रौलेट एक्ट 1919 (Rowlatt Act 1919 in Hindi)-Hello friends आज आप सभी को हम प्रतियोगी परीक्षाओं में हमेसा पूछे जाने वाले प्रश्न आप सभी के लिए शेयर कर रहे हैं| दोस्तों महात्मा गाँधी से सम्बंधित परीक्षाओं में अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं| आज हम इन्हीं से सम्बंधित कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न आप लोगो के लिए शेयर कर रहे हैं दोस्तों आज जिस topic पर हमने आप सभी के लिए यह पोस्ट तैयार किया है वह “रौलेट एक्ट 1919 (Rowlatt Act 1919 in Hindi)” से सम्बंधित है| जो छात्र Competitive exams की तैयारी कर रहे हैं उन सभी के लिए हमारा यह पोस्ट बहुत ही Helpful होगा.
अनुक्रम (Contents)
जरुर पढ़े…
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन की प्रेरणा -महात्मा गाँधी
- महात्मा गांधी राष्ट्रपिता के रूप में सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में
- महात्मा गांधी और उनके कार्य in Hindi pdf Download
- सविनय अवज्ञा आंदोलन (नमक सत्याग्रह), डांडी कूच, गांधी इरविन समझौता, आंदोलन का महत्व
- आजादी के बाद का भारत की पूरी जानकारी GS Mains PDF Download
- History Of Modern India (आधुनिक भारत का इतिहास) By Bipan Chandra PDF
- आजादी के बाद का भारत की पूरी जानकारी GS Mains PDF Download
- History Of Modern India (आधुनिक भारत का इतिहास) By Bipan Chandra PDF
रौलेट एक्ट 1919 (Rowlatt Act 1919 in Hindi) गांधीवादी युग
रौलट एक्ट, 1919
अंगेजी शासन के विरूद्ध पनप रहे असंतोष तथा पढ़ती हुई क्रांतिकारी गतिविधियों से प्रभावशाली ढंग से निपटने हेतु लार्ड चेम्सफोर्ड द्वारा किंग्स न्यायपीठ के न्यायाधीश सिडनी रौलट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। इस समिति का कार्य भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों के स्वरूप और प्रसार की जाॅच करना तथा आवश्यक हो तो उनसे प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए विधेयक प्रस्तावित करना था। इसी समिति की सिफारिशों के आधार पर केन्द्रीय विधान परिषद् में दो विधेयक प्रस्तुत किए गए। भारतीय सदस्यों के तीव्र विरोध के परिणामस्वरूप प्रथम विधेयक को निरस्त कर दिया गया, किंतु द्वितीय विधेयक जिसका नाम ’क्रांतिकारी एवं अराजकतावादी अधिनियम’ था, मार्च 1919 में पारित कर दिया गया। इस रौलेट अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश सरकार किसी को भी जब तक चाहे बिना मुकदमा चलाये जेल में बंद रख सकती थी। इसलिए इसे बिना वकील, बिना अपील, बिना दलील वाला कानून भी कहा गया।
रौलेट समिति (Rowlatt Committee) की स्थापना की घोषणा 10 दिसम्बर 1917 को हुई. समिति ने लगभग चार महीनों तक “तहकीकात” की. रौलेट समिति की रिपोर्ट में भारत के जोशीले देशभक्तों द्वारा किये गए बड़े और छोटे आतंकपूर्ण कार्यों को बढ़ा-चढ़ाकर बड़े उग्र रूप में चित्रित किया गया था. रौलेट समिति के सभापति ने 15 अप्रैल, 1918 के दिन अपनी रिपोर्ट भारत मंत्री के सेवा में उपस्थित की और उसी दिन वह भारत में भी प्रकाशित की गई. वह रिपोर्ट “रौलेट समिति की रिपोर्ट” कहलाई.
रौलेट एक्ट 1919 (ROWLATT BILL / ROWLATT ACT ) में जिक्र था कि —
- क्रांतिकारियों के मुक़दमे हाईकोर्ट के तीन जजों की अदालत में पेश हों, जो शीघ्र ही उनका फैसला कर दें. निचली कचहरियों में उनके जाने की आवश्यकता नहीं ताकि अपील की भी कोई गुंजाइश न रहे.
- जिस व्यक्ति पर राज्य के विरुद्ध अपराध करने का संदेह हो, उससे जमानत ली जा सके और उसे किसी विशेष स्थान पर जाने तथा विशेष कार्य करने से रोका जा सके.
- प्रांतीय सरकारों को यह अधिकार दिया गया कि वे किसी भी व्यक्ति को जिस पर उन्हें संदेह हो, गिरफ्तार करके कहीं नजरबन्द कर सकती हैं और यदि संदेहास्पद आदमी जेल में हो तो उसे वहीं रोककर रख सकती है.
- गैरकानूनी सामग्री का प्रकाशन व वितरण करना या करने के लिए अपने पास रखना, अपराध होगा.
