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शैशवावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,शैशवावस्था में शिक्षा

3 years ago
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दोस्तों आज के इस आर्टिकल में शैशवावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,शैशवावस्था में शिक्षाके बारे में  बतायेंगे. जिसके अंतर्गत हम  शैशवावस्था की परिभाषाएं,शैशवावस्था का अर्थ,शैशवावस्था में शिक्षा किस प्रकार होनी चाहिए, इत्यादि के बारे में विस्तार से बतायेंगे.

अनुक्रम (Contents)

  • शैशवावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,शैशवावस्था में शिक्षा
  • शैशवावस्था
  • शैशवावस्था के महत्वपूर्ण कथन :-
  • शैशवावस्था की विशेषताएँ :-
      • किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा
      • बाल्यावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,बाल्यावस्था में शिक्षा
      • बाल विकास का अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता एवं महत्व
      • अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा,अधिगम के नियम, प्रमुख सिद्धान्त एवं शैक्षिक महत्व
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शैशवावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,शैशवावस्था में शिक्षा

शैशवावस्था

शैशवावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,शैशवावस्था में शिक्षा

शैशवावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,शैशवावस्था में शिक्षा

शैशवावस्था वह अवस्था है जो जन्म के पश्चात प्रारम्भ होती है, तथा 5 या 6 वर्ष आयु तक चलती है।

शैशवावस्था को जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था माना गया है। क्योकि इस काल में शिशु का जितना ज्यादा निर्देशक व नियन्त्रण किया जाता हैं। भावी जीवन की सफलता इसी बात पर निर्भर करती है।

क्रो एण्ड क्रो के अनुसार :- इन्होने 20 वीं शताब्दी को बालको की शताब्दी कहा क्योंकि इस शताब्दी में बालकों के विकास को लेकर विस्तृत एव गहन अनुसंधान प्रयोग किये गये है। और इसी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि शैशवावस्था जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवस्था है।

शैशवावस्था के महत्वपूर्ण कथन :-

1. वेलेंटाइन के अनुसार शैशवावस्था सीखने का आदर्श काल है।

2. थार्नडाइक के अनुसार :- 3-6 वर्ष की आयु का बालक प्रायः अर्द्धस्वपनावस्था की अवस्था में रहते है।

3. फ्रायड :- व्यक्ति को जो कुछ भी बनना होता है वह चार पाँच वर्षों में बन जाता है।

4. वाटसन :- शैशवावस्था में सीखने की गति और विकास की सीमा अन्य अवस्था की में अधिक होती है।

5. गैसल :- प्रथम 6 वर्ष बालक बाद के 12 वर्ष का दुगुना सीख जाता है।

6. गुडएनफ :- व्यक्ति का जितना भी मानसिक विकास होता हैं उसका आधार 3 वर्ष की आयु तक हो जाता है।

शैशवावस्था की विशेषताएँ :-

1. शारीरिक विकास की तीव्रता
2. मानसिक विकास की तीव्रता
3. सीखने का आदर्श काल
4. सीखने की प्रक्रिया में तीव्रता
5. कल्पना की सजीवता
6. दूसरों पर निर्भरता
7. आत्म प्रेम/ स्व मोह की भावना
8. नैतिक गुणों का अभाव
9. मूल प्रवृत्तियों पर आधारित व्यवहार
10, काम शक्ति का प्रदर्शन
11. अनुकरण द्वारा सीखने की प्रक्रिया
12. जिज्ञासा की प्रवृत्ति
13. दोहराने की प्रवृत्ति
14. अन्तर्मुखी व्यक्तित्व
15. संवेगों का प्रदर्शन

किशोरावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,समस्याएं,किशोरावस्था में शिक्षा

बाल्यावस्था का अर्थ एवं परिभाषाएं,विशेषताएं,बाल्यावस्था में शिक्षा

बाल विकास का अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता एवं महत्व

अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा,अधिगम के नियम, प्रमुख सिद्धान्त एवं शैक्षिक महत्व

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थाईडाइक के सीखने के सिद्धांत

(1) प्रयास एवं त्रुटी का सिद्धांत
(2) प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत
(3) आवृत्ति (बार-बार) का सिद्धांत
(4) उद्दीपक (Stimulus) अनुक्रिया (Respones) का सिद्धांत
(5) S-RBond का सिद्धांत
(6) सम्बन्धवाद का सिद्धांत
(7) अधिगम का बन्ध सिद्धांत

पुनर्बलन का सिद्धांत/ हल का सिद्धांत

  1. प्रबलन का सिद्धांत
  2. अर्तनोद न्यूनता का सिद्धांत
  3. सबलीकरण का सिद्धांत
  4. यथार्थ अधिगम का सिद्धांत
  5. सतत अधिगम का सिद्धांत
  6. क्रमबद्ध अधिगम का सिद्धांत
  7. चालक न्यूनता का सिद्धांत

बान्डुरा का सामाजिक अधिगम सिद्धांत

क्रिया-प्रसुत का अधिगम् सिद्धांत

1. R.S. का सिद्धांत
2. सक्रिय अनुबंधन का सिद्धांत
3. व्यवहारिक सिद्धांत
4. नेमेन्तिकवाद का सिद्धांत
5. कार्यात्मक प्रतिबधता का सिद्धांत

पावलव का अनुकूलित अनुक्रिया सिद्धांत

1. शरीर शास्त्री का सिद्धांत
2. शास्त्रीय अनुसंधन सिद्धांत
3. क्लासिकल सिद्धांत/क्लासिकल अनुबंधन
4. अनुबंधित अनुक्रिया का सिद्धांत
5. सम्बन्ध प्रतिक्रिया का सम्बन्ध
6. अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत
7. अस्वभाविक अनुक्रिया का सिद्धांत

कोहलर का अर्न्तदृष्टि या सूझ का सिद्धांत

  1. गेस्टाल्ट सिद्धांत
  2. समग्र सिद्धांत
  3. कोहलर का अर्न्तदृष्टि का सिद्धांत
  4. कोहलर का सूझ का सिद्धांत
  5. अन्तर्दृष्टि या सूझ का सिद्धांत
  6. कोहलर का सिद्धान्त
  7. अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त
  8. गेस्टाल्टवादियों का सिद्धान्त

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