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संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1992
1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के शैक्षिक विकास में मील का पत्थर है। 1990 में आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में एक समिति ने इसकी समीक्षा की। इसकी सिफारिशों पर शिक्षा के केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड ने विचार किया और आन्ध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमन्त्री श्री एन. जनार्दन रेड्डी की अध्यक्षता में 22 जनवरी, 1992 को नीति समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। शिक्षा के केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड ने इस रिपोर्ट पर विचार करके इसमें कुछ परिवर्तनों का सुझाव दिया था। परिणामस्वरूप संसद के समक्ष 7 मई, 1992 को शिक्षा के केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड द्वारा अनुमोदित एवं संशोधित नीतियाँ कुछ सुझावों के साथ रखी गयीं। साथ ही साथ नीति को लागू करने की संशोधित कार्य योजना तैयार की गयी और 19 अगस्त, 1992 को संशोधित कार्यनीति 1992 संसद के समक्ष रखी गयी। सबके लिये प्राथमिक शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये पाँच प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गयी जिससे समुदाय की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा को बनाया जा सके तथा आर्थिक ध्रुवीकरण और उदारीकरण की नयी चुनौतियों का सामना किया जा सके।