B.Ed./M.Ed.

सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ (Beginning of Information and Communication Technology)

सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ
सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ

सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का प्रारम्भ (Beginning of Information and Communication Technology)

वर्तमान युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। इस युग में रोजाना नये तरह के आविष्कार हो रहे हैं। नित नई-नई खोज हो रही है। जितनी पुरानी हमारी सभ्यता एवं संस्कृति है उतनी ही पुरानी कहानी सूचनाओं के एकत्रीकरण एवं सम्प्रेषण की है। उस समय भी सूचनाओं का एकत्रीकरण, संग्रह तथा स्थानान्तरण होता था जब कोई यान्त्रिक या प्राद्यौगिकी साधन नहीं थे। पूरा ज्ञान कंठस्थीकरण के माध्यम से स्मृति रूप में मस्तिष्क में संजोया जाता था और मौखिक रूप से इसका हस्तान्तरण किया जाता था। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ ज्ञान का क्षेत्र असीमित होता चला गया। मानव आबादी एवं इनमें भिन्नता के कारण सम्प्रेषण का कार्य अपने आप में एक समस्या बन गया। लेखन कला के प्रयोग को इस दिशा में प्रथम महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है। सन् 1450 में जर्मनी के गुटेनबर्ग द्वारा मुद्रण मशीन के आविष्कार ने सूचना तकनीकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस दिशा में किये गये प्रयास निम्नलिखित हैं

1. 1849 में इंग्लैण्ड तथा फ्रांस में छाया चित्र विज्ञान (फोटोग्राफी) का आविष्कार।

2. 1900 में फ्रांस के प्रोफेसर ए.बी. रेने ग्राफीन द्वारा फोटोस्टेट तकनीकी का आविष्कार।

3. 1938 में अमेरिकन प्रोफेसर एफ. कार्लसन द्वारा जीरोग्राफी का आविष्कार ।

4. 1940 में इंग्लैण्ड के जे.बी. डेंसर तथा फ्रांस के रेने डेमेन द्वारा माइक्रोग्राफी तकनीक का आविष्कार।

5. 1960 में अमेरिका के थियोडोर मेमनन द्वारा लेसर तकनीक का आविष्कार।

6. 20वीं शताब्दी में अति आधुनिक उपकरणों मैग्नेटिक वीडियो कैमरा, वीडियो डिस्क एवं संगणकों का विकास आदि।

उपर्युक्त प्रयासों के अतिरिक्त दूर संचार तकनीकी के विकास ने भी सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के विकास में अपूर्व सहायता प्रदान की है। संदेश वाहक के रूप में कबूतरों के प्रयोग से आज हम सेटेलाइट संचार सेवा तक पहुँच गये हैं इस दिशा के कुछ महत्वपूर्ण आविष्कार इस प्रकार है-

1. 1837 में अमेरिका एस.पी.बी. मोर्स द्वारा तार प्रणाली का आविष्कार।

2.1876 में स्कॉटलैण्ड के अलेक्जेण्डर ग्राहम बेल द्वारा टेलीफोन का आविष्कार।

3. 1895 में इटली के जी. मारकोनी द्वारा रेडियों का आविष्कार।

4. 1925 में स्कॉटलैण्ड के जे.एल. बेयर्ड द्वारा टेलीविजन का आविष्कार।

5. संचार उपग्रहों का आविष्कार एवं विकास इस दिशा में सर्वप्रथम स्पूतनिक उपग्रह 4 अक्टूबर, 1957 को सोवियत रूस द्वारा अंतरिक्ष में स्थापित किया गया।

6. बीसवीं शताब्दी में केबिल एवं फैक्स तकनीक का विकास हुआ।

अत: उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से ही इन सबकी सहायता से (i) सूचनाओं को एकत्रित करने, (ii) सूचनाओं का संग्रह करने, (iii) नाओं को प्रस्तुत करने एवं (iv) हस्तान्तरित करने के महत्वपूर्ण प्रयास प्रारम्भ हो गये थे।

सन् 1950 में विश्व में सबसे पहले सूचना एवं सम्प्रेषण संसार में सूचना एवं सम्प्रेषण विज्ञान शब्द का प्रयोग किया गया। जैसे-जैसे सूचना एवं सम्प्रेषण विज्ञान की परिधि में वृद्धि होती गयी और सन् 1960 में औद्योगिक क्षेत्र में भी इसका प्रयोग किया जाने लगा। कम्प्यूटर एवं सम्प्रेषण विज्ञान का प्रयोग हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों यात्रा-पुलिस, सेना, बैकिंग, प्रबन्धन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा, सरकारी कार्यालयों, कानूनी सेवाओं इत्यादि में किया जाने लगा। इसीलिए सूचना एवं सम्प्रेषण विज्ञान को आज सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी कहा जाने लगा है। वर्तमान समय में शिक्षा के क्षेत्र में इसका उपयोग कक्षा शिक्षण अधिगम, दूरवर्ती एवं ऑनलाइन शिक्षा तथा अन्य सभी प्रकार के औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षण अधिगम में अधिकाधिक किया जाने लगा है तथा आने वाली पीढ़ी को सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी के प्रयोग हेतु वांछित ज्ञान व कौशल प्रदान किया जा रहा है।

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shubham yadav

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