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वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की विशेषताएँ बताइये|
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की विशेषताएँ- वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. अध्ययन की एक विशिष्ट इकाई (A Specific Unit of Study)
इसके अन्तर्गत एक या कुछ विशिष्ट इकाइयों का अध्ययन किया जाता है। जैसे – व्यक्ति, परिवार, जाति, संस्था अथवा सम्पूर्ण समुदाय आदि। इसकी इकाई सम्बन्ध तथा प्रक्रिया भी हो सकती है। इस सम्बन्ध में गिडिंग्स लिखा है कि
“यह इकाई जीवन की एक प्रघटना या एक ऐतिहासिक युग भी हो सकता है। वह इकाई जितनी भी छोटी होगी, उतना ही गहन अध्ययन इसको हो सकेगा।”
2. सम्पूर्ण अध्ययन (Whole Study)
इस पद्धति में किसी घटना अथवा इकाई के समस्त पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें इकाई के समस्त जीवन को ही अध्ययन का केन्द्र बनाया जाता है। इस सम्बन्ध कुछ प्रमुख विद्वानों ने लिखा है कि-
“यह ऐसी विधि है जो किसी सामाजिक इकाई को सम्पूर्णता देखती है।” – गुडे एवं हाट
“इसमें वैयक्तिक तथ्यों को उनके सम्पूर्ण जीवन-चक्र के रूप में संकलित किया जाता है।”- श्रीमती पी. वी. यंग
3. गुणात्मक अध्ययन (Qualitative Study)
वैयक्तिक अध्ययन में गुणात्मक अध्ययन किया जाता है न कि संख्यात्मक। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि इकाई के सम्बन्ध में आँकड़ों और संख्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है, निष्कर्ष भी संख्याओं में प्रकट नहीं किए जाते हैं। इसमें इकाई का जीवन इतिहास और वर्णनात्मक उल्लेख तैयार किया जाता है।
4. गहन अध्ययन (Intensive Study)
इस पद्धति के अन्तर्गत इकाई के सम्बन्ध सूक्ष्म एवं गहन जानकारी प्राप्त की जाती है। सम्बन्धित इकाई का अध्ययन भूतकाल से लेकर वर्तमान काल तक किया जाता है। इसमें धन एवं समय अधिक लगता है।
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