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विद्यालयों में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के उपयोग
विद्यालयों में सूचना एवं तकनीकी का उपयोग (Use of Information and Communication Technology in Schools) स्कूलों में परम्परागत एवं आधुनिक दोनों ही प्रकार की तकनीकी का प्रयोग किया जाता है, जिसका वर्णन निम्नवत् है.
परम्परागत सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी
(i) चित्रात्मक सहायक सामग्री जैसे- चित्र, मानचित्र चार्ट, रेखचित्र, पोस्टर, कार्टून आदि।
(ii) दृश्य-श्रव्य साधन, जैसे- रेडियो, टेलीविजन स्लाइड, प्रोजेक्टर, ओवरहेड प्रोटेक्टर, चलचित्र या सिनेमा, टेप-रिकॉर्डर, ऑडियों वीडियो रिकॉर्डिंग उपकरण, शिक्षण मशीन आदि।
(iii) त्रिआयामी सहायक साधन जैसे प्रतिरूप (नमूने) मॉडल, कठपुतलियाँ, मेकअप आदि।
(iv) मौखिक सूचनाएँ एवं ज्ञान जैसे अध्यापकों, सहपाठियों, बड़ी कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों, मित्रों, माता-पिता तथा परिजनों एवं समाज के अन्य सदस्यों से औपचारिक एवं अनौपचारिक रूप से प्राप्त किया जा सकता है।
(v) मुद्रित साधन जैसे पाठ्यपुस्तकें, सन्दर्भ ग्रन्थ, अन्य साहित्य एवं पत्र-पत्रिकाएँ आदि विद्यालय एवं सार्वजनिक पुस्तकालयों से उपलब्ध पठन सामग्री।
आधुनिक सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी
(i) किसी बड़े समूह के साथ सम्प्रेषण करने के लिए मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर।
(ii) वीडियो, डिजिटल वीडियो कैमरा व वेब कैमरा, साउण्ड कार्ड से युक्त मल्टीमीडिया पीसी या लॅपटॉप।
(iii) डिजिटल विडियो कैमरा।
(iv) लोकल एरिया नेटवर्क (LAN), मैट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) नेटवर्क (WAN) तथा वाइड एरिया
(v) वर्चुअल क्लासरूम, ई-लर्निंग तथा वर्चुअल रियल्टी।
(vi) कम्प्यूटर के डेटा बेस तथा डेटा प्रोसेसिंग प्रक्रम सी. डी. रॉम तथा डी.वी.डी.।
(vii) मल्टीमीडिया पर्सनल कम्प्यूटर (PC), लैपटॉप तथा नोट बुक।
(viii) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जैसे वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, पावर प्वाइंट, सिमुलेशन तथा स्पीच रिकोग्नीशन।
(ix) वीडियो टेक्स्ट, टेली टैक्स्ट, इंटरऐक्टिव वीडियो टैक्स्ट तथा इण्टऐक्टिव रिमोट कान्स्ट्रक्शन।
(x) वीडियो ऑडियो कान्फ्रेंसिंग
(xi) डिजिटल लाइब्रेरी ।
(xii) ई-मेल, इंटरनेट तथा वर्ल्ड वाइड वेब (www) (xiii) हाइपरमीडिया तथा हाइपरटैक्स्ट रिर्सोसेज।
सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी को प्रयोग में लाने वालों के प्रशिक्षण कार्यक्रम
वर्तमान युग में सूचना केन्द्र से सूचनाओं के भलीभाँति प्राप्त करने, व्यक्तिगत स्तर पर तथा समाजहित में उनका प्रयोग करने की दृष्टि से सूचना प्राप्त करने वालों के लिए शिक्षण एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए निम्नलिखित बातें सहायक सिद्ध हो सकती
(i) विद्यार्थियों को प्रारम्भ से ही निम्नलिखित बातों का प्रशिक्षण दिया जाय-
(a) ज्ञानेन्द्रियों का उपयुक्त प्रयोग।
(b) अपने वातावरण, शिक्षण अधिगम की परिस्थितियों में उपलब्ध समस्त जानकारियाँ एवं
सूचनाओं को उनके मूल रूप में ठीक प्रकार से ग्रहण करना। उनकी व्यवस्था, नियंत्रण एवं सम्प्रेषण के तरीकों से अवगत करना। (i) प्रशिक्षणार्थी की निम्नलिखित योग्यताओं का विकास किया जाये; जैसे-
(a) पढ़ने की योग्यता का विकास।
(b) लिखने की योग्यता का विकास।
(c) कम्प्यूटर का प्रयोग की योग्यता का विकास। (d) सूचनाओं का विश्लेषण एवं संश्लेषण कर उचित निष्कर्ष निकालने की क्षमता का विकास।
(e) सूचना समाग्री की सहायता से समस्या समाधान करने तथा निर्णय लेने की योग्यता का विकास।
(iii) जो सूचनाएँ प्राप्त हों, उन्हें मस्तिष्क में संजोकर उपयुक्त समय पर प्रयोग करने की क्षमता विकसित की जाये।
(iv) सूचनाओं के भण्डारण व उनकी व्यवस्था एवं पुनः प्रस्तुतीकरण हेतु किसी व्यवस्थित सूचना नियन्त्रण प्रणाली का प्रयोग करना सिखाया जाये।
- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का अनुप्रयोग
- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का अर्थ
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ
- सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के लिए आवश्यकताएँ
- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का महत्व
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