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विनिमय विपत्र का अर्थ
भारतीय विनिमय साख विपत्र अधिनियम के अनुसार, ‘बिल ऑफ एक्सचेन्ज’ बिना शर्त का एक लिखित आज्ञा पत्र है, जिसमें लिखने वाला किसी विशेष व्यक्ति को आज्ञा देता है कि, “वह एक निश्चित धन या तो स्वयं उसे या उसकी आज्ञानुसार किसी अन्य व्यक्ति को या उस पत्र के वाहक को माँगने पर या एक निश्चित अवधि के बाद दे दे।”
हुण्डी का अर्थ
भारत में हुण्डी का प्रचलन बहुत प्राचीनकाल से चला आ रहा है। यह प्रचलित विनिमय-विपत्र के समान ही एक साख पत्र है। हुण्डी प्रायः हिन्दी या मुड़िया भाषा में लिखी जाती है, इसमें विशेष भाषा और शैली का प्रयोग किया जाता है तथा यह चिट्ठी के रूप में होती है। हुण्डी को भारतीय विनिमय साध्य लेख पत्र अधिनियम में शामिल नहीं किया गया है।
विनिमय-विपत्र तथा हुण्डी में अन्तर
क्र० सं० |
विनिमय-विपत्र |
हुण्डी |
1. | प्राय: अंग्रेजी में लिखा जाता है और इसकी शब्द रचना विनिमयसाध्य पत्रों के अधिनियम में दिये गये आदेशों के अनुसार होती है। | यह हिन्दी, मुड़िया या अन्य किसी देशी भाषा में लिखी जाती है। इसकी शब्द रचना प्रचलित रीति-रिवाज के अनुसार होती है। |
2. | यह व्यापारिक ढंग से लिखा जाता है और ऐसे ही शब्द प्रयोग किये जाते हैं, जो बहुत आवश्यक हो। | यह एक पत्र के रूप में अभिवादन एवं शिष्टाचार सम्बन्धी शब्दों के साथ लिखी जाती है। |
3. | लेखक का नाम नीचे की ओर होता है। | लेखक का नाम हुण्डी के मुख्य भाग के अन्दर लिखा जाता है। |
4. | लेख- पात्र का नाम नीचे बायीं ओर केवल एक बार लिखा जाता है। | लेख-पात्र का नाम दो बार लिखा जाता है-मुख्य भाग के अन्दर और पीठ पर। |
5. | रकम दो बार लिखी जाती है- एक बार अंकों में ऊपर दायीं ओर और दूसरी बार शब्दों में मुख्य भाग के अन्दर। | रकम प्राय: पाँच बार लिखी जाती है-एक बार अंकों में, फिर शब्दों में, तत्पश्चात् उसका दूना करके पुनः पीठ पर कोष्ठक में अंकों में और अन्त में इनका चौगुना करके। |
6. | बिल का प्रयोग देशी और विदेशी दोनों प्रकार के ऋण चुकाने में होता है। | इसका प्रयोग केवल देशी व्यापार में भुगतान के लिये होता है। |
7. | यह हमेशा शर्तरहित आज्ञा-पत्र होता है। | इसमें शर्तयुक्त आज्ञा हो सकती है, जैसे कि जोखिम हुण्डी में। |
8. | अप्रतिष्ठित होने पर नोटिंग और (यदि बिल विदेशी है तो) प्रोटेस्ट की जरूरत पड़ेगी। | अप्रतिष्ठित होने पर नोटिंग या प्रोटेस्ट की आवश्यकता नहीं है। |
9. | विदेशी विनिमय-पत्र की तीन प्रतियाँ तैयार की जाती हैं। | इसकी केवल एक प्रति ही तैयार की जाती है। |
10. | इसमें ॠणी का नाम बायीं ओर लिखते हैं। | इसमें ऋणी का नाम हुण्डी के बीच में लिखा रहता है। |
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