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छाया किस प्रकार बनती है? Chhaya Kis Prakar Banti Hai
छाया का बनना प्रकाश के सीधी रेखा में चलने का परिणाम है। यदि किसी प्रकाश स्रोत और एक पर्दे के बीच कोई वस्तु रख दी जाय तो वह प्रकाश जो कि वस्तु पर गिरता है, पर्दे तक नहीं पहुँच पाता। अतः पर्दे के कुछ भाग पर प्रकाश नहीं पहुँच पाता। पर्दे के इस भाग को वस्तु की छाया कहते हैं। रात्रि के समय बल्ब के प्रकाश में कार्य करते समय यदि हम अपने हाथ को बल्ब के अधिक नीचे रखें तो उसकी स्पष्ट छाया हमको पृथ्वी पर दिखायी देगी। जैसे-जैसे हम इस हाथ को पृथ्वी के अधिक पास लाते जायेंगे, वैसे-वैसे यह छाया छोटी होती जायेगी। इस हाथ रूपी अपारदर्शी रुकावट को जब हम बल्ब के पास लायेंगे तो यह छाया बड़ी और धुंधली होती जायेगी।