जब 6 फरवरी 1919 के दिन सर विलियम विन्सेंट ने रौलेट बिल को बड़ी कौंसिल में उपस्थित किया, तब सरकार को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि न केवल कौंसिल के बाहर अपितु अन्दर भी कड़े विरोध का भाव विद्दमान है.
रिपोर्ट के प्रकाशित होने पर देश में बैचेनी पैदा हो गयी. रौलेट बिल के प्रति देश में विरोध का भाव था. समाचार पत्रों में रौलेट रिपोर्ट और उस पर आधारित बिलों का कठोर विरोध किया जा रहा था फिर भी सरकार ने उन्हें छोड़ा नहीं. भारतीय प्रतिनिधियों ने बिल का डटकर विरोध किया. पं.मालवीय, श्रीयुत विट्ठल भाई पटेल, मजरुल हक आदि लोक नेताओं ने सरकार को समझाने का बहुत प्रयत्न किया पर सरकार ने उनकी एक न मानी. सरकार ने यह युक्ति दी कि उनका उद्देश्य राजनीतिक आन्दोलन को दबाना नहीं, अपितु देश को आतंकवाद से छुड़ाना है. देश सरकार की इस युक्ति की नि:सारिता को वर्षों के कटु अनुभव से जान चुका था. जो रस्सी आतंकवाद के नाम पर बनाई जाती थी, वह प्रायः राजनीतिक आन्दोलन के गले में कसी जाती थी.
कांग्रेस ने रौलेट एक्ट (Rowlatt Act) का स्पष्ट विरोध किया. समाचार पत्रों ने घोर प्रतिवाद किया और कौंसिल के भारतीय सदस्यों ने बार-बार चेतावनी दी परन्तु सरकार अपने हठ पर तुली रही. Rowlatt Act के आने से अमृतसर के जालियाँवाला बाग़ में सैंकड़ों भारतवासियों के रुधिर की धारा बह गई.
दोस्तों अगर आपको किसी भी प्रकार का सवाल है या ebook की आपको आवश्यकता है तो आप निचे comment कर सकते है. आपको किसी परीक्षा की जानकारी चाहिए या किसी भी प्रकार का हेल्प चाहिए तो आप comment कर सकते है. हमारा post अगर आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ share करे और उनकी सहायता करे.
You May Also Like This
- सम-सामयिक घटना चक्र आधुनिक भारत का इतिहास
- सम-सामयिक घटना चक्र अतिरिक्तांक GS प्वाइंटर प्राचीन, मध्यकालीन भारत का इतिहास
- सम-सामयिक घटना चक्र GS प्वाइंटर सामान्य भूगोल PDF Download
- सम-सामयिक घटना चक्र (GS Pointer) भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन PDF
- English as Compulsory language
- सम-सामयिक घटना चक्र अतिरिक्तांक GS प्वाइंटर सामान्य विज्ञान
- THE Best ECONOMICS Notes PDF Mission 2018 BY THE INSTITUTE
- Current Affairs का ये Notes हर परीक्षा केलिए रामबाण है। सलेक्शन के लिए रट डालें
- सामान्य ज्ञान के 5000 QUESTIONS AND ANSWER PDF in hindi
- English Grammar Notes by Rahul Gond-Download PDF in Hindi/English
- Drishti Current Affairs Today Varshiki (Yearly) 2018 in Hindi pdf Download
- IAS के पैटर्न पर होगी PCS की परीक्षा, बदलाव से फायदा है या नुकसान-विश्लेषण
- सरकारी योजनाओ के लिए ऑनलाइन सामग्री एक बार अवश्य पढ़े
- GA Power Capsule in Hindi and English for SSC CHSL & Railway 2018
- Railway Group D Exam ki Taiyari रेलवे ग्रुप डी परीक्षा भर्ती की तैयारी कैसे करे
- general management (सामान्य प्रबंधन) pdf notes download in hindi & english
- हिंदी साहित्य का इतिहास by आचार्य रामचंद्र शुक्ल EBOOK PDF download करे-
- GS IAS Almost ALLSubject pdf Notes एक ही pdf में download करे-
- IAS मे निशांत जैन ने हिन्दी माध्यम से कैसे टॉप किया? Tips By IAS Nishant Jain
अगर आप इसको शेयर करना चाहते हैं |आप इसे Facebook, WhatsApp पर शेयर कर सकते हैं | दोस्तों आपको हम 100 % सिलेक्शन की जानकारी प्रतिदिन देते रहेंगे | और नौकरी से जुड़ी विभिन्न परीक्षाओं की नोट्स प्रोवाइड कराते रहेंगे |
Disclaimer:currentshub.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है ,तथा इस पर Books/Notes/PDF/and All Material का मालिक नही है, न ही बनाया न ही स्कैन किया है |हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- currentshub@gmail.com