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जनसंचार के सकारात्मक और नकरात्मक प्रभाव
समाज पर जन माध्यमों के प्रभाव सकारात्मक भी पड़ते हैं और नकारात्मक भी। इन्हें इस प्रकार समझा जा सकता है-
जनसंचार के सकारात्मक प्रभाव
1. जन माध्यमों को लोगों के लिए उपयोगी सूचनाएँ मुहैया करानी चाहिए।
2. जन माध्यमों को लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
3. जन माध्यम एक लोकतांत्रिक राज्य को प्रभावशाली बनाने में जबरदस्त ज़िम्मेदारी निभा सकते हैं। जनता को सरकारी नीतियों से परिचित करा सकते हैं। योजनाओं के बारे में बता सकते हैं। यह भी बता सकते हैं कि सरकारी योजनाएँ किस प्रकार जनता को फायदा पहुँचा सकती है। सरकार की अगर वर्तमान नीतियाँ जनता के मतलब की नहीं है तो इसमें क्या परिवर्तन किया जा सकता है।
4. जन माध्यम लोगों को स्वस्थ मनोरंजन प्रदान कर सकते है।
5. जन माध्यमों का यह भी सकारात्मक प्रभाव है कि इसने पूरी दुनिया को मुट्ठी में कर लिया है।
6. जन माध्यम विज्ञान व व्यापार में लाभ पहुँचा सकते हैं।
7. जन माध्यम देश की राजनीतिक व लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सहयोग देकर उसे असरदार बना सकते हैं।
जनसंचार के नकारात्मक प्रभाव
जहाँ जन माध्यमों का जनता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वहाँ नकारात्मक भी पड़ता है। नकारात्मक प्रभावों को इस प्रकार बताया जा सकता है-
1. जन माध्यमों से देश की परंपरागत संस्कृति प्रभावित होती है।
2. जन माध्यम जनता के मूड को देखते हुए मनोरंजन पर अपनी पूरी ऊर्जा लगा देते हैं जिनसे अन्य उपयोगी कार्यक्रमों से दूर हो जाते हैं जो स्वस्थ समाज के लिए बेहद उपयोगी होते हैं।
3. जन माध्यम हिंसा व अपराधों को उकसाने में मददगार साबित होते हैं। उदाहरण के तौर पर जब अपराधी प्रकृति के लोग अपराधियों और उन पर बेअसर कार्रवाइयों के बारे में पढ़ते हैं तो उनके समान बनना चाहते हैं। इस प्रकार समाज के अनेक लोग विभिन्न अपराधों में लग जाते हैं। विशेष अध्ययन रिपोर्टों से यह बात सामने आई है कि रेडियो और टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों व सिनेमा से समाज में अपराधी व हिंसात्मक प्रवृतियों का विकास हुआ है।