्ध में होने वाले खर्च का भी इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था पर घातक प्रभाव पड़ा.
5.इंग्लैंड में सुधार-युद्ध के बाद इंग्लैंड में अनेक सुधार लागू किए गए. 1782 में आयरलैंड की संसद को स्वतंत्र स्थान प्रदान किया गया.1793 में कैथोलिक आयरिशों को मताधिकार दिया गया. 1800 में आयरिश संसद को ब्रिटिश संसद से सम्बद्ध कर दिया गया.अब इंग्लैंड में राजनीतिक स्वतंत्रता का महत्व बढ़ गया.राजतंत्र सीमित और नियंत्रित हो गया.संसद का प्रभाव बढ़ गया.
फ़्रांस पर प्रभाव
फ़्रांस पर अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम का व्यापक प्रभाव पड़ा. इस युद्ध में फ़्रांस ने अमेरिका को आर्थिक और सैनिक सहायता दी थी . फ़्रांसिसी सैनिकों ने इस युद्ध में अमेरिका की तरफ से इस संघर्ष में भाग लिया. युद्ध के बाद जब वे सैनिक और स्वयंसेवक स्वदेश लौटे तो उन्हें इस बात की अनुभूति हुई कि जिस स्वतंत्रता तथा समानता के सिद्धांतों के लिए वे संघर्ष कर रहे थे ,अपने देश में उन्ही का अभाव था.अतः वे भी राजतंत्रविरोधी हो गए .इसके अतिरिक्त अमेरिका कि सहायता करने से फ़्रांस की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई .सर्कार दिवालियापन के कगार पर पहुंच गई. इन घटनाओं ने 1789 की फ़्रांस की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई .
भारत पर प्रभाव
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम में इंग्लैंड ,फ़्रांस की भूमिका को नहीं भुला सका.वह फ्रांसीसियों को पराजित करने का अवसर खोजता रहा. भारत में उसे यह अवसर मिला. यहाँ राजनीती और व्यापर पर अधिकार करने के लिए आंग्ल फ़्रांसिसी संघर्ष हुए.इसमें अँगरेज़ विजय हुए तथा भारतीय राजनीती और व्यापर पर उनका अधिकार हो गया .
अमेरिका पर औद्योगीकरण का प्रभाव
अमेरिका पर औद्योगीकरण का प्रभाव स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व और बाद में भी पड़ा.स्वतंत्रता युद्ध के पूर्व 13 अमेरिकी उपनिवेशों का इंग्लैंड की औद्योगिक क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान था. उपनिवेशों से भरी मात्रा में कच्चा माल इंग्लैंड को निर्यात किया जाता था ,जिससे इंग्लैंड के कल कारखाने और उद्योग धंधे चलते थे . अमेरिकी युद्ध ने इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के लिए संकट उत्पन्न कर दिया. अमेरिका से कच्चा माल का निर्यात बंद हो गया. दूसरी ओर युद्ध के दौरान अस्त्र शस्त्र के निर्माण के लिए अमेरिका में ही कारखाने खोले जाने लगे.इससे अमेरिका में औद्योगीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई. अपने अर्थी संसाधनों का उपयोग कर अमेरिका तेज़ी से औद्योगीकरण के मार्ग पर अग्रसर हुआ.औद्योगीकरण के साथ ही कृषि का भी विकास हुआ. फलतः अमेरिका के अर्थी स्थिति में विस्मयकारी बदलाव आया.सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के आधार पर एक सशक्त और विकसित राष्ट्र के रूप में अमेरिका का विकास हुआ.
अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम का महत्व
अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम विश्व इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है. पहली बार 13 उपनिवेशों ने संयुक्त होकर औपनिवेशिक शासन का विरोध किया. इस विरोध ने युद्ध का स्वरुप ले लिया. युद्ध में अमेरिकी उपनिवेश विजयी हुए. परिणामस्वरूप, विश्व मानचित्र पर एक नया राष्ट्र संयुक्त राज्य अमेरिका का उदय हुआ ।
अमेरिका ने तात्कालिक प्रचलित राजतंत्रात्मक व्यवस्था का बहिष्कार कर जनतन्त्रात्मक शासन प्रणाली अपनाई. इस प्रकार अमेरिका दुनिया का प्रथम राष्ट्र बना जहाँ गणतंत्रात्मक व्यवस्था अपनाई गई .अमेरिका में ही पहली बार लिखित संविधान लागु किया गया. धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना भी पहली बार यहीं की गई. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरणा लेकर अनेक राष्ट्रों में क्रांति की ज्वाला भड़क उठी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण 1789 की फ़्रांस की क्रांति थी.
World History Notes For IAS – अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम (1775-83)-प्रश्नोत्तरी
Q.1. अमेरिकी क्रांति कब हुई ?
