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भारत में बाल अपराध की रोकथाम के उपाय
भारत में बाल अपराध की रोकथाम के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं-
1. परिवार की दशा में सुधार
पारिवारिक दशा के आधार पर बाल-अपराध की रोकथाम के निम्न उपाय हैं –
(i) माता-पिता का कर्त्तव्य है कि वह बालकों की मूल और अनिवार्य आवश्यकताओं की पूर्ति करें।
(ii) बालकों के साथ समानता का व्यवहार किया जाए।
(iii) बालकों को आवश्यकता से अधिक अनुशासन में न रखा जाए।
(iv) परिवार में बालकों के लिए स्वस्थ मनोरंजन व खेल-कूद की सामग्री जुटाई जाए।
(v) माता-पिता को मनोविज्ञान का भी ज्ञान हो जिससे वह बालकों की भावनाओं को समझ सकें।
(vi) माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका बालक बुरी संगति में न रहे।
2. विद्यालय की दशा में सुधार
परिवार के साथ-साथ विद्यालय की दशा में सुधार द्वारा भी रोकथान के उपाय किए जा सकते हैं, जो निम्न हैं
(i) विद्यालय के वातावरण को आनन्दमय व उल्लासमय बनाया जाए जिससे छात्र विद्यालय को बन्दीगृह के रूप में न लेकर शिक्षा मन्दिर व आनन्द स्थली के रूप में ले।
(ii) अध्यापकों को बालकों के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए उनकी समस्याओं को समझकर उपर्युक्त सुझाव देने चाहिए।
(iii) विद्यालयों में छात्रों के साथ किसी आधार पर पक्षपात न किया जाए।
(iv) बालकों की मनोवृत्तियों को ठीक प्रकार से समझा जाए तथा उन्हें उनकी रुचियों के अनुकूल शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
(v) विद्यालय में उचित निर्देशन की व्यवस्था की जाए।
(vi) छात्रों पर उत्तरदायित्व सौंपे जाएँ।
(vii) अध्यापकों को अपने आचरण को आदर्श बनाना चाहिए।
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