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तारामण्डल क्या है?
आकाश में कुछ तारे समूह के रूप में एकत्रित होकर सुन्दर आकृतियाँ बनाते हैं जिन्हें तारामण्डल कहते हैं। हमारे पूर्वजों ने इन मान्यताओं का नाम उन वस्तुओं के नाम पर रखा जिससे वे मिलते-जुलते हैं जैसे कि सिंह, मेष, मीन, कुम्भ, सप्तर्षि आदि। वृहत सप्तर्षि या उर्सा मेजर एक महत्त्वपूर्ण तारामण्डल है। इसमें अनेक तारे हैं जिनमें सात सर्वाधिक चमकदार तारे आसानी से दिखायी देते हैं जो प्रश्न चिह्न जैसी आकृति बनाते प्रतीत होते हैं। इसके शीष भाग पर स्थित दो तारे संकेतर तारे कहलाते हैं क्योंकि इनको मिलाने वाली रेखा ध्रुव तारे की ओर संकेत करती है। इसी प्रकार लघु सप्तर्षि या उर्सा माइनर तारामण्डल में भी अधिक चमक वाले सात प्रमुख तारे हैं। पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध में इस तारामण्ड को प्राय’ बसन्त ऋतु में देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त मृग या ओरायन एक अन्य तारामण्डल है जो अत्यधिक चमकीला होता है। इसे शीत ऋतु में देखा जा सकता है। इसमें भी सात चमकीले तारे हैं जिनमें से चार किसी चतुर्भुज की आकृति बनाते प्रतीत होते हैं। भारत में यह काल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध हैं।