A. 19 जुलाई 1776
B. 24 जुलाई 1776
C. 4 जुलाई 1776
D. 14 जुलाई 1776
Q.2. सप्तवर्षीय युद्ध किनके मध्य लड़ा गया –
A. रूस – अमेरिका
B. ब्रिटेन – फ्रांस
C. अमेरिका -फ्रांस
D. रूस – ब्रिटेन
Q.3. अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति बने –
A. जॉन ऐडम्स
B. बेंजामिन फ्रैंकलिन
C. सेमुअल एडम्स
D. जॉर्ज वाशिंगटन
Q.4. विश्व का प्रथम गणतंत्र बना –
A. फ्रांस
B. ब्रिटेन
C. अमेरिका
D. रूस
Q.5. ” प्रजातंत्र जनता का, जनता के द्वारा हा और जनता के लिए शासन है ” प्रजातंत्र की यह परिभाषा किसने दी है ?
A. वुडरो विल्सन
B. अब्राहम लिंकन
C. जॉन ऐडम्स
D. जॉर्ज वाशिंगटन
Q.6. अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम की समाप्ति हुई ?
A. तृतीय महाद्वीपीय कांग्रेस से
B. जर्मनी की संधि से
C. पेरिस की संधि से
D.लिटोवस्क की संधि से
Q.7. ” कानून केवल बंदूक की नली द्वारा ही लागू किया जा सकता है ” कथन है-
A. जॉन एडम्स
B. बैजामिन
C. एच. डब्ल्यू एल्सन
D. जे. सी. स्वेन
Q.8. ” या तो मुझे स्वतंत्रता दो या मृत्यु दो “कथन हैं –
A. एल्सन का
B. जॉन एडम्स का
C. पेट्रिक हेनरी का
D. जे.सी.स्वेन का
Q.9. गुलामी प्रथा का विरोध करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति थे –
A. जॉन ऐडम्स
B. जॉर्ज वाशिंगटन
C. अब्राहम लिंकन
D. थॉमस जैफरसन
Q.10. सप्तवर्षीय युद्ध के विजेता था ?
A. अमेरिका
B. ब्रिटेन
C. फ्रांस
D. कनाडा
Q.11. अमेरिकी क्रांति का कारण था ?
1. इंग्लैंड सरकार का उपनिवेशों में बढ़ता हुआ हस्तक्षेप
2. अमेरिकी उपनिवेशों में इंग्लैंड के प्रति प्रेम का अभाव
3. बौद्धिक चेतना का विकास
4 नौपरिवहन कानूनों का सख्ती से लागू होना
A. 1,2.
B. 1,2,4.
C. 1,3,4.
D. 1,2,3,4.
Q.12. बोस्टन टी पार्टी की घटना किस वर्ष घटित हुई –
A. 1780
B. 1783
C. 1773
D. 1785
Q.13. अमेरिका में कुल कितने उपनिवेश ( 1775 ई. तक ) अंग्रेजी द्वारा बसाये गए ?
A. 10
B. 11
C. 12
D. 13
Q.14. कॉमन सेंस किसकी रचना है ?
A. जॉर्ज वाशिंगटन
B. लॉर्ड नॉर्थ
C. मिल्टन
D. थॉमस पेन
Q.15. पेरिस की संधि हुई ?
A. 1 सितंबर 1783
B. 1अगस्त 1783
C. 5 सितंबर 1784
D. 3 सितंबर 1783
दोस्तों अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है या ebook की आपको आवश्यकता है तो आप निचे comment कर सकते है. आपको किसी परीक्षा की जानकारी चाहिए या किसी भी प्रकार का हेल्प चाहिए तो आप comment कर सकते है. हमारा post अगर आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ share करे और उनकी सहायता करे.
You May Also Like This
- सम-सामयिक घटना चक्र GS प्वाइंटर सामान्य भूगोल PDF Download
- भारत व विश्व का भूगोल ( Indian and World Geography ) बिषय से संबंधित सभी प्रकार की PDF यहाँ से Download करे
- सम-सामयिक घटना चक्र (GS Pointer) भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन PDF
- सम-सामयिक घटना चक्र आधुनिक भारत का इतिहास PDF नोट्स हिंदी में Download
- सम-सामयिक घटना चक्र अतिरिक्तांक GS प्वाइंटर पूर्वालोकन सार सामान्य विज्ञान (भौतिक विज्ञान) PDF Download
- Chronicle IAS Academy notes HINDI AND ENGLISH MEDIUM
- Topper’s Notes For UPSC Civil Services Exam 2018
- मुझे बनना है UPSC टॉपर-Complete eBook Download in Hindi
- IAS की तैयारी से सम्बंधित आपके कुछ सवाल और मेरे जवाब
- Rakesh Yadav SSC Mathematics(Chapterwise)Full Book Download
- Lucent Samanya Gyan संपूर्ण बुक PDF में डाउनलोड करें
- Lucent’s Samanya Hindi pdf Download
- क्या आप पुलिस में भर्ती होना चाहतें है – कैसे तैयारी करे?
- Maharani Padmavati क्यों खिलजी की चाहत बनी पद्मावती
- News and Events Magazine March 2018 in Hindi and English
- Banking Guru February 2018 in Hindi Pdf free Download
- Railway(रेलवे) Exam Book Speedy 2017 PDF में Download करें
- मौर्य वंश से पूछे गये महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर हिंदी में
- IAS बनना है तो कुछ आदतें बदल लें, जानें क्या हैं वो आदतें