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चन्द्रग्रहण क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
जब परिक्रमा करते हुए कभी चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती है और चूँकि चन्द्रमा सूर्य के प्रकाश द्वारा चमकता है। अतः पृथ्वी की छाया के कारण वह प्रकाशित नहीं हो पाता। इस प्रकार जितने भाग पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, वह भाग दिखायी नहीं देता तथा शेष भाग दिखायी देता रहता है। इसी को चन्द्रग्रहण कहते हैं। कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है कि पूर्ण चन्द्रमा ही लुप्त हो जाता है। इस स्थिति को पूर्ण चन्द्र ग्रहण कहते हैं। चन्द्र ग्रहण प्रत्येक पूर्णमासी के दिन नहीं पड़ता है। जब तीनों ग्रह एक तल में हो जाते हैं तभी चन्द्र ग्रहण पड़ता है। पूर्ण चन्द्र ग्रहण से इस बात की पुष्टि होती है कि चन्द्रमा में अपना प्रकाश नहीं होता है।
सूर्यग्रहण क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये ।
सूर्य ग्रहण होने का कारण यह है कि चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह होने के कारण पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जब चन्द्रमा पृथ्वी तथा सूर्य के ठीक बीच में आ जाता है तो सूर्य से आने वाला प्रकाश बीच में ही चन्द्रमा द्वारा रोक लिया जाता है और पृथ्वीवासियों को सूर्य का कुछ हिस्सा दिखना बन्द हो जाता है, इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं।