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ई-जर्नल्स
इलेक्ट्रोनिक जर्नल्स को ही ई-जर्नल्स कहा जाता है। ये बौद्धिक स्तर की पत्रिकाएँ होती हैं इनका उपयोग इलेक्ट्रोनिक संचार से होता है। अतः ये वेब साइट्स पर ही प्रकाशित की जाती है। ये ऐसे विशिष्ट ज्ञान का संग्रहण करती हैं जिसका प्रयोग प्रायः शोधकार्यो में किया जाता है। जैसा परम्परागत जर्नल्स का स्वरूप होता है तथा उसमें लेख, शोध कार्यों का प्रकाशन होता है वैसा ही स्वरूप भी ई-जर्नल्स का होती है। कुछ जर्नल्स केवल ऑनलाइन होते हैं तो कुछ का मुद्रित स्वरूप भी उपलब्ध होता है। कुछ जर्नल्स ओपन एक्सेस होते हैं अर्थात् बिना शुल्क दिये उनको कोई भी इन्टरनेट पर पढ़ सकता है। तथा उस पर टिप्पणी भी कर सकता है। अधिकांश ई-जर्नल्स इच.टी.एम.एल अथवा पी.डी.एफ. प्रारूप में उपलब्ध होते हैं।
ई-जर्नल्स के लाभ
वर्तमान समय में हमें ई-जर्नल्स के निम्नलिखित लाभ स्पष्ट दिखाई देते हैं-
1. इन जर्नल्स या इनके लेख को घर बैठे लैपटॉप या पी.सी. पर पढ़ा जा सकता है। पुस्तकालय जाने की आवश्यकता नहीं होती।
2. विषयवस्तु के लिए पूर्ण लेख या लेख के कुछ पृष्ठों को भी पढ़ा जा सकता है तथा खोजा जा सकता
3. इस प्रकार के जर्नल्स के लेख स्वयं को ई-मेल भी किये जा सकते हैं या डाउनलोड भी कर सकते हैं।
4. पुस्तकालय के बंद होने पर भी लेख पढ़ने के लिए सदैव उपलब्ध रहता है।
5. एक जर्नल्स के साथ हाइपर टेक्स्ट लिंक के द्वारा अन्य पत्र-पत्रिकाओं के विभिन्न भागों को भी पढ़ सकते हैं।
6. जर्नल्स में अधिक चित्र, आकृतियाँ, श्रव्य एवं दृश्य सामग्री को जोड़ा जा सकता की जा है।
7. इनमें अपनी प्रतिक्रिया ई-मेल या टिप्पणी से भेज कर अन्तः क्रिया भी सकती हैं।
8. समय एवं स्थान की दृष्टि से स्वतन्त्रता होती है।
9. पुस्तकालयों की दृष्टि से उपयोगी है।
10. शिक्षा से जुड़े कुछ ऑनलाइन जर्नल्स निम्नलिखत है:- ग्लोबल एजूकेशन टाइम्स, डिजिटल लर्निंग।
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