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क्षेत्र पर्यटन से आप क्या समझते हैं?
क्षेत्र पर्यटन सामुदायिक साधनों द्वारा समाजशास्त्र विषय का शिक्षण – प्रदान करने हेतु प्रयोग किया जाता है। इन सभी साधानों में क्षेत्र पर्यटन अत्यधिक लाभप्रद एवं महत्त्वपूर्ण है। क्षेत्र पर्यटन कक्षा-कक्ष से बाहर भ्रमण करने का वह व्यवस्थित रूप है जिसका संचालन विद्यालय द्वारा शिक्षा क्रम का एक आवश्यकीय अंग मान कर किया जाता है। इसके अन्तर्गत हम छोटी-बड़ी अनेकों प्रकार की क्रियाएँ सम्मिलित कर सकते है। विद्यालय की चारदीवारी का भ्रमण, पास में बहने वाली नदी का अवलोकन या देश की राजधानी या चार सौ किलोमीटर दूर अवस्थित किसी ऐतिहासिक भवन या आधुनिक उद्योग का अवलोकन, आदि सभी क्षेत्र पर्यटन के अन्तर्गत आते है।
क्षेत्र पर्यटन के प्रकार
1. दीर्घ क्षेत्र पर्यटन- इस प्रकार के पर्यटनों का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक होता है। इस प्रकार के पर्यटनों के लिये कई दिनों की व्यवस्था करनी पड़ती है एवं इसमें उच्च कक्षाओं के छात्र ही सामान्यतया भाग लेते है। किसी उद्योग का अवलोकन, दूरस्थ किसी ऐतिहासिक भवन का अवलोकन, देश की राजधानी का भ्रमण आदि इस प्रकार के पर्यटनों के अन्तर्गत सम्मिलित किए जाते है।
2. सामान्य क्षेत्र पर्यटन- सामान्य क्षेत्र पर्यटन कुछ क्षेत्र पर्यटनों की तुलना में समय तथा क्षेत्र दोनों ही दृष्टिकोणों से कुछ व्यापक होते हैं तथा कुछ ऊँची कक्षाओं सामान्यतया माध्यमिक कक्षाओं के लिये आयोजित किये जाते है। इस प्रकार के पर्यटनों में समय भी अपेक्षाकृत अधिक लगता है तथा पर्यटन-स्थान भी विद्यालय प्रांगण से तुलनात्मक रूप में कुछ दूर ही होता है। कुछ दूरी पर बहने वाली नदी स्थानीय फसलें विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का संचालन (जैसे पंचायत की कार्य प्रणाली), पड़ोस के प्रमुख भवन इत्यादि का पर्यटन इस प्रकार के पर्यटनों की विषय- सामग्री का निर्माण करते है।
3. लघु क्षेत्र पर्यटन- लघु पर्यटन समय तथा क्षेत्र के दृष्टिकोण से अत्यन्त ही सीमित होते है। सामान्यतया इस प्रकार के पर्यटन विद्यालय के किसी एक कालांश में ही सम्पादित कर लिय जाते हैं तथा इनका क्षेत्र भी सीमित रहता है। इनके क्षेत्र में विद्यालय वाटिका का भ्रमण, विद्यालय कृषि फार्म का भ्रमण, विद्यालय भवन, संग्रहालय, पास में ही स्थित अस्पताल का भ्रमण, पुस्तकालय आदि का भ्रमण करना आदि आते है। इस प्रकार के क्षेत्र पर्यटन छोटी कक्षाओं के लिए उपयुक्त रहते हैं।
क्षेत्र पर्यटन के लाभ
क्षेत्र पर्यटन से निम्नांकित लाभों की प्राप्ति सम्भव है:
1. क्षेत्र पर्यटन छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करते हैं। क्षेत्र पर्यटनों के द्वारा छात्र समाज को उसके वास्तविक रूप में देखते हैं। वे बैकों में विभिन्न व्यक्तियों को कार्य करते हुए देखते हैं, बैंक की कार्यप्रणाली का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करते हैं। इस प्रकार प्राप्त ज्ञान पुस्तकीय एवं सैद्धान्तिक ज्ञान से कहीं अधिक व्यावहारिक ज्ञान हैं।
2. क्षेत्र पर्यटन जीवन की अनेक वास्तविकताओं से अवगत कराते हैं। इस के साथ किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए, रेल यात्रा में क्या-क्या सुविधाएँ होती हैं, अन्य व्यक्तियों से किस प्रकार सम्पर्क स्थापित करने चाहिए, आदि का वास्तविक ज्ञान छात्रों को पर्यटनों से प्राप्त होता है।
3. मानसिक स्वस्थता के दृष्टिकोण से भी पर्यटन बड़े लाभकारी हैं। छात्र लम्बे समय तक विद्यालय की चारदीवारी में बन्द रहता है। वह मन में घुटने का अनुभव करता है। फलतः वह बाहर जाना चाहता है। इससे स्वच्छन्दता का अनुभव होता है।
4. पर्यटन विभिन्न विषयों सम्बन्धी ज्ञान को समन्वित करते हैं। पर्यटन के समय हम विभिन्न वस्तुओं को देखते हैं। वे छात्रों के विभिन्न विषयों से सम्बन्धित होती हैं। अध्यापक उनका ज्ञान प्रदान कर विभिन्न विषयों को समन्वित करता है। रेल में यात्रा करते समय छात्रों को देश की रेल-व्यवस्था का ज्ञान दिया जा सकता है, रेल में से दिखने वाली फसलों का ज्ञान प्रदान किया जा सकता है, रास्तें में पड़ने वाले शहरों की विशेषताएँ बतलाई जा सकती हैं, विभिन्न उप-जातियों के सम्बन्ध में बतलाया जा सकता है। इस प्रकार विभिन्न विषयों के ज्ञान को समन्वित किया जा सकता है।